GST Collection: फरवरी 2025 में भारत का सकल वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) संग्रह सालाना आधार पर 9.1% बढ़कर 1.84 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया. एक साल पहले इसी अवधि में यह 1.68 लाख करोड़ रुपये था, जबकि जनवरी 2025 में जीएसटी संग्रह 1.96 लाख करोड़ रुपये रहा था. विशेषज्ञों का मानना है कि इस वृद्धि से घरेलू खपत और आर्थिक पुनरुद्धार का स्पष्ट संकेत मिलता है. इस दौरान घरेलू जीएसटी राजस्व 10.2% बढ़कर 1.42 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया, जबकि आयात से मिलने वाला राजस्व 5.4% की वृद्धि के साथ 41,702 करोड़ रुपये रहा.
जीएसटी संग्रह के आंकड़े
- केंद्रीय जीएसटी (CGST): 35,204 करोड़ रुपये
- राज्य जीएसटी (SGST): 43,704 करोड़ रुपये
- एकीकृत जीएसटी (IGST): 90,870 करोड़ रुपये
- मुआवजा उपकर: 13,868 करोड़ रुपये
फरवरी में 20,889 करोड़ के रिफंड जारी
फरवरी 2025 में कुल 20,889 करोड़ रुपये के रिफंड जारी किए गए, जो सालाना आधार पर 17.3% अधिक हैं. नतीजतन, शुद्ध जीएसटी संग्रह 8.1% की वृद्धि के साथ 1.63 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया, जबकि फरवरी 2024 में यह 1.50 लाख करोड़ रुपये था.
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क्या कहते हैं विशेषज्ञ
- ईवाई के टैक्स पार्टनर सौरभ अग्रवाल के अनुसार, जीएसटी संग्रह के मजबूत आंकड़े यह दर्शाते हैं कि भारतीय अर्थव्यवस्था वैश्विक आर्थिक चुनौतियों का मजबूती से सामना कर रही है.
- केपीएमजी के अप्रत्यक्ष कर प्रमुख अभिषेक जैन ने कहा कि घरेलू आपूर्ति पर जीएसटी संग्रह में 10.2% की वृद्धि और कुल मिलाकर 9.1% की बढ़ोतरी चौथी तिमाही में अर्थव्यवस्था के संभावित पुनरुद्धार का संकेत देती है.
-डेलॉयट इंडिया के पार्टनर एमएस मणि ने बताया कि हरियाणा, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, मध्य प्रदेश और कर्नाटक जैसे प्रमुख विनिर्माण और उपभोक्ता राज्यों में जीएसटी संग्रह 10-20% तक बढ़ा है, जिससे घरेलू बाजार की मजबूती झलकती है. - जीएसटी संग्रह में यह सकारात्मक वृद्धि देश की मजबूत अर्थव्यवस्था, बढ़ती खपत और व्यापार गतिविधियों में सुधार का संकेत देती है, जो आने वाले महीनों में और अधिक स्थिरता की उम्मीद पैदा करती है.
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