नयी दिल्ली : नकदी संकट से जूझ रहे जेट एयरवेज को कर्जदाता बैंकों की ओर से 400 करोड़ रुपये का आपात कोष उपलब्ध कराये जाने से इनकार किये जाने के बाद उसकी उड़ान पर खतरा मंडराने लगा है. मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, जेट एयरवेज का परिचालन बुधवार की आधी रात से बंद हो सकता है. रिपोर्ट में कहा जा रहा है कि परिचालन बंद हो जाने के बाद संकटग्रस्त इस विमानन कंपनी की अभी उड़ रहे पांच विमान ही जमीन पर ही रहेंगे.
कर्जदाता बैंकों के इनकार के बाद कंपनी के सामने परिचालन बंद करने के अलावा कोई चारा बचा नहीं रह जाता है. कर्जदाताओं ने 400 करोड़ रुपये का आपात कोष देने के प्रस्ताव को ठुकरा दिया है. अंग्रेजी के अखबार ईटी नाउ की रिपोर्ट के अनुसार, सरकार कंपनी के मामलों में हस्तक्षेप नहीं करेगी और कर्जदाताओं पर फैसला छोड़ दिया है. रिपोर्ट के मुताबिक, जेट का आखिरी विमान बुधवार की रात 10:30 बजे उड़ेगी.
दरअसल, मंगलवार को हुई बैठक में कंपनी के बोर्ड ने सीईओ विनय दुबे को आखिरी फैसला लेने के लिए अधिकृत किया था. भारी कर्ज में फंस चुकी कंपनी के पांच विमान इस समय संचालन में हैं. 25 साल पुरानी एयरलाइन कंपनी पर 8 हजार करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज है. जेट एयरवेज पहले ही अपने अंतरराष्ट्रीय परिचालन को 18 अप्रैल तक स्थगित करने की घोषणा कर चुकी है.
जेट एयरवेज ने मंगलवार को कहा है कि उसे एसबीआई की अगुवाई वाले बैंकों के गठजोड़ से आपात कोष उपलब्ध कराने का इंतजार है, जिससे वह अपनी सेवाओं में आ रही गिरावट को रोक सके. बंबई शेयर बाजार को भेजी सूचना में कंपनी ने कहा कि वह अपने निदेशक मंडल के साथ विचार-विमर्श कर रही है. उसकी आपात नकदी के सहयोग के लिए ऋणदाताओं के साथ बातचीत चल रही है.