Webseries Guldasta: छोटे शहर के बड़े सपनों की एक नई मिसाल बनकर उभरी है ‘गुलदस्ता’ वेब सीरीज. इसे छात्रों व MAAC Ranchi की एक टीम ने तैयार किया है. सभी डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय (dspmu) के पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग के छात्र हैं. अपनी पढ़ाई को जारी रखते हुए इस पारिवारिक वेब सीरीज का निर्देशन किया रांची के युवा फिल्ममेकर ए सत्यम पाठक ने किया है. वे कहते हैं कि सपना देखने की कोई उम्र और जगह नहीं होती, बस हौसला चाहिए. सीरीज गुलदस्ता 25 अप्रैल 2025 से हर शुक्रवार को ‘Focus Cinematics’ के यूट्यूब चैनल पर रिलीज होगी. हालांकि ‘गुलदस्ता’ में काम करने वाले सभी कलाकार पहली बार अभिनय कर रहे हैं और किसी का भी थिएटर बैकग्राउंड नहीं है, लेकिन सभी ने मेहनत और लगन से बेहतरीन प्रदर्शन किया है.
मिडिल क्लास परिवार के इर्द-गिर्द घूमती है गुलदस्ता
बता दें कि, ‘गुलदस्ता’ एक पारिवारिक ड्रामा है, जिसकी कहानी एक आम भारतीय मिडिल क्लास परिवार के इर्द-गिर्द घूमती है. सत्यम कहते हैं कि हमें इसी राह पर आगे बढ़ते रहना है. हमेशा से सिनेमा बनाने की इच्छा थी, लेकिन रांची जैसे छोटे शहर में इतने बड़े सपने को उड़ान देना आसान नहीं था. एक दिन हमें यह प्रस्ताव मिला कि क्या हम एक वेब सीरीज बना सकते हैं. तब हम एक जीरो बजट प्रोजेक्ट पर काम कर रहे थे. यहीं से ‘गुलदस्ता’ की कहानी शुरू हुई. वे कहते हैं कि इस वेब सीरीज की प्रेरणा भी उन्हीं परिवारिक अनुभवों से मिली जो हर मिडिल क्लास घर में देखने को मिलते हैं. हमने अपने आसपास के माहौल से कहानी ली, और उसमें थोड़ा कल्पना का तड़का लगाया.
सीरीज की खासियत भावनाओं का गुलदस्ता
वर्तमान समय में में जहां हर दिन नई-नई वेब सीरीज आ रही हैं, वहीं ‘गुलदस्ता’ दर्शकों को परिवार के साथ बिताए लम्हों की अहमियत याद दिलाती है. टीम के अभिषेक पांडेय का कहना है कि हम इतने व्यस्त हो गए हैं कि परिवार के साथ बैठना और हंसना भूल चुके हैं. यह सीरीज अपनों के साथ कुछ प्यारे पल बिताने का मौका देगी. पांच एपिसोड की इस सीरीज में जीवन की छोटी-छोटी बातों को बेहद सरल तरीके से दिखाया गया है, जिससे हर कोई जुड़ाव महसूस करेगा. सीरिज में अभिषेक पांडेय, निकिता बेक, तेजस राज, उत्तम कुमार व अन्य मुख्य भूमिका निभाते नजर आएंगे.
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..और धीरे-धीरे कैमरे से हो गई दोस्ती
टीम के सभी सदस्य छात्र हैं. लेकिन, इस प्रोजेक्ट को अपनी पढ़ाई के साथ सभी ने मैनेज किया. टाइमिंग सबसे बड़ी चुनौती रही, लेकिन सभी ने शूटिंग को प्राथमिकता दी और अपने समय का बेहतरीन प्रबंधन किया. पहली बार कैमरे के सामने आने का अनुभव साझा करते हुए कलाकार अंशिका प्रिया ने कहा कि शुरुआत में डर लग रहा था, लेकिन धीरे-धीरे कैमरे से दोस्ती हो गई. वे कहती हैं कि निर्देशक 20 से ज्यादा शॉर्ट फिल्मों का निर्देशन कर चुके हैं, इसलिए उन्हें तकनीकी रूप से ज्यादा दिक्कत नहीं हुई. उन्होंने खास ध्यान रखा कि यह प्रोजेक्ट किसी लोकल वीडियो की तरह न लगे, बल्कि एक सिनेमा जैसा अनुभव दे.
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