नयी दिल्ली : कर्ज संकट से जूझ रही आईएलएंडएफएस ने समूह की 70 कंपनियों के लिए व्यापक दावा प्रबंधन प्रक्रिया शुरू की है. कर्जदाताओं के 50,000 करोड़ रुपये से ज्यादा के दावे दाखिल होने की संभावना है. उद्योग से जुड़े सूत्रों ने यह जानकारी दी. आईएलएंडएफएस समूह का नया निदेशक मंडल इन दावों से जुड़े मुद्दों के समाधान के लिए सरकार के साथ काम कर रहा है. समूह पर 90,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का कर्ज है. समूह ने मंगलवार को बयान में कहा कि आईएलएंडएफएस के निदेशक मंडल ने समूह की 70 इकाइयों के खिलाफ बकाये के दावों से निपटने की प्रक्रिया शुरू की है.
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उद्योग सूत्रों ने कहा कि समूह के कुल बकाया कर्ज का बड़ा बोझ इन 70 कंपनियों पर है. इनके खिलाफ कर्जदाताओं की ओर से 50,000 करोड़ रुपये से ज्यादा के दावे जमा होने की उम्मीद है. समूह ने कहा कि यह प्रक्रिया आईएलएंडएफएस की परिचालन और वित्तीय देनदारियों को स्पष्ट करने के प्रयासों का एक हिस्सा है, ताकि उसका समाधान किया जा सके.
ग्रांट थॉर्नटन इंडिया एलएलपी दावा प्रबंधन सलाहकार है, जिस पर प्रक्रिया के क्रियान्वयन और निगरानी की जिम्मेदारी है. बयान में कहा गया कि इन 70 कंपनियों के सभी वित्तीय एवं परिचालन कर्जदाताओं को 15 अक्टूबर तक की देनदारियों के संबंध में अपने दावे का प्रमाण ग्रांट थॉर्नटन के पास जमा करने के लिए कहा गया है.
कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय ने मंगलवार को राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) को बताया कि आईएलएंडएफएस समूह की 10 मुनाफे वाली कंपनियों के लिए समाधान प्रक्रिया चल रही है. इन पर कुल 11,564 करोड़ रुपये का कर्ज है. समूह में 300 से ज्यादा इकाइयां शामिल हैं.
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