Premanand Ji Maharaj: प्रेमानंद जी महाराज आज के समय में अध्यात्म की एक ऐसी आवाज बन चुके हैं, जो सीधे दिल को छू जाती है. उनकी उपस्थिति किसी दिव्य ऊर्जा की तरह है, जो जीवन की उलझनों में शांति का एहसास कराती है. भले ही अब उनका परिचय देना जरूरी नहीं, लेकिन हर बार उनके शब्दों में कुछ नया, कुछ आत्मिक होता है. सोशल मीडिया पर उनके प्रवचन, रील्स और सत्संग लाखों लोगों के लिए मार्गदर्शन बन चुके हैं. भारत ही नहीं, विदेशों में बसे श्रद्धालु भी उनसे जुड़े हैं. उनकी खासियत सरलता है, क्योंकि वो जटिल विषयों को भी ऐसे समझाते हैं कि मन हल्का हो जाता है. प्रेमानंद जी की वाणी, एक सच्चा रास्ता दिखाने वाली रोशनी है. शरण में आए भक्तों को महाराज हमेशा आध्यात्मिक रास्ते पर चलने को कहते हैं. वर्तमान समय में अमूमन हर इंसान मेंटल हेल्थ के दौर से गुजर रहा है. करीब-करीब हर इंसान के मन में नेगेटिवट विचार आते रहते हैं, जिसकी वजह से उनका काम और जिंदगी दोनों प्रभावित होती है. ऐसे में प्रेमानंद जी महाराज ने मन में चल रहे नकारात्मक विचारों को दूर करने के आसान उपाय बताए हैं, जिनको अपना व्यक्ति अपने मन को शांत और सकारात्मकता से भर सकता है.
प्रभु का करें नाम जप
प्रेमानंद जी महाराज का कहना है कि भगवान के नाम में अपार शक्ति निहित होती है. जब हम उनका नाम लेते हैं, तो हमारे मन में सकारात्मकता का प्रवाह होता है और नकारात्मक विचार खुद ही दूर होने लगते हैं. यही कारण है कि मानसिक अशांति और बुरे विचारों से मुक्ति पाने के लिए भगवान के नाम का जप अत्यंत प्रभावी होता है. यह हमारे मन को शांति और संतुलन प्रदान करता है, जिससे जीवन में सुख और सुखद अनुभव आते हैं.
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प्रभु का करें स्मरण
प्रेमानंद जी महाराज के अनुसार, सनातन धर्म में प्रभु के नाम की महिमा को शब्दों में व्यक्त करना संभव नहीं है. केवल उनके नाम का जाप करने से हम उनकी महानता को अनुभव कर सकते हैं. जब जीवन में समस्याएं और चिंताएं हमें घेर लें, तो प्रभु के नाम का सहारा लेना सर्वोत्तम उपाय है. उनका नाम जपने से मन की अशांति और बुरे विचार दूर होते हैं, और हमें मानसिक शांति मिलती है.
तनाव की स्थिति से बचें
प्रेमानंद जी महाराज के अनुसार, बुरे विचारों से मुक्ति पाने के लिए तनाव से बचना आवश्यक है, क्योंकि तनाव के कारण मन अशांत हो जाता है और नकारात्मक विचारों का उत्पन्न होता है. ऐसे में हमें अपने मन को शांत रखना चाहिए और जब भी मन खाली हो, भगवान का नाम जपना चाहिए. उन्होंने यह भी बताया कि आध्यात्मिकता के बिना नकारात्मक भावों पर नियंत्रण पाना मुश्किल है, लेकिन भगवान के चिंतन से हम किसी भी चिंता और नकारात्मकता से मुक्त हो सकते हैं.
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