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अब 500 रुपये के पुराने नोट से भी किसान खरीद सकते हैं बीज

नयी दिल्‍ली : वित्त मंत्रालय ने आज किसानों को एक और बड़ी राहत देते हुए कहा है कि किसान पुराने 500 रुपये के नोट से भी खेती के लिए बीज खरीद सकते हैं. किसान बीज किसी भी केंद्र या राज्‍य सरकार द्वारा संचालित केंद्रों से खरीद सकते हैं. इसके लिए किसान को अपना पहचान पत्र […]

नयी दिल्‍ली : वित्त मंत्रालय ने आज किसानों को एक और बड़ी राहत देते हुए कहा है कि किसान पुराने 500 रुपये के नोट से भी खेती के लिए बीज खरीद सकते हैं. किसान बीज किसी भी केंद्र या राज्‍य सरकार द्वारा संचालित केंद्रों से खरीद सकते हैं. इसके लिए किसान को अपना पहचान पत्र दिखाना होगा. वित्त मंत्रालय की ओर से जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया कि किसान केंद्र या राज्य सरकारों, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों, राष्ट्रीय या राज्य बीज निगमों, केन्द्रीय या राज्य कृषि विश्वविद्यालयों और भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद से संबंधित दुकानों से 500 रुपये के पुराने नोट देकर बीज खरीद सकते हैं.

बाकी लोगों को भी राहत देते हुए सरकार ने ओवरड्राफ्ट, करेंट या कैश क्रेडिट अकाउंट से भी एक सप्‍ताह में 50,000 रुपये तक निकासी की सुविधा दे दी है. ये सुविधा केवल उन्‍हीं को मिलेगी जो उन खातों से पिछले तीन महीने या उससे अधिक समय से लेन-देन कर रहे हैं. यह सुविधा पर्सनल ओवरड्राफ्ट वाले खाताधारकों के लिए नहीं है.

किसानों को 50000 रुपये निकासी की सुविधा

रबी की बुवाई के मौसम को ध्‍यान में रखते हुए सरकार ने 17 नवंबर को किसानों की निकास सीमा को बढ़ाकर 25000 रुपये कर दिया था. इसके साथ ही किसान अपने किसान क्रेडिट कार्ड से भी 25000 रुपये तक एक बार में निकासी कर सकते हैं. आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांत दास ने बताया था कि किसान अब बैंकों से सप्ताह में 50,000 रुपये तक की नकदी निकाल सकेंगे. सरकार ने किसानों को उनके बैंक खाते में पहुंचे फसली ऋण से हर सप्ताह 25,000 रुपये तक निकालने की अनुमति दी है. यह सीमा किसान क्रेडिट कार्ड पर भी लागू है.

इसके अलावा यदि किसानों को चेक अथवा आरटीजीएसी के जरिये उनके बैंक खाते में भुगतान मिलता है तो वह प्रति सप्ताह 25,000 रुपये तक की अतिरिक्त राशि निकाल सकेंगे. दास ने कहा कि ये खाते संबंधित किसान के नाम पर होने चाहिये और सभी खाते ‘अपने ग्राहक को जानो’ यानी केवाईसी नियमों के अनुरुप होने चाहिये.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आठ नवंबर की मध्यरात्रि से 500 और 1000 रुपये के पुराने नोटों को चलन से बाहर किये जाने की घोषणा की थी. इसे उन्होंने कालेधन, आतंकवाद को वित्तपोषण और नकली नोटों के खिलाफ जंग बताया था. इस घोषणा के बाद से लोग नकदी की समस्या से जूझ रहे हैं और किसानों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

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