सबसे पहले कर्जदार को SARFAESI Act की धारा यू/एस 13(2) के तहत नोटिस भेजा जाता है. यह तभी किया जा सकता है, जब रिजर्व बैंक के दिशा-निर्देश के मुताबिक कर्ज को एनपीए की श्रेणी में डाल दिया गया हो.
नोटिस जारी होने के 60 दिनों के अंदर आपको अपना कर्ज खाता नियमित करना होगा या फिर उसका निबटारा करना होगा. अगर कर्जदार भुगतान से इनकार करता है, तो अधिकृत अफसर कर्जदार को नोटिस देकर बंधक संपत्ति पर भौतिक रूप से कब्जा मांगेगा. अगर इसके बाद कर्जदार निबटारे के लिए सामने नहीं आता है, तो कब्जा लेने के 30 दिन बाद बैंक उस संपत्ति की नीलामी की प्रक्रिया शुरू करेगा. बैंक ग्राहक को एक पत्र भेजेगा, जिसमें नीलामी के स्थान और समय की जानकारी होगी.
अगर संपत्ति बिकने से पहले बैंक को पूरे भुगतान की व्यवस्था कर दी जाये, तो बैंक संपत्ति पर आपको फिर से कब्जा देने पर विचार कर सकता है. अगर नीलामी में बकाया से ज्यादा पैसा मिलता है, तो बैंक अपना बकाया काट लेने के बाद बाकी पैसा कर्जदार को लौटा देता है.
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