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Uterus Removal Side Effects: बच्चेदानी निकलवाने की सोच रही हैं तो एक बार इसके नुकसान भी जान लें

Side Effects Of removal Uterus : बच्चेदानी निकलवाने के बाद महिलाओं में पीरियड्स आना बंद हो जाता है. जिसका सीधा असर शरीर पर पड़ता है. बच्चेदानी निकलवाने के बाद महिलाओं के शरीर में सूजन, कमर दर्द, प्राइवेट पार्ट में दर्द और ड्राइनेस की समस्या बनी रहती है.

Uterus Removal Side Effects: आज के समय में बच्चेदानी निकालने की सर्जरी बहुत कॉमन हो गई है. पहले पेट चीर कर बच्चेदानी निकाली जाती थी लेकिन अब दूरबीन से निकाली जाती है. बच्चेदानी सर्जरी के दौरान भी कुछ नुकसान आ सकते हैं या फिर बच्चेदानी निकलवाने के कुछ साल बाद भी साइड इफेक्ट आ सकते हैं. हम आज बात करेंगे बच्चेदानी निकलवाने के नुकसान के बारे में.

दरअसल महिलाओं में बच्चेदानी एक अहम अंग है. इसे आमभाषा में गर्भाशय कहा जाता है. यह गर्भ धारण करने और जबतक बच्चा जन्म नहीं लेता है तब तक उसे संभालता है. सरल शब्दों में कहा जाए तो बच्चेदानी महिला प्रजनन और जन्म से पहले भ्रूण के विकास और पालन-पोषण का काम करता है. इसलिए कहा जाता है कि गर्भधारण करने के लिए बच्चेदानी का स्वस्थ होना जरूरी होता है. लेकिन कई बार कुछ महिलाओं को बच्चेदानी से जुड़ी समस्याओं से जूझना पड़ता है. जिसके कारण बच्चेदानी को निकलवाना पड़ जाता है. हालांकि बच्चेदानी निकलवाने के कई नुकसान होते हैं.

पीरियड्स बंद हो जाता है
बच्चेदानी निकलवाने के बाद महिलाओं में पीरियड्स आना बंद हो जाता है. जिसका सीधा असर शरीर पर पड़ता है. बच्चेदानी निकलवाने के बाद महिलाओं के शरीर में सूजन, कमर दर्द, प्राइवेट पार्ट में दर्द और ड्राइनेस और मोटापा बढ़ने की समस्या होती है.

शारीरिक संबंध के दौरान दर्द
बच्चेदानी निकलवाने के बाद महिलाओं को कई सारी समस्याओं से जूझना पड़ता है. जैसे की शारीरिक संबंध के दौरान महिलाओं को योनि में दर्द होने की संभावना बनी रहती है.

बच्चेदानी निकलवाने के बाद दर्द
बता दें बच्चेदानी के सर्जरी के बाद भी उस जगह पर दर्द बना रहता है. इसके अलावा आसपास जलन और खुजली होती रहती है.

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बच्चा कंसीव न करना
बच्चेदानी निकलवाने के बाद कोई भी महिला कभी बच्चा कंसीव नहीं कर पाएगी. यह सबसे बड़ा नुकसान होता है.

कैंसर का खतरा
बच्चेदानी निकलवाने से कैंसर का खतरा बढ़ जाता है. इस तरह के मामले कई बार लेप्रोस्कोपिक हिस्टेरेक्टॉमी में ही देखा जाता है. क्योंकि बच्चेदानी के टिश्यू को खत्म करने के लिए पावर मोर्सलेटार का इस्तेमाल किया जाता है. जिसके कारण शरीर में कैंसर टिशू तेजी से फैल जाते हैं जो आगे के लिए खतरनाक साबित हो सकता है.

हर्निया का खतरा
बच्चेदानी निकालवाने के बाद हर्निया का खतरा बढ़ जाता है. कई बार देखा जाता है कि गर्भाशय का जो एरिया होता है उसके पास की मांसपेशियां बच्चेदानी निकालने के बाद कमजोर हो जाती है. जिसके कारण हर्निया का खतरा बढ़ जाता है.

हार्ट अटैक का खतरा
बच्चेदानी निकालने के बाद महिलाओं में हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है.

मेनोपॉज का खतरा
बच्चेदानी और अंडाशय दोनों को निकालना पड़ता है. इसके बाद महिलाओं को हॉट फ्लैश, इंसोम्निया और रात में पसीना आने की शिकायत होने की संभावना बनी रहती है. जो मेनोपॉज की सबसे शुरुआती लक्षण माना जाता है.

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