Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण में गुरुवार को मतदान सख्त सुरक्षा व्यवस्था के बीच शुरू हुआ. राज्य भर में सुरक्षा का ऐसा जाल बिछाया गया है कि पक्ष-विपक्ष के साथ-साथ उपद्रवी तत्वों के लिए भी कोई गुंजाइश नहीं छोड़ी गई. मतदान केंद्रों से लेकर नदी और टाल क्षेत्रों तक सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है.
केंद्रीय अर्द्धसैनिक बलों (CAPF) की करीब 1500 कंपनियां चिह्नित जिलों में तैनात की गई हैं, जबकि 4.5 लाख से अधिक पुलिसकर्मी, जिनमें एसटीएफ, जिला पुलिस, 20 हजार प्रशिक्षु सिपाही और होमगार्ड शामिल हैं, सुरक्षा मोर्चा संभाले हुए हैं.
डीजीपी ने क्या कहा?
डीजीपी विनय कुमार ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि चुनाव के दौरान किसी भी प्रकार की हिंसा, उपद्रव या कानून व्यवस्था बिगाड़ने की कोशिश करने वालों को किसी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा. उन्होंने साफ कहा कि “ऐसी घटनाओं में शामिल लोगों की प्रिवेंटिव डिटेंशन के तहत तत्काल गिरफ्तारी की जाएगी और चुनाव बाद स्पीडी ट्रायल के जरिए सजा सुनिश्चित की जाएगी.”
बिहार चुनाव में गड़बड़ी हो तो कहां दें जानकारी?
डीजीपी ने आम मतदाताओं से भयमुक्त होकर मतदान करने की अपील करते हुए कहा कि गड़बड़ी या संदिग्ध गतिविधियों की सूचना कंट्रोल रूम, स्थानीय पुलिस, चुनाव आयोग के हेल्पलाइन नंबर या डायल 112 पर दी जा सकती है. बिहार पुलिस मुख्यालय में विशेष डीजीपी कंट्रोल रूम चौबीसों घंटे कार्यरत रहेगा, ताकि किसी भी जिले से तत्काल समन्वय हो सके.
शिकायत दर्ज करने के माध्यम
- 0612-2824001
- 0612-2215611
- [email protected]
- [email protected]
सीमाओं पर कड़ी निगरानी
बिहार पुलिस ने बताया कि चुनाव के दौरान अंतरराष्ट्रीय और अंतरराज्यीय सीमाओं को पूरी तरह सील कर दिया गया है. बिहार की 730 किमी लंबी नेपाल सीमा और यूपी, झारखंड, बंगाल से लगी सीमाओं पर विशेष चौकसी बरती जा रही है.
पहले चरण के तहत जिन पांच जिलों गोपालगंज, सारण, सीवान, भोजपुर और बक्सर में मतदान हो रहा है, वे उत्तर प्रदेश से सटे हैं. इसलिए कुशीनगर, देवरिया, बलिया और गाजीपुर में भी मिरर चेक पोस्ट बनाए गए हैं, जहां नकद, शराब, मादक पदार्थ और हथियारों की तस्करी पर सख्त निगरानी रखी जा रही है.
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बिहार पुलिस नेपाल सीमा पर कर रही joint patrolling
डीजीपी ने बताया कि एसएसबी और बिहार पुलिस नेपाल सीमा पर संयुक्त गश्त (joint patrolling) कर रही हैं. चुनाव आयोग, मुख्य सचिव और डीजीपी स्तर पर पड़ोसी राज्यों व देशों से समन्वय बैठकें भी हो चुकी हैं ताकि किसी भी संदिग्ध गतिविधि को समय रहते रोका जा सके.
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