14.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

शशि कपूर स्मृति शेष : एक बार फिर अपने पिता को खो दिया

नादिरा जहीर बब्बर शशि कपूर को थिएटर से किस हद तक लगाव था, इसका गवाह है पृथ्वी थिएटर. इस से जुड़ी यादों को यहां साझा कर रही हैं नादिरा जहीर बब्बर. नादिरा हिंदी फिल्म व नाटकों में अभिनय के लिए जानी जाती हैं. पेश है उन्हीं की जुबानी… शशि कपूर जी अब हमारे बीच नहीं […]

नादिरा जहीर बब्बर
शशि कपूर को थिएटर से किस हद तक लगाव था, इसका गवाह है पृथ्वी थिएटर. इस से जुड़ी यादों को यहां साझा कर रही हैं नादिरा जहीर बब्बर. नादिरा हिंदी फिल्म व नाटकों में अभिनय के लिए जानी जाती हैं. पेश है उन्हीं की जुबानी…
शशि कपूर जी अब हमारे बीच नहीं रहे. ऐसा लग रहा है जैसे मैंने एक बार फिर अपना पिता खो दिया है.फिल्म ही नहीं, थिएटर में भी उनका योगदान अतुलनीय है. थिएटर से उनकी जड़ें उनके पिता पृथ्वीराज कपूर जी के समय से जुड़ी थी, लेकिन कपूर खानदान के किसी बेटे ने थिएटर को अपना समय, पैसा खून व पसीना नहीं दिया, जितना शशि कपूर साहब ने दिया.
वह अपनी फिल्मों से मिली राशि को थिएटर में लगा देते थे. पृथ्वीराज कपूर जी का सपना था कि उनके पास एक भव्य थिएटर हो, जहां पर एक साथ कई नाटकों का मंचन हो सके. यह सपना शशि कपूर व उनकी पत्नी जेनिफर कपूर ने जुहू में पृथ्वी थिएटर बनाकर पूरा किया.
एक ऐसा थिएटर, जहां नये कलाकारों,लेखकों, निर्देशकों को अपनी योग्यता दिखाने का पूरा-का-पूरा मौका मिलता रहा है, जिस वजह से पृथ्वी थिएटर को हिंदी थिएटर का गढ़ कहा जाता है. यदि पृथ्वी थिएटर ने मदद नहीं की होती, तो हम यहां टिके नहीं रह पाते.
शशि जी व उनकी पत्नी ने हमें फर्स्ट फ्लोर रिहर्सल के लिए भी दिया था. वह बहुत मददगार थे. पत्नी जेनिफर की मौत के बाद शशि जी गहरे अवसाद में चले गये थे, लेकिन शो मस्ट गो ऑन इस बात को वह बखूबी जानते थे. जिस दिन जेनिफर कपूर की मौत हुई, उस दिन भी पृथ्वी थिएटर बंद नहीं था. नाटक चल रहे थे.
मेरी उनसे पहली मुलाकात दिल्ली के एक होटल में हुई थी. वह उस वक्त फिल्म त्रिशूल की शूटिंग के लिए वहां आये थे. मैं और राज उनसे मिलने वहां पहुंचे. वह हमें पहचानते नहीं थे, लेकिन जमीन से जुड़े थे.
मैंने आज तक उन जैसा विनम्र स्टार नहीं देखा. जब हम उनसे मिले थे, उस वक्त मुंबई में पृथ्वी थिएटर का निर्माण हुआ था. हमने उनसे फिल्मों के बारे में बात न करके थिएटर के बारे में बात की. उन्होंने उस पर बहुत बातें कीं. जब हमने बताया कि हम जल्द ही मुंबई शिफ्ट हो रहे हैं, तो उन्होंने हमें पृथ्वी थिएटर आने को कहा था.
हर नाटक देखने आते थे : वह चार साल पहले तक हर नाटक को देखने आते थे, लेकिन कुछ सालों से खराब स्वास्थ्य की वजह से बहुत कम आ पाते थे. पहले वह हमारे हर नाटक के मंचन के अगले दिन सुबह केक ,फूल के साथ एक लेटर भेजते थे, जिसमें हमारे परफॉरमेंस की तारीफ में कुछ लिखा होता था. मैं बहुत खुशनसीब हूं कि उनके ऐसे कई लेटर्स मुझे मिले हैं.
पृथ्वी थिएटर की पार्टियां खास : कपूर खानदान की पार्टियां, जैसा कि हम सभी जानते हैं, बहुत खास होती हैं. शशि जी की पार्टियां भी वैसी ही होती थीं. वह जितने खूबसूरत थे, उतना ही खूबसूरत उनका दिल भी था. वह सभी का पार्टी में बहुत ख्याल रखते थे. मैं पृथ्वी थिएटर की सारी पार्टियों का हिस्सा रही हूं.
शशि जी बहुत ही हंसने-हंसाने वाले व्यक्ति थे. पार्टी में वह जम कर जोक्स सुनाते थे. हम सब बहुत एंटरटेन होते थे. ऑन स्क्रीन ही नहीं, ऑफ स्क्रीन भी वह बहुत एंटरटेनिंग थे, खास कर जब तक उनके साथ जेनिफर कपूर रहीं.
प्रस्तुति : उर्मिला कोरी

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें