मुंबई : गुनीत मोंगा के लिए ऑस्कर जीतना कोई मामूली बात नहीं थी. इसके पीछे उनकी सालों की कठोर परिश्रम तथा अपनी पसंद की फिल्मों को बनाने के सोशल मीडिया के जरिये पैसे जुटाने से लेकर अपना एकमात्र मकान बेचने तक के प्रयास शामिल हैं.
वृत्त चित्र ‘पीरियड. एंड ऑफ सेंटेंस' के लिए उन्हें एकेडमी पुरस्कार मिला है.
इसके अलावा वह आलोचकों द्वारा सराही गयी ‘द लंचबॉक्स', ‘मसान' एवं ‘हरामखोर' जैसी फिल्मों से भी जुड़ी रही हैं. गुनीत ने कहा, ‘‘हर फिल्म के वास्ते हमने व्यक्तिगत तौर पर पैसे जुटाए. हमारा तरीका लगभग ‘कर गुजरने वाला' था. हमने फेसबुक के माध्यम से पैसे जुटाए तथा डेढ़ करोड़ रूपये से ‘पेडलर्स' और ‘हरामखोर' फिल्में बनायीं क्योंकि यहां व्यक्ति को पारंपरिक तरीके से पैसे नहीं मिलते हैं.''
उन्होंने कहा, ‘‘किसी ने ‘लंचबॉक्स' के लिए फ्रांस से पैसे जुटाएं और यहां कुछ अंश पूंजी की व्यवस्था की. ‘मानसून शूटआउट' क लिए, मेरे पास जो एक मात्र मकान था, उसे मैंने बेच दिया। यह मेरे लिए जुनून जैसी बात थी.''