India Pakistan Nuclear Power in Hindi: भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ रहा है. इस बीच दोनों देशों के बीच परमाणु शक्ति की चर्चा तेज हो गई है. भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच यह सवाल एक बार फिर चर्चा में है कि अगर युद्ध (India Pakistan War) हुआ तो क्या दोनों देश परमाणु हथियारों का इस्तेमाल करेंगे? इसी से जुड़ा एक बड़ा विषय है भारत की न्यूक्लियर पॉलिसी क्या है और No First Use (NFU) यानी पहले हमला नहीं करेंगे का मतलब क्या है. स्टूडेंट्स के लिए यह एक महत्वपूर्ण विषय है जिसकी जानकारी होना आवश्यक है. इसलिए इस लेख में भारत की न्यूक्लियर पॉलिसी (Indian Nuclear Policy) में ‘No First Use’ के बारे में विस्तार से बताया गया है.
भारत की न्यूक्लियर नीति कब बनी? (India Pakistan Nuclear Power)
रिपोर्ट्स के मुताबिक, 1998 में भारत ने अपने परमाणु परीक्षणों (पोखरण-2) के बाद 2003 में आधिकारिक रूप से न्यूक्लियर डाॅक्ट्रीन को अपनाया. इसमें साफ तौर पर कहा गया कि भारत ‘No First Use’ नीति पर चलता है लेकिन अगर कोई देश भारत पर परमाणु हमला करेगा और सख्ती से जवाब देगा.
यह भी पढ़ें- General Knowledge: फाइटर जेट और मिसाइल में क्या है अंतर, समझें स्पीड एंड अटैक का फॉर्मूला
No First Use क्या है? (Indian Nuclear Policy in Hindi)
भारत की न्यूक्लियर पाॅलिसी में कई महत्वपूर्ण चीजें है. उनमें से एक ‘No First Use’ एक रक्षा नीति है और इसका मतलब है कि भारत तब तक परमाणु हथियारों का इस्तेमाल नहीं करेगा जब तक उस पर परमाणु हमला नहीं किया जाए. यह नीति भारत की शांतिपूर्ण सोच और जिम्मेदार न्यूक्लियर राष्ट्र होने का संकेत देती है.
पाकिस्तान की नीति क्या है? (India Pakistan Nuclear Power)
भारत और पाकिस्तान की न्यूक्लियर पाॅलिसी (India Pakistan Nuclear Power) को देखा जाए तो अलग है. पाकिस्ता ने ‘No First Use’ नीति को कभी स्वीकार नहीं किया. उसका मानना है कि वह पहले भी परमाणु हमला कर सकता है अगर उसकी सुरक्षा को खतरा लगे.
यह भी पढ़ें- Indian Air Strike on POK: एयर स्ट्राइक कब की जाती है? बालाकोट से ऑपरेशन सिंदूर तक..ऐसा है इतिहास