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ममता कुलकर्णी ने एबीपी न्यूज की शीला रावल से बातचीत में पल्टे अपनी जिंदगी के पन्ने, पढ़ें पन्ना दर पन्ना

नयी दिल्ली :बॉलीवुडकीविवादस्पद हीरोइन रहीं ममता कुलकर्णी ने एबीपी न्यजूकीसंवाददाताशीला रावल से केन्या में बातचीत में अपने जीवन के कई अनछुए पहलू पररोशनी डाली. कुलकर्णी हाल ही में ड्रग रैकेट केसाथ सांठगांठ को लेकरविवादों में रही हैं. पढिए इंटरव्यू के कुछ हिस्से : आप पर संगीन आरोप लगे? मुझे इस चीज से तकलीफ नहीं होती,क्योंकि […]

नयी दिल्ली :बॉलीवुडकीविवादस्पद हीरोइन रहीं ममता कुलकर्णी ने एबीपी न्यजूकीसंवाददाताशीला रावल से केन्या में बातचीत में अपने जीवन के कई अनछुए पहलू पररोशनी डाली. कुलकर्णी हाल ही में ड्रग रैकेट केसाथ सांठगांठ को लेकरविवादों में रही हैं. पढिए इंटरव्यू के कुछ हिस्से :


आप पर संगीन आरोप लगे?

मुझे इस चीज से तकलीफ नहीं होती,क्योंकि पता हैमेरेअंदर का जोमेरापरमात्मा हैकि मैं सच हूूंऔर मैं नहीं समझती कि यहमुझेपरेशान करता है और लोग लोगमेरेबारे में क्या सोचते हैं. आपको आखिरकारऊपर ही जाना हैऊपर जाकर सामनाकरना ही है.मेरेबारे में अफवाहें फैलायी जा रही हैं. जानबूझ कर की जा रही है.किसी मतलब से फैलायी जारही है. मैं तो यही कहना चाहूंगीकियहां हमारे कर्मों का कानून है. आपकिसी को गलत ढंग से किसी सच्चे व्यक्ति का नाम मत लो, क्योंकि आपको इसीजन्म में आप अपना येशरीर छोड़ोगे. आपकोकिसीऔर को अपनीशक्लऔर सूरतऔर जो भी आपने इस जीवन में कर्म किया वो सब आपकोलेकरऊपर जाना है. आपकोकिसी का सामना करना है वहां जाकर अपनीजिंदगी के बाद भी. तो मैं कहती हूं कुछ भी ऐसा मत करो, जो तुम्हारे पीछे जाये. तुम्हे वो करना चाहिए जो सही है.

बॉलीवुड में आगमन?

मैंमध्यमवर्गीय परिवार से आती हूं. मिडिलक्लॉसकेब्राह्मण परिवार से.मेरापूरा बचपन पूजापाठ में ही बीता. महाराष्ट्र मेंब्राह्मण का मतलबब्राह्मण मेंउच्च और नीच.और मैं उच्च कुल से आती हूं. हम जनेउ, धोती, पूजापाठ,यज्ञ और हवनमेरा यह सब देख के गुजरा. उसवक्त अच्छे परिवार की लड़कियों को सिनेमा में जाने की इजाजत नहीं होती थी तो वो सबमम्मी की इच्छा थी. वो लता मंगेशकर कीबड़ी फैन थीं… यहां तककि जब वो लताजी से मिली, वो उनकेलिए ऐतिहासिकथा और वोरो रहीं थीं…मेरी मां की आवाजअच्छी थी, वोअक्सर ट्रेन में गाती थीं.उनकेलिए लता मंगेशकर भगवान थीं. आप समझ सकती हो उनकी इच्छा थी कोई कुछ खाच्करे. ये सबमेरेलिए इसतरह से आया और मैं एकपीड़ितथी…और मुझ पर विश्वास करो कि मुझे फिल्म में कोई दिलचस्पी नहींहै.

बिंदास तसवीर पर केस?

