निर्भया की मां ने अभिनेत्री कंगना रनौत के बयान का समर्थन किया है. उन्होंने कहा,’ मैं कंगना रनौत के बयान से सहमत हूं. मैं उनका धन्यवाद करती हूं. मैं किसी की तरह महान नहीं बनना चाहती. मैं एक मां हूं और सात साल पहले मेरी बेटी की जान गई है और मैं इंसाफ चाहती हूं.’ दरअसल कंगना ने निर्भया गैंगरेप और हत्या के दोषियों को लेकर दिये वरिष्ठ वकील इंदिरा जयसिंह के बयान पर उन्हें खरी खोटी सुनाई थी.
इससे पहले आशा देवी ने कहा था,’ वरिष्ठ अधिवक्ता इंदिरा जयसिंह ने जिस तरह से मुझसे सवाल किया. ये मानव अधिकारों के नाम पर समाज को धोखा देना है. बच्चियों के साथ हो रहे अपराधों का मजाक बनाना है. ये मानव अधिकारों के नाम पर बिजनेस चलाते हैं और सिर्फ और सिर्फ मुजरिमों को सपोर्ट करते हैं.
कंगना ने क्या कहा था ?
कंगना अपनी आनेवाली फिल्म ‘पंगा’ के प्रमोशन के दौरान एक पत्रकार के सवाल के जवाब दे रही थीं. उन्होंने कहा,’ उस (इंदिरा जयसिंह) महिला को चार दिन उन कैदियों के साथ जेल में बंद कर दो. कैसी महिला हैं वो जिसे ऐसे लोगों पर दया आती है. ऐसी औरतों की कोख से ही वहशी-दरिंदे पैदा होते हैं. कैसे लोगों को बलात्कारियों के प्रति सहानुभूति होती है.’ उन्होंने दोषियों के बारे में कहा कि,’ जो शख्स इस तरह की हरकतें कर पा रहा है वह किसी मायने में अव्यस्क तो है ही नहीं.’
इंदिरा जयसिंह ने क्या कहा था ?
इंदिरा जयसिंह ने ट्वीट में कहा था कि,’ मैं आशा देवी के दर्द को समझ सकती हूं. लेकिन मैं आशा देवी से आग्रह करती हूं कि वो सोनिया गांधी की तरह उदाहरण पेश करें जिन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के मामले में सजायक्ता नलिनी को माफ कर दिया था.’ उन्होंने आशा देवी को संबोधित करते हुए कहा कि हम आपके साथ हैं लेकिन फांसी की सजा के खिलाफ हैं.
इंदिरा जयसिंह के बयान पर क्या बोलीं थीं पीड़िता की मां
आशा देवी ने इंदिरा जयसिंह के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि दोषियों को माफ कर देने की सलाह देने वाली इंदिरा जयसिंह कौन होती हैं? आशा देवी ने कहा कि, पूरा देश चाहता है दोषियों को फांसी होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि इंदिरा जयसिंह जैसे लोगों की वजह से ही बलात्कार पीड़ितों को न्याय नहीं मिल पाता और बलात्कारियों का मन बढ़ जाता है.