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उदय कोटक ने किया आगाह : स्माॅल इंडस्ट्री से शुरू हो सकता है कर्ज डूबने का अगला सिलसिला

मुंबई : प्रमुख बैंकर उदय कोटक ने आगाह किया है कि बैंकों के लिए आगे लघु उद्यम क्षेत्र से दिक्कतें आ सकती हैं. बैंको को लघु एवं मझोले उद्योगों(एसएमई) को ऋण पर अधिक गहराई से निगाह रखने की जरूरत है. यहां एक कार्यक्रम के मौके पर कोटक ने संवाददाताओं से कहा कि लघु एवं मझोले […]

मुंबई : प्रमुख बैंकर उदय कोटक ने आगाह किया है कि बैंकों के लिए आगे लघु उद्यम क्षेत्र से दिक्कतें आ सकती हैं. बैंको को लघु एवं मझोले उद्योगों(एसएमई) को ऋण पर अधिक गहराई से निगाह रखने की जरूरत है. यहां एक कार्यक्रम के मौके पर कोटक ने संवाददाताओं से कहा कि लघु एवं मझोले उपक्रम क्षेत्र को दिये गये ऋण पर चिंता को कम करके दिखाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक का गैर-निष्पादित आस्तियों की पहचान का 12 फरवरी का परिपत्र बैंकों का दर्द और बढ़ायेगा.

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उन्होंने कहा कि बैंकों के लिए चुनौती बड़े कारोबारों का कर्ज माना जाता है. मेरा मानना है कि एसएमई कारोबार भी एक कमजोर बिंदु है, जो अभी पूरी तरह सामने नहीं आया है. उन्होंने कहा कि अभी डूबे कर्ज के मामले में भारत यूरोप की संकटग्रस्त अर्थव्यवस्थाओं यूनान और इटली के बाद तीसरे नंबर पर आ गया है. इससे निपटने के तत्काल उपायों की जरूरत है.

कोटक ने कहा कि पंजाब नेशनल बैंक में 13,000 करोड़ रुपये का घोटाला सामने आने के बाद ऋण की समूची वृद्धि में निजी क्षेत्र के बैंकों का योगदान रहा है. उन्होंने कहा कि अगले चार साल में निजी क्षेत्र के बैंकों का ऋण बाजार में करीब 50 फीसदी का हिस्सा हो जायेगा, जो अभी 30 फीसदी है.

उन्होंने उम्मीद जतायी कि पीएनबी घोटाला एक अपवाद साबित होगा. बैंक, नियामक तथा सरकार को भरोसा कायम करने के लिए मिलकर काम करना होगा. बैंकों के राष्ट्रीयकरण के राजनीतिक रूप से संवेदनशील मुद्दे पर कोटक ने कहा कि इसकों50 साल हो चुके हैं और बाद में कई घोटाले सामने आये हैं. ऐसे में हमें यह सवाल करने की जरूरत है कि इस फैसले का राष्ट्र को क्या लाभ मिला.

अल्ट्राटेक सीमेंट द्वारा बिनानी सीमेंट के लिए अदालती व्यवस्था से बाहर 7,266 करोड़ रुपये की अधिग्रहण पेशकश पर कोटक ने कहा कि यह अपनी तरह का एक मामला है. इसे शुरुआती चरण के आईबीसी-एनसीएलटी ढांचे की परेशानी के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए.

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Prabhat Khabar Digital Desk
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