वो एकबड़ी गलती थी,क्योंकि मैं उसमें विश्वास नहीं करती, जोमैंने तब किया था. मुझे अपनेऊपर हीविश्वास नहीं थाथा कि मैंने ये क्यूंकिया,लेकिन मैं एक बच्ची थी. मेरे अंदर बहुत मासूमियत थी.मुझेकिसी नेइंटरनेशनल बहुतअच्छा डेमी मूर का फोटो दिखाया, तो मैंने कहाठीक है. मैं एक चीजपर हमेशाविश्वास करती हूंकि गंदगी आपकी आंखों में है. अंदर है,वर्ना ऐसे तो आप कुंभ मेले में जाते हैं.साधु तो कुछ नहीं पहनते हैं,लेकिन उनको आप कभी गलतनजर से नहीं देखते हैं. तो मै ऐसा सोचती हूं कि गंदगी आपकी आंखों में है, वर्ना आपकोहर चीज नग्न लगेगी.पिक्चर में भी आपको लगेगाकि यह नग्न है,लेकिन दुर्भाग्यवश मेरे साथ ऐसा नहीं हुआ… मैं उसे कला के रूप में देखत रही थी. मैं नहीं जानती थीकि वो उसतरह से जायेगा. खैर ये किस्मत है… अगर आज मुझेफिर मुझे वो कवरमिलेगा तो मै नहीं करूंगी.

तप औरप्राश्चितक्यों?

मेराजनम ही सामान्य ढंग से नहीं हुआ था. जैसा मैंने अपनीकिताब में कहा हैकिमेरी मां लेबररूम में थी और दादीबाहरबैठी थी.चार बजेवक्त था सुबह काऔर उनकी आंख लग गयी तो मां भगवती उनकेदर्शन में आयीं मतलब उनके सपने में आयीं.चार बजे का समय था औि कहा क्क मैं आरही हूं और इसलड़की कोमेरा नाम मिलना चाहिए. औरमेरे फादर जो थे वो नहीं आये थे देखने. मैं तीसरी लड़की भी थी और जोमेरी दादी थी, उन्होंने मां भगवती की पूजा-पाठ.ब्राह्मण में तो येरोज का ही चलता है.मेरे जोपिताजी हैं, वोमदरमेरी के फॉलोवर हैंऔर हमने वैलेन कीली की मूर्ति रखी थी, वो जीसस के साथ बहुत फेमस हैं. मदरमेरी सुबह उनके सपने में आयी और कहाकि मैं आ रही हूं तुम्हारी बेटी के रूप में. मेरे पिताजीघर से बाहर आयेऔर वहां वहांमेरीमां और दादी भी थीं. जब दैवीय शक्तियों ने कहा थाकि मैं आ रही हूं तो चीजें बदल गयी थी.और,मेरा जन्म भी अलग परिस्थितियों में हुआ.मेरे तीसरे नंबरकेबावजूदभी.

उसवक्त मेरे पिताजी कानिलंबन हुआ था,किसी चीज के लिए. तीन महीने के लिए. तो जैसेमेरा जन्म हुआ मेरे डैडी को जॉब मिला. उनको प्रमोशनमिला, वोडेप्यूटीआरटीओ बनेऔर मैं अपनेघर वालों के लिए किस्मत वाली रही.पिताको पैसे मिलने लगे.

आध्यात्मिकजीवन के बारेमें?

मैंनेबारह सालया दस साल जो भी इंडस्ट्री में समय मैंने गुजारा,मुझे ऐसा लगा जब मैंने आध्यात्मिक जीवन मेंप्रवेश किया तोतीनों समाधियों को मैंने प्राप्त किया. उस अवस्था मेंमुझे ऐसा लगा कि मैंने इतना समयक्यूं व्यर्थ किया.क्यूं भगवान ने इतनी देर मुझेइतनीदेरउसकीजिंदगी में लाकर खड़ा कर दिया. फिर मैं सोचती हूं हिहरएक का एक समय होता है और काफी चीज उसके लिए. एक मिडिल मैन जैसे बहुत सी चीजेंकिसी के माध्यम से आती है मेरी जिंदगी में भीआ. ये टर्निंग प्वाइंटथा मेरी जिंदगी में. आपके करोड़ों जन्मों के जब आपकेपापनष्ट होते हैं और जब आपने बहुत ज्यादा पुण्य आपके ये होती है क्या उसको बोलते हैं इकट्ठा हो जाते हैं तब आपको गुरुमिलते हैं. गुरु मतलब हम उसे मास्टर कह सकते हैं क्योंकि कोई अपने को गुरु कहता है कोईऋषि कहता है.. मैंगगनगिरी महाराजजीकोऋषि ही समझती हूं. मैं पहुंच गयी महाराज के सामने देखा तो बहुत भीड़ थी लोगों की. मेरे पास तोढेरों सवाल थे, क्योंकि मैंबॉलीवुडइंडस्ट्री से थी. मेरे पास बकवास सवाल थे शादीऔर भी बहुत सारे. देखा तो ये संतबैठेहुए हैं लेटे हुए हैं अपनी समाधि में व्यस्त. लेकिन, मैं वो शांति महसूसकर सकती थी वो शांतिमुझे खींच लायी और जैसे मैंने अपनी किताब में पूछा तो दूसरी मुलाकात वो थीकि वो अकेले बैठे हैं और मुझेऑफिस में लाकरबिठादिया था बहुत भीड़ थी. दसमिनट में आंख बंदकरकेबैठी रहीकिमहाराज जी मुझे जल्दी बुलाओ. ऐसा करते-करते दोमिनट में देखा – बाहर सब गायबऔर महाराज जी अकेले झूले में बैठे हैं. मैं उनके बाजू में गयीऔर अपनीजिंदगी में पहली बारकिसी संत से मिली, जो बात नहीं करते. उनका पूरा जीवन तप में चला गया. दूूसरा सवाल जो मैंने पूछा अध्यात्म के रास्ते का. उन्होंने कहा, नहीं- नहींकठिनकार्य है. महाराज जी नेमेरीओर देखा कहा कि तुम्हारे लिए यह नामुमकिन हैऔर तीसरा मेरी शादी केबारे में. मैंने कहा- मेरी शादी कब होगी. उन्होंनेमेरी ओर देखाअौर कहा कि तीसरे सवाल के जवाब कीजरूरत नहीं है.फिर मैंने नवरात्रि जो आती है, उसमेंमेरा भयंकर तप होता था,बाम्बे में रह कर, फिल्म इंडस्ट्री में रहकर नौ दिन मैं सिर्फ जल पर रहती थी.मैंतीनयज्ञसुबह,एकदोपहर, एक रात को एक सज्ञ मेरा तीन घंटे का हवन यज्ञ होता था.

दो तरह कीजिंदगी?

मैंनाॅर्मल जिंदगी जीती थी,ब्वॉयफ्रेंड्स थे, पबस थे.. मेरा ज्यादा वक्ता पूजापाठ, भक्ति जो भीमंत्रमिलेगा उसको यादकरने में 24 घंटा उसमेंनिकलता था तो जैसे मैंने कहानवरात्रिको जो तप है मेरानौ दिनसिर्फ पानी पीकर रहना…यज्ञचल रहा है पेज में कुछ नहीं है.

विक्की से मुलाकात?

जैसा मैंने बोला मेरा धयान बढ़ता गया.मेरी भक्ति बढ़ती गयी, तो एकसाधु को मालूम है जोब्रह्मज्ञानी हैं, उनको मालूम हैकि येबाॅम्बे में रहेगी तो तप तोनिश्चित नहीं होगा.किसी भी स्वरूप में नहीं होगा. यह सब आसान नहीं था. उनको जोज्ञानमुझे देना था वो अगर अलगजाकर एकांत में जाकर अनुभव करना था,मैंनहीं कर पाती. बॉम्बे में बिल्कुल नहीं हो पाता. इसलिए मैं वापस नहीं आना चाहती, क्योंकि मुझे मालूम हैकि काफी चीजें मैंने छोड़ दी है, लोगों कोछोड़ दिया है. अभी ऐसा लगता हैकि कोई भी आवाज नहीं होनी चाहिए जीवन के अंदर. अचानक मैंफिर से वापस आ गयी, उसी सब काम में इसीलिए मैं इंटरव्यू देने से हिचकती हूं. जो है वो है सब अपने आपठीक हो जायेगा,क्योंकि अबसभी आदमी को ये नहीं कह सकतीकि इसमें मेरा ये नहीं है. मैं विक्की की बातकरना चाहती हूं कि वो 2012 तक दुबई की जेल में था,हर कोई जानता है. उसी समय मेरा तप भीखत्म हो गयाऔर 2012 में मैं कुंभ मेले में भी गयी थी.

करीब साल 2000 में उसनेमुझसे एकांत कारावास से बात की थी. एकांत कारावास एक छोटा सा कमरा होता हैऔर ऐसीस्थिति में वो आदमी25दिनबिना खाये-पिये रहा. उसनेहठयोग पकड़ कर रखा थाकिमुझे गलत ढंग से अंदर डाला. इसपेपर को नहीं साइन करूंगा. साइनकिस चीज केलिए, उसको फंसाने केलिएकि साइनकरो, उसने मुझे फोन किया, क्योंकि उसकापूराशरीर. सोचना आपलोग तो एकांतकारावास में 2-3दिन भी नहींरह सकते. मतलब लोग वहां पर अपने आप को मारना चाहते हैं.

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