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झारखंड के उद्योग जगत को बड़ा झटका, मशहूर उद्योगपति रामचंद्र रुंगटा का निधन

Ramchandra Rungta Death: झारखंड के प्रसिद्ध उद्योगपति रामचंद्र रुंगटा का रविवार को दिल्ली में निधन हो गया. 1975 में कोयला व्यवसाय से अपने करियर की शुरुआत करने वाले रुंगटा ने झारखंड इस्पात, आलोक स्टील और मां छिनमस्तिका जैसी फैक्ट्रियां स्थापित कीं. उनके निधन से झारखंड के व्यापार जगत में शोक की लहर है.

Ramchandra Rungta Death, रामगढ़, सलाउद्दीन: झारखंड के जाने-माने उद्योगपति रामचंद्र रुंगटा का रविवार को दिल्ली में निधन हो गया. वे पिछले कई महीनों से बीमार चल रहे थे और दिल्ली में उनका इलाज चल रहा था. उनके निधन की खबर मिलते ही झारखंड के व्यापार जगत में शोक की लहर दौड़ गई. राजनेताओं, व्यापारियों और रामगढ़ के लोगों ने उनके निधन पर गहरी संवेदना व्यक्त की है.

परिजनों के प्रति संवेदना

स्वर्गीय रामचंद्र रुंगटा अपने पीछे तीन पुत्र- अभिषेक रुंगटा, आलोक रुंगटा और आशीष रुंगटा को छोड़ गए हैं. पूरे रुंगटा परिवार के प्रति समाज के विभिन्न वर्गों ने शोक संवेदना प्रकट की है. सभी का कहना है कि व्यवसाय के क्षेत्र में उनके योगदान को रामगढ़ और झारखंड कभी नहीं भुला पाएंगे.

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1975 में कोयला व्यवसाय से शुरू हुआ सफर

रामचंद्र रुंगटा का जन्म एक सामान्य व्यापारी परिवार में हुआ था. वर्ष 1975 में उन्होंने कोयला व्यवसाय से अपने करियर की शुरुआत की. वे 4 भाई थे, जिनका नाम रामस्वरूप रुंगटा, महावीर रुंगटा, नंदलाल रुंगटा और रामचंद्र रुंगटा है. बड़े भाई रामस्वरूप रुंगटा माइनिंग इंजीनियर थे और धनबाद क्षेत्र में कार्यरत थे. उन्होंने ही अपने भाइयों को इस क्षेत्र में व्यवसाय करने के लिए प्रेरित किया.

कोयलांचल क्षेत्रों से कोयले का कारोबार शुरू किया था रामचंद्र रुंगटा ने

रामचंद्र रुंगटा ने अपने संघर्ष और मेहनत के बल पर हजारीबाग और रामगढ़ के विभिन्न कोयलांचल क्षेत्रों से कोयले का कारोबार शुरू किया. वर्ष 2002 में उन्होंने झारखंड इस्पात (Jharkhand Ispat) नाम से अपनी पहली स्पंज आयरन फैक्ट्री की स्थापना की. इसके बाद उन्होंने आलोक स्टील और मां छिनमस्तिका स्टील जैसी फैक्ट्रियों की नींव रखी. धीरे-धीरे उनका कारोबार झारखंड से बढ़कर देश के औद्योगिक जगत में पहचान बनाने लगा.

कर्मनिष्ठ और सरल स्वभाव के व्यवसायी थे

रामचंद्र रुंगटा अपने कार्यों को लेकर हमेशा सजग और अनुशासित रहे. वे फैक्ट्री के छोटे-छोटे कार्यों पर भी खुद नजर रखते थे. अपने कर्मचारियों और सहयोगियों के बीच वे सरल स्वभाव और मधुर व्यवहार के लिए जाने जाते थे. उनके करीबी झामुमो नेता फागु बेसरा, संजीव बेदिया, कांग्रेस नेता बलजीत सिंह बेदी और हजारीबाग के व्यवसायी भैया अभिमन्यु प्रसाद ने उन्हें एक निडर और दूरदर्शी उद्योगपति बताया. उन्होंने कहा कि रामचंद्र रुंगटा कभी कठिन परिस्थितियों से घबराए नहीं. वे हर चुनौती का डटकर सामना करने वाले उद्योगपति थे. उनका जीवन इस बात की मिसाल है कि संघर्ष, ईमानदारी और कर्मनिष्ठा से सफलता हासिल की जा सकती है.

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Sameer Oraon
Sameer Oraon
इंटरनेशनल स्कूल ऑफ बिजनेस एंड मीडिया से बीबीए मीडिया में ग्रेजुएट होने के बाद साल 2019 में भारतीय जनसंचार संस्थान दिल्ली से हिंदी पत्रकारिता में पीजी डिप्लोमा किया. 5 साल से अधिक समय से प्रभात खबर में डिजिटल पत्रकार के रूप में कार्यरत हूं. इससे पहले डेली हंट में भी बतौर प्रूफ रीडर एसोसिएट के रूप में भी काम किया. झारखंड के सभी समसमायिक मुद्दे खासकर राजनीति, लाइफ स्टाइल, हेल्थ से जुड़े विषय पर लिखने और पढ़ने में गहरी रूचि है. तीन साल से अधिक समय से झारखंड डेस्क पर काम किया. फिर लंबे समय तक लाइफ स्टाइल डेस्क पर भी काम किया. इसके अलावा स्पोर्ट्स में भी गहरी रूचि है.

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