Indigo Flights: देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो इन दिनों एक गंभीर परिचालन संकट से जूझ रही है. 3 दिसंबर को एक ही दिन में 150–200 उड़ानें रद्द हुईं, जबकि 4 दिसंबर को भी 100 से ज्यादा फ्लाइट्स कैंसिल रहीं. नतीजा देशभर के एयरपोर्टों पर लंबी कतारें, भारी भीड़ और यात्रियों का घंटों इंतजार. हजारों लोग बिना खाने-पानी और सही जानकारी के 8–10 घंटे तक फंसे रहे. सिर्फ 200 फ्लाइट्स के रद्द होने से लगभग 30,000 यात्रियों की यात्रा प्रभावित हुई. बेंगलुरु में 40 और दिल्ली में 30+ उड़ानें रद्द हुईं, जबकि मुंबई, हैदराबाद सहित कई शहरों में भी यात्रियों की मुश्किलें बढ़ीं.
संकट की शुरुआत और पायलट-क्रू की कमी
नवंबर 2025 में इंडिगो ने 1,232 उड़ानें रद्द कीं, जिनमें से 755 पायलट और क्रू से जुड़ी समस्याओं के कारण थीं. दिसंबर में यात्रा की मांग बढ़ते ही स्थिति और खराब हो गई. हालात इस कदर बिगड़े कि कई रूट्स पर ऑपरेशंस संभालना मुश्किल हो गया. जुलाई 2025 में लागू FDTL (Flight Duty Time Limitation) नियमों का दूसरा चरण नवंबर में पूरी तरह लागू हुआ. इसके तहत पायलटों का साप्ताहिक आराम 36 से बढ़ाकर 48 घंटे कर दिया गया, नाइट लैंडिंग लिमिट 6 से घटाकर 2 कर दी गई, नाइट टाइम 12 AM–6 AM तक बढ़ा, और रात में अधिकतम उड़ान तथा ड्यूटी समय क्रमशः 8 और 10 घंटे तय किया गया. इन नए नियमों ने पायलटों की मांग को बढ़ा दिया और इसका सबसे बड़ा असर इंडिगो पर पड़ा, जिसका नाइट नेटवर्क सबसे विस्तृत है.
इंडिगो पर दबाव क्यों ज्यादा?
इंडिगो रोज करीब 2,500 उड़ानें संचालित करता है, और इसमें बड़ी संख्या नाइट फ्लाइट्स की है. पहले एक पायलट छह नाइट लैंडिंग कर सकता था, अब केवल दो. इस वजह से नाइट रूट्स के लिए पायलटों की मांग तीन गुना बढ़ गई. इसके अलावा कम स्टाफ वाला ऑपरेटिंग मॉडल, कम रिज़र्व पायलट, A320 विमानों के सॉफ्टवेयर एडवाइजरी और विदेशी एयरलाइंस द्वारा भारतीय पायलटों की तेज भर्ती ने परिस्थितियों को और कठिन बना दिया.
65% मार्केट शेयर: एक झटका, पूरे सिस्टम पर असर
इंडिगो का घरेलू मार्केट शेयर 65% है. ऐसे में जब इतने बड़े पैमाने पर फ्लाइट्स रद्द होती हैं, तो बाकी एयरलाइंस पर भी भारी दबाव पड़ता है, टिकट महंगे होते हैं और एयरपोर्ट स्लॉट्स प्रभावित होते हैं. 4 दिसंबर को डीजीसीए ने इंडिगो के शीर्ष प्रबंधन को तलब कर पूछा कि छह महीने पहले नियम लागू होने के बावजूद तैयारी क्यों नहीं की गई. रेगुलेटर ने एयरलाइन की दलीलों को खारिज करते हुए तुरंत समाधान पेश करने के निर्देश दिए. 5 दिसंबर को स्थिति इतनी गंभीर हो गई कि इंडिगो ने दिल्ली एयरपोर्ट से रात 11:59 बजे तक सभी घरेलू उड़ानें रद्द कर दीं. हालांकि एयरपोर्ट प्रबंधन ने स्पष्ट किया कि अन्य एयरलाइंस सामान्य रूप से चल रही हैं और उनका स्टाफ इंडिगो की मदद कर रहा है.
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