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Cyber ​​Fraud: मुजफ्फरपुर से 10 माह में 25. 60 करोड़ उड़ा ले गये साइबर फ्राड, हर माह औसतन 411 लोग हो रहे शिकार

Cyber ​​Fraud: 2024 में बिहार में 394 करोड़ की ठगी हुई, जिसमें डिजिटल अरेस्ट के 330 से अधिक बड़े मामले थे. वहीं, मुजफ्फरपुर में करीब 20 करोड़ रुपये की राशि फ्रॉड हुआ था. इसमें डिजिटल अरेस्ट के मामले 60 से अधिक केस थे.

Cyber ​​Fraud: मुजफ्फरपुर, चंदन सिंह. जिले में साइबर अपराधियों की जड़ें गहरी होती जा रहीं हैं. हर माह जिले में औसतन 411 लोगों को डिजिटल लूटेरे अपना शिकार बना कर ढाई करोड़ रुपये लूट रहे हैं. 10 महीने के भीतर जिले के चार हजार 128 लोग साइबर फ्रॉड का शिकार हुए हैं. उनके खाते में सेंधमारी करके 25 करोड़ 60 लाख रुपये की ठगी कर ली. फ्रॉड का यह आंकड़ा 2024 के मुकाबले डेढ़ गुना ज्यादा है. साइबर अपराधी लोगों से एपीके फाइल, डिजिटल अरेस्ट, इन्वेस्टमेंट फ्रॉड, जॉब फ्रॉड, ट्रेडिंग फ्रॉड, एइपीएस, यूपीआइ, इंटरनेट बैंकिंग, कॉल मर्ज व फेक प्रोफाइल बनाकर यह ठगी की है. साइबर थाने की पुलिस ने इन 10 माह में एक दर्जन से अधिक अपराधियों को गिरफ्तार करके जेल भी भेजा है.

4.40 करोड़ कराया होल्ड, 50 लाख खाते में कराया वापस

साइबर पुलिस की टीम ने तत्परता दिखाते हुए फ्रॉड की राशि में से चार करोड़ 40 लाख रुपये को बैंक खातों में होल्ड करा दिया है, यानी उसे अपराधी इस्तेमाल नहीं कर सकते. अभी तक पीड़ित परिवारों के खातों में 50 लाख रुपये ही रिफंड हो पाया हैं. इसका मतलब है कि 17. 19 प्रतिशत लूटी रकम पुलिस ने होल्ड करवा दी. बाकी फ्रॉड की 82. 81 प्रतिशत राशि का कुछ पता नहीं चल पाया है. इस संबंध में साइबर डीएसपी हिमांशु कुमार ने बताया कि 10 माह में साइबर अपराधियों ने 25 करोड़ से अधिक की रकम की जिले में ठगी की है. लोग ज्यादा से ज्यादा जागरूक होकर ही साइबर फ्रॉड से बच सकते हैं. एपीके फाइल भेजकर सबसे अधिक फ्रॉड किया जा रहा है. ऐसे में मोबाइल में ऑटो डाउनलोड बंद रखे. अगर आप साइबर फ्रॉड का शिकार हो जा रहे हैं तो तुरंत 1930 पर कॉल करके अपनी शिकायत दर्ज कराएं.

एपीके फाइल व इन्वेस्टमेंट के नाम पर सबसे अधिक ठगी

जिले में ठगी के दो तरीके सबसे ज्यादा इस्तेमाल किये जा रहे हैं. इनमें पहले नंबर पर एपीके फाइल. अपराधी ट्रैफिक चालान, सरकारी स्कीम, शादी कार्ड या किसी लुभावने ऐप के नाम पर एक लिंक भेजते हैं. जैसे ही कोई उस एपीके फाइल को डाउनलोड करता है, उसका फोन पूरी तरह से हैक हो जाता है. जिले में होने वाले कुल फ्रॉड में 40 प्रतिशत इसी तरह का है. दूसरे नंबर पर इनवेस्टमेंट फ्रॉड है. लोगों को ऑनलाइन काम, शेयर बाजार या क्रिप्टोकरेंसी में रातों-रात अमीर बनने का सपना दिखाया जाता है. छोटे लाभ देकर विश्वास जीता जाता है और फिर एक साथ लाखों रुपये ठग लिया जाता है.

केस स्टडी

केस 1 : 25 लाख फ्रॉड हुआ, तो सदमे में हार्ट अटैक से मौत

काजीमोहम्मदपुर थाना क्षेत्र के नया टोला के रहने वाले रिटायर्ड प्रोफेसर डॉ मुकेश प्रसाद सिंह ने इसकी सबसे भयानक कीमत चुकायी. अपराधियों ने उन्हें झांसे में लिया और एपीके फाइल डाउनलोड कराकर उनके खाते से 25 लाख उड़ा दिये. इसके उनको हार्ट अटैक आया और उनकी मौत हो गयी.

केस 2 : मोटी रकम कमाने के झांसे में भेज दिया 10. 26 लाख

ब्रह्मपुरा निवासी प्रवीण कुमार को ऑनलाइन पार्ट-टाइम जॉब का आकर्षक ऑफर देकर साइबर अपराधियों ने खाते से 10. 26 लाख रुपये का फ्रॉड कर लिया. पीड़ित ठगी के शिकार होने के बाद से मानसिक रूप से परेशान हैं.

बिहार में 2024 में 394 करोड़ का हुआ था फ्रॉड

आर्थिक अपराध इकाई की ओर से दी गयी जानकारी के अनुसार 2024 में बिहार में 394 करोड़ की ठगी हुई, जिसमें डिजिटल अरेस्ट के 330 से अधिक बड़े मामले थे. वहीं, मुजफ्फरपुर में करीब 20 करोड़ रुपये की राशि फ्रॉड हुआ था. इसमें डिजिटल अरेस्ट के मामले 60 से अधिक केस थे.

सबसे अधिक फ्रॉड का प्रतिशत

  • एपीके फ्रॉड : 40 प्रतिशत
  • इन्वेस्टमेंट फ्रॉड: 25 प्रतिशत
  • जॉब फ्रॉड : 05 प्रतिशत
  • ट्रेडिंग फ्रॉड : 10 प्रतिशत
  • कॉल मर्ज फ्रॉड: 05 प्रतिशत
  • एइपीएस व यूपीआइ फ्रॉड: 05 प्रतिशत
  • डिजिटल अरेस्ट का फ्रॉड: 02 प्रतिशत
  • सेक्सटॉर्शन व अन्य फ्रॉड: 05 प्रतिशत

साइबर फ्रॉड के ठगी का तरीका

  • कॉल मर्ज कर
  • सोशल मीडिया पर फर्जी ज्योतिष बनकर
  • ट्रैफिक चालान का एपीके फाइल भेजकर
  • रोमांस स्कैम चलाकर
  • डिजिटल अरेस्ट करके

साइबर फ्रॉड के टॉप पांच थाने में दर्ज प्राथमिकी

  • अहियापुर : 339
  • सदर: 261
  • सकरा: 213
  • कांटी: 207
  • कुढ़नी: 182

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Ashish Jha
Ashish Jha
डिजिटल पत्रकारिता के क्षेत्र में 10 वर्षों का अनुभव. लगातार कुछ अलग और बेहतर करने के साथ हर दिन कुछ न कुछ सीखने की कोशिश. वर्तमान में पटना में कार्यरत. बिहार की सामाजिक-राजनीतिक नब्ज को टटोलने के लिए प्रयासरत. देश-विदेश की घटनाओं और किस्से-कहानियों में विशेष रुचि. डिजिटल मीडिया के नए ट्रेंड्स, टूल्स और नैरेटिव स्टाइल्स को सीखने की चाहत.

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