मुंबई : चित्रा रामकृष्ण ने नेशनल स्टाक एक्सचेंज (एनएसइ) के प्रबंध निदेशक और सीइओ के पद से तत्काल प्रभाव से इस्तीफा दे दिया है. ऐसा समझा जाता है कि उन्होंने संभवत: निदेशक मंडल के कुछ सदस्यों के साथ मतभेद के कारण इस्तीफा दिया है. वह शेयर बाजार की शुरुआत से करीब दो दशक से इससे जुड़ी थी.
हालांकि एक्सचेंज ने उनके पद छोडने के पीछे ‘निजी कारणों’ का हवाला दिया है लेकिन सूत्रों ने कहा कि चित्रा ने निदेशक मंडल के कुछ सदस्यों के साथ मतभेद के कारण पद छोड़ा है. उन्होंने यह पद एनएसइ के प्रस्तावित आइपीओ से पहले इस्तीफा दिया है. वरिष्ठ कार्यकारी जे रविचंद्रन को प्रबंध निदेशक और सीइओ का अंतरिम प्रभार दिया गया है. यह प्रभार तबतक के लिये जबतक पूर्व वित्त सचिव अशोक चावला की अध्यक्षता वाला एनएसइ बोर्ड चित्रा का पूर्णकालिक विकल्प नहीं तलाश लेता. चित्रा 1992 में एनएसइ के गठन के समय उसके टीम में शामिल थी. बाद में वह एनएसइ के उच्च पद तक गयीं.
52 वर्ष की चिंत्रा उन कुछ गिने-चुने कार्यकारियों में शामिल थी जो वैश्विक स्तर पर एक्सचेंज का नेतृत्व कर रही हैं. उन्होंने पद ऐसे समय छोड़ा है जब एनएसइ जल्दी-जल्दी होने वाले कारोबार तथा ‘को-लोकेशन’ सुविधाओं के लिये चर्चा में था. कुछ लोगों का मानना है कि ‘को-लोकेशन’ सुविधा से कुछ ब्रोकरों तथा कारोबारियों को बेजा लाभ हुआ. ‘को-लोकेशन’ एक डाटा सेंटर सुविधा है जहां कारोबारी सर्वर तथा अन्य कंप्यूटिंग हार्डवेर के लिये जगह किराये पर दे सकता है. उनका कार्यकाल मार्च 2018 को समाप्त हो रहा है. उन्होंने अप्रैल 2013 में प्रबंध निदेशक और सीइओ का पदभार संभाला था.
सूत्रों ने कहा कि चित्रा ने एनएसइ के निदेशक मंडल के अनुरोध के बावजूद तत्काल प्रभाव से पद से हटने की पेशकश की है. निदेशक मंडल ने उन्हें नयी नियुक्ति तक रकने को कहा था. सूत्रों के अनुसार सेबी की एनएसइ की गतिविधियों पर नजर है और उसे शीर्ष पद पर नियुक्ति के लिये नियामक से मंजूरी की आवश्यकता होगी.
एक्सचेंज आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आइपीओ) लाने की योजना बना रहा है. बाजार को हाल के समय के इस सबसे बडे आइपीओ का बेसब्री से इंतजार है. प्रतिद्वंद्वी बीएसइ भी आइपीओ लाने की प्रक्रिया में है.
एक विज्ञप्ति में एनएसइ ने कहा कि उसके निदेशक मंडल ने चित्रा का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है. विज्ञप्ति के अनुसार उन्होंने व्यक्तिगत कारणों से इस्तीफा दिया है और तत्काल प्रभाव से हटने का अनुरोध किया है. निदेशक मंडल ने उनके अनुरोध को स्वीकार करते हुए संगठन की वृद्धि में उनके योगदान की सराहना की है.