बीजिंग : बॉलीवुड सुपरस्टार शाहरूख खान बीजिंग अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (BIFF) में अपनी फिल्म ‘ज़ीरो’ की स्क्रीनिंग के सिलसिले में चीन की राजधानी में हैं.
अभिनेता का मानना है कि भारत और चीन को मिलकर ऐसी फिल्में बनानी चाहिए जिनमें उन पारिवारिक मूल्यों को दिखाया जाए जो दोनों संस्कृतियों को जोड़ते हैं.
खान ने कहा कि सिनेमा और कला भाषा की बंदिशों से परे जाकर लोगों से बात करते हैं और ये लोगों के आपसी संवाद में हमेशा केंद्र में रहते हैं.
सरकारी सीजीटीएन को दिए साक्षात्कार में खान ने कहा कि प्रौद्योगिकी, आयात-निर्यात सब चलता है लेकिन सिनेमा और कला लोगों के बीच आपसी संवाद के दौरान सबसे आगे होता है.
उन्होंने कहा कि संस्कृति, पठन, रचनाएं ये ऐसी चीजें हैं जो लोगों के बीच आपसी संपर्क को बढ़ाती हैं क्योंकि कला की भाषा शब्दों से परे होती है. सीजीटीएन ने खबर में कहा कि बीजिंग हवाई अड्डे पर प्रशंसकों ने खान का जोरदार स्वागत किया.
कुछ प्रशंसक तो 2500 किलोमीटर दूर शीजिआंग स्वायत्त क्षेत्र से अभिनेता की एक झलक पाने के लिए आए थे. खान ने कहा, जब मैं हवाई अड्डे से बाहर निकला तो वे एकदम से शोर मचाने लगे.
एक पल के लिए तो मुझे लगा कि वे किसी और के लिए यह कर रहे हैं, लेकिन मुझे मामूल हुआ कि वे शीजिआंग से आए हैं. खान ने महोत्सव के संवाद मंच पर कहा कि हमें एक ऐसी कहानी पर काम करना चाहिए जिसे हर कोई चाहता है.
भारत और चीन को साथ मिलकर महंगी फिल्मों का निर्माण नहीं करना चाहिए बल्कि फिल्में अच्छी कहानी पर आधारित होनी चाहिए. ये हमारे पारिवारिक मूल्यों, संस्कृति और भावनाओं पर आधारित होनी चाहिए, जिनमें संदेश होना चाहिए क्योंकि जज्बात ही तो दोनों देशों के लोगों को जोड़ते हैं.