पुणे : वोडाफोन आइडिया लिमिटेड ने पिछले साल की सफलता से प्रेरणा लेते हुए इस साल भी पर्यावरण के अनुकूल (ईको फ्रेंडली) तालाबों में गणपति विसर्जन में मदद का ऐलान किया है.
कंपनी की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि हर साल 11 दिवसीय गणेशोत्सव के बाद प्लास्टर ऑफ पेरिस से बनी गणेश भगवान की 75 लाख से अधिक मूर्तियों को पानी में विसर्जित किया जाता है.
कंपनी ने दावा किया है कि इसके कारण कई टन ऐसा कचरा पानी में पहुंचता है, जिसके जैविक तरीके से नष्ट नहीं किया जा सकता है.
वोडाफोन आइडिया लिमिटेड ने एक रिपोर्ट के हवाले से कहा है कि अनंत चतुर्दशी के बाद पुणे एवं आस-पास के क्षेत्रों में पानी में पारा, कैडमियम और लैड जैसी भारी धातुओं की मात्रा 100 गुना तक बढ़ जाती हैं.
ये भारी धातु तंत्रिकाओं और गुर्दों के लिए बेहद हानिकारक होते हैं. कंपनी का कहना है कि उसने इन्हीं तथ्यों को ध्यान में रखते इस साल भी यह पहल की गयी है. कंपनी ने इसके लिए पर्यावरण के अनुकूल अस्थायी तालाबों की व्यवस्था की है.