जयपुर : किन्नर के जीवन संघर्ष पर आधारित फिल्म ‘खेजड़ी’ इसी सप्ताह ढाका फिल्म महोत्सव में दिखायी जा रही है. धारावाहिक ‘सिया के राम’ में राम बने आशीष शर्मा इसमें ‘किन्नर’ की भूमिका निभा रहे हैं जो समाज में अपनी जगह बनाने के लिए जद्दोजहद करता है. आशीष ने उम्मीद जताई कि खेजड़ी उनके करियर में एक बड़ा मील साबित होगी. फिल्म खेजड़ी किरण सिंह की लघुकथा ‘संझा’ का सिनेमाई रूपांतरण है जिसकी शूटिंग पिछले साल राजस्थान के सरदार शहर में हुई.
फिल्म की ओपनिंग कशिश-द नेशनल फिल्म महोत्सव में हुई जो दक्षिण एशिया का अपनी तरह का सबसे बड़ा एलजीबीटीक्यू फिल्म महोत्सव है. उसके बाद जर्मनी के होमोक्रोम फिल्म महोत्सव में इसे दिखाया गया. यह भारत की पहली फिल्म है जिससे जर्मनी का कोई फिल्म महोत्सव शुरू हुआ हो. आशीष ने बताया कि इसी रविवार यह फिल्म ढाका फिल्म महोत्सव में दिखाई जा रही है.
उन्होंने बताया कि इस फिल्म को बनाने की प्रकिया कुछ साल पहले शुरू हुई जब उनके पिता ने इसके बारे में बताया। वह कहानी कहीं उनके जहन में अटक कर रह गयी। आशीष ने कहा, ‘‘मैंने और मेरी पत्नी ने फैसला किया कि हमारी पहली फिल्म इसी कहानी पर आधारित होगी. उस कहानी को पटकथा में बदला गया और पिछले साल इसी शूटिंग की गयी.’ उन्होंने कहा कि खेजड़ी एलजीबीटीक्यू विषय पर बनी ऐसी पहली फिल्म है जिसका प्रीमियर पहले विदेश में होगा. पहले यह थाइलैंड के सिनेमाघरों में आएगी उसके बाद इसे देश के सिनेमाघरों में लाया जाएगा. हालांकि इसकी तारीख अभी तय नहीं हुई है.
खेजड़ी में आशीष शर्मा लीड रोल में हैं. इसके अलावा यशराज जादव और आकाश प्रताप सिंह भी फिल्म में हैं. रचियता फिल्म्स बैनर के तहत यह पहली फिल्म है जिसकी निर्माता अर्चना टी शर्मा एवं निर्देशक रोहित द्विवेदी हैं. फिल्म की शूटिंग राजस्थान के सरदार शहर में हुई. आशीष ने कहा कि ट्रांसजेंडर या किन्नर समुदाय के प्रति जागरुकता नहीं है. हमारे लिए एक ही शब्द है किन्नर, लेकिन उसमें बहुत सारी श्रेणियां हो सकती हैं. यह कहानी ऐसे व्यक्तित्व के बारे में है जो एक हार्मोनल असंतुलन के साथ पैदा होता है. खेजड़ी मानवीय यात्रा की कहानी है. यह समाज में जगह बनाने की एक व्यक्तित्व की कोशिश की बात है. हालांकि उन्होंने स्वीकार किया कि ऐसी भूमिकाएं करना किसी भी कलाकार के लिए आसान नहीं होता. इस फिल्म से ठीक पहले आशीष ‘सिया के राम’ धारावाहिक में रामजी की भूमिका में थे.
उन्होंने कहा कि इस तरह की चुनौतीपूर्ण भूमिकाएं करना आसान नहीं है क्योंकि न केवल आप बड़ा जोखिम ले रहे हैं बल्कि आसपास के लोग भी आपको पीछे की ओर खींचते हैं. हतोत्साहित करते हैं. पेशेवराना यह बहुत ही जोखिम भरा होता है. उन्हें उम्मीद है कि खेजड़ी उनके अभिनय करियर में मील का पत्थर साबित होगी.
गौरतलब है कि खेजड़ी एक पेड़ है जिसे रेगिस्तान का कल्पवृक्ष कहा जाता है. यह राजस्थान का राज्यवृक्ष भी है. आशीष ने कहा कि उनका बैनर क्षेत्रीय भाषा की बेहतरीन कहानियों पर काम करते हुए फिल्म बनाएगा. उन्होंने कहा, ‘‘हमारे यहां का साहित्य इतना समृद्ध है फिर भी हम फिल्में बनाते समय बाहरी कहानियों की ओर क्यों देखते हैं ? इसके बाद दो स्क्रिप्ट पर काम हो चुका है जो कमर्शियल प्रकृति की होंगी लेकिन इतना तय है कि हर साल हम ऐसी, लीक से हटकर फिल्म जरूर बनाएंगे.’
उल्लेखनीय है कि आशीष शर्मा इससे पहले पृथ्वी वल्लभ, रंगरसिया और चंद्रगुप्त मौर्य जैसे टीवी धारावाहिकों में काम कर चुके हैं. उनकी पहली फिल्म लव, सेक्स और धोखा थी। वह डांस शो झलक दिखला जा (2014) के विजेता रहे हैं.