Inflation Rate: देश में आम लोगों को महंगाई से कुछ राहत मिलती दिख रही है. सब्ज़ियों और कुछ अन्य जरूरी खाद्य वस्तुओं की कीमतों में गिरावट आने से घर पर बनने वाली थाली की लागत कम हुई है. बैंक ऑफ बड़ौदा की एक रिसर्च रिपोर्ट के मुताबिक, अप्रैल 2025 में खुदरा महंगाई दर (CPI) 3% से भी नीचे जा सकती है. इसके आधिकारिक आंकड़े 13 मई को जारी किए जाएंगे.
सब्ज़ियां सस्ती, वेज थाली सस्ती
ताजा आंकड़ों के अनुसार, सब्जियों की कीमतों में तेज़ गिरावट के चलते वेजिटेरियन थाली की लागत घटी है. रिपोर्ट में बताया गया है कि:
- टमाटर: 34% सस्ता
- आलू: 11% सस्ता
- प्याज़: 6% सस्ता
हालांकि, कुछ वस्तुओं के दाम बढ़ने से इस राहत में थोड़ी कमी आई है: - वनस्पति तेल: 19% महंगा (आयात शुल्क के कारण)
- एलपीजी सिलेंडर: 6% महंगा
नॉन-वेज थाली भी सस्ती हुई
मांसाहारी थाली की कीमत में भी गिरावट आई है.
- सालाना आधार पर: 4% की कमी
- मासिक आधार पर: 2% की गिरावट
- अब नॉन-वेज थाली की लागत लगभग ₹53.90 प्रति थाली आंकी गई है. इसका मुख्य कारण सब्ज़ियों और पोल्ट्री की कीमतों में गिरावट है. पोल्ट्री सेक्टर में बर्ड फ्लू की खबरों के चलते कुछ राज्यों में मांग घटी, जिससे सप्लाई अधिक रही और कीमतें नीचे आईं.
थाली की कीमत कैसे तय होती है?
क्रिसिल और अन्य संस्थान देश के चारों भागों उत्तर, दक्षिण, पूर्व और पश्चिम भारत में उपलब्ध कच्चे माल की औसत कीमत के आधार पर थाली की कीमत की गणना करते हैं. इन सामग्रियों में शामिल होते हैं:
- अनाज (चावल, गेहूं)
- दालें
- सब्जियाँ (टमाटर, आलू, प्याज़ आदि)
- मसाले
- खाद्य तेल
- ब्रॉयलर मीट (नॉनवेज थाली के लिए)
- एलपीजी सिलेंडर
हर महीने के बदलाव से आम आदमी की जेब पर पड़ने वाले असर का पता चलता है. इससे यह समझने में मदद मिलती है कि महंगाई सिर्फ आंकड़ा नहीं, बल्कि घर-घर के बजट पर सीधा असर डालती है.
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