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सालाना 50 लाख रुपये से अधिक के भुगतान पर ठेकेदारों और प्रोफेसनल्स को देना होगा TDS

नयी दिल्ली : कर दायरा बढ़ाने के लिए सरकार ने ठेकेदारों या पेशेवरों को एक साल में 50 लाख रुपये सालाना से अधिक का भुगतान करने वाले व्यक्ति के लिए 5 फीसदी की की दर से ‘स्रोत पर कर कटौती’ (टीडीएस) जरूरी कर दिया है. इस प्रक्रिया को सरल बनाया गया है. इसके तहत टीडीएस […]

नयी दिल्ली : कर दायरा बढ़ाने के लिए सरकार ने ठेकेदारों या पेशेवरों को एक साल में 50 लाख रुपये सालाना से अधिक का भुगतान करने वाले व्यक्ति के लिए 5 फीसदी की की दर से ‘स्रोत पर कर कटौती’ (टीडीएस) जरूरी कर दिया है. इस प्रक्रिया को सरल बनाया गया है. इसके तहत टीडीएस की राशि को व्यक्ति अपने स्थायी खाता संख्या (पैन) के माध्यम से सरकारी खजाने में जमा करा सकेगा.

इसे भी देखें : #Budget 2019: इनकम टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं, अमीरों को देना होगा ज्यादा टैक्स

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को पेश आम बजट 2019-20 चालू खाते में एक करोड़ रुपये से अधिक जमा करने, एक लाख रुपये से अधिक बिजली बिल का भुगतान करने और एक साल में विदेश यात्रा पर दो लाख रुपये खर्च करने वालों के लिए आयकर रिटर्न दाखिल करना अनिवार्य करने का प्रस्ताव किया है. मौजूदा समय में जिस व्यक्ति या हिंदू संयुक्त परिवार (एचयूएफ) का कारोबार या पेशा ऑडिट के दायरे में नहीं आता है, उसे निजी उपभोग के लिए किसी स्थायी ठेकेदार या पेशेवर की सेवा का भुगतान करने पर टीडीएस नहीं काटना होता है.

बजट में इस तरह के व्यक्तियों और एचयूएफ के किसी ठेकेदार या पेशेवर को सालाना 50 लाख से अधिक का भुगतान करने पर 5 फीसदी की दर से टीडीएस काटने के लिए अलग से एक प्रावधान करने का प्रस्ताव किया गया है. इसमें अचल संपत्ति के अधिग्रहण के लिए किये गये भुगतान को भी शामिल किया गया है. इसमें संपत्ति की खरीद के साथ क्लब की सदस्यता, कार पार्किंग शुल्क, बिजली या जलापूर्ति सेवाओं का भुगतान, रख-रखाव शुल्क समेत अन्य तरह के शुल्क भी शामिल हैं.

अब आधार के जरिये भी दाखिल कर सकेंगे आयकर रिटर्न

बजट में भारतीय निवासियों द्वारा अनिवासियों को धन या देश में स्थित संपत्ति के रूप में कर-तोहफा देने का भी प्रस्ताव किया है. इस तरह के तोहफे पांच जुलाई, 2019 के बाद से दिये जा सकेंगे. आयकर रिटर्न दाखिल करने की प्रक्रिया को सरल बनाने की दिशा में सरकार ने पैन की जगह आधार कार्ड के इस्तमाल की छूट देने का भी प्रस्ताव किया है. इसके तहत यदि कोई व्यक्ति पैन संख्या नहीं रखता है, लेकिन आधार संख्या उसके पास है, तो आयकर के तहत रिटर्न दाखिल करते समय भी आधार संख्या का उपयोग कर सकता है.

UIDAI से डाटा हासिल करने के बाद आधार पर पैन जारी नहीं करेगा आयकर विभाग

हालांकि, सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि ऐसे मामले में आयकर विभाग भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण से उस व्यक्ति के जनांकिकीय आंकड़े हासिल करने के बाद उसे आधार कार्ड के आधार पर पैन संख्या का आवंटन नहीं करेगा. जिन लोगों ने अपने आधार और पैन संख्या को आपस में जोड़ लिया है, वह भी पैन के स्थान पर आधार के विकल्प का इस्तेमाल कर सकते हैं.

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