India Pakistan War : भारत ने जब S-400 एयर डिफेंस सिस्टम को रूस से खरीदा था, तब इसे दुश्मनों के हवाई हमलों के खिलाफ एक निर्णायक हथियार माना गया. हाल ही में देश पर हुए सैकड़ों हवाई हमलों के दौरान इस सिस्टम का सफलतापूर्वक उपयोग किया गया. लेकिन अब यह सवाल उठ रहा है कि क्या इस अत्याधुनिक सिस्टम से हर खतरे को मार गिरने में कितना आता है खर्च.
एक मिसाइल को मार गिराने की लागत कितनी है?
रक्षा विश्लेषकों और अंतरराष्ट्रीय डिफेंस वेबसाइट्स की मानें तो S-400 सिस्टम से दागी जाने वाली एक मिसाइल की कीमत $300,000 (लगभग ₹2.5 करोड़) से शुरू होकर $1 मिलियन (लगभग ₹8.3 करोड़) तक जाती है. इस सिस्टम में शामिल कुछ लंबी दूरी की मिसाइलें, जैसे कि 40N6E, की कीमत $2 मिलियन (₹16.6 करोड़) तक हो सकती है. यह कीमत इस बात पर निर्भर करती है कि किस प्रकार की मिसाइल का इस्तेमाल किया गया है.
S-400 में शामिल प्रमुख मिसाइलें
S-400 सिस्टम एक मल्टी-लेयर डिफेंस सिस्टम है, जिसमें विभिन्न प्रकार की मिसाइलें होती हैं जो अलग-अलग दूरी और प्रकार के हवाई खतरों को टारगेट करती हैं.
- 48N6E3 – 250 किलोमीटर तक की रेंज, उच्च गति से लक्ष्य भेदन में सक्षम
- 40N6E – 400 किलोमीटर की रेंज वाली सबसे लंबी दूरी की मिसाइल, जो अत्यंत सटीकता से काम करती है
- 9M96E – छोटी दूरी की मिसाइल, जो कम लागत और तेजी से प्रतिक्रिया देने में सक्षम है
- 9M96E2 – 120 किलोमीटर तक की रेंज वाली हल्की लेकिन घातक मिसाइल
- इन मिसाइलों में से 40N6E को सबसे महंगा और शक्तिशाली माना जाता है.
S-400 की तकनीकी ताकत
S-400 न केवल लंबी दूरी तक लक्ष्य को पहचान सकता है, बल्कि एक साथ 300 तक टारगेट्स को ट्रैक भी कर सकता है. इसमें शामिल हैं:
- अत्याधुनिक इलेक्ट्रॉनिक गाइडेंस सिस्टम
- उच्च क्षमता वाले रडार
- सटीक नेविगेशन तकनीक
- मल्टी-टारगेट एंगेजमेंट क्षमताएं
इन सभी खूबियों के कारण S-400 को दुनिया के सबसे प्रभावी एयर डिफेंस सिस्टम में गिना जाता है.
किन देशों के पास है S-400 सिस्टम?
रूस द्वारा विकसित यह सिस्टम वैश्विक स्तर पर सीमित देशों को ही उपलब्ध कराया गया है. वर्तमान में S-400 के ग्राहक निम्नलिखित हैं:
- भारत
- चीन
- तुर्किए (पूर्व में तुर्की)
- रूस (निर्माता देश)
- भारत ने इस सिस्टम की पांच बैटरियों का ऑर्डर दिया है, जिनमें से कुछ पहले ही भारतीय सेना में शामिल की जा चुकी हैं.
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