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Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में पहली बार चुनाव लड़ रही जन सुराज पार्टी के वरिष्ठ नेता प्रशांत किशोर बुरे फंस गये हैं. निर्वाचन आयोग ने चुनाव से पहले उन्हें नोटिस जारी किया है. निर्वाची पदाधिकारी, 209-करगहर विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र सह भूमि सुधार उप समाहर्ता, सासाराम की ओर से प्रशांत किशोर को नोटिस जारी किया गया है. जन सुराज ने इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए इसके लिए चुनाव आयोग को ही जिम्मेदार ठहरा दिया है. वहीं, प्रशांत किशोर ने भी इस पर जबर्दस्त प्रतिक्रिया दी है.
निर्वाची पदाधिकारी ने प्रशांत को क्यों जारी किया नोटिस?
जन सुराज पार्टी के प्रशांत किशोर को एक से अधिक विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र में नाम दर्ज होने की वजह से मंगलवार को नोटिस जारी किया गया. नोटिस में कहा गया है कि प्रशांत किशोर का नाम पश्चिम बंगाल के भवानीपुर विधानसभा क्षेत्र के मतदान केंद्र संत हेलेन स्कूल, बी रानीशंकरी लेन में दर्ज है. उनका नाम बिहार की मतदाता सूची में भी है.
SIR चलाकर ये लोग पूरे बिहार के लोगों को नहीं डरा पाये. इलेक्शन कमीशन से पूछिए कि हमारा नाम मतदाता सूची से क्यों नहीं काटा? यदि 2 जगह हमारा नाम था, तो उन्हें हमारा नाम काटना चाहिए था. यह जबरदस्ती की भूमिका बना रहे हैं. हम अपने गांव करगहर के वोटर हैं. 2 साल कोलकाता रहे, तो वहां के वोटर हो गये. जब SIR करायी, तो हमको नोटिस क्यों भेजे? अरे हमको अरेस्ट करवाइए, देख लेंगे.
प्रशांत किशोर, जन सुराज पार्टी
बिहार के करगहर विधानसभा क्षेत्र के वोटर हैं प्रशांत किशोर
नोटिस के मुताबिक, प्रशांत किशोर का नाम बिहार के सासाराम जिले के 209-करगहर विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र के भाग संख्या-367 (मध्य विद्यालय, कोनार, उत्तरी भाग) क्रम संख्या 621 में दर्ज है. करगहर निर्वाचन क्षेत्र में उनके मतदाता पहचान पत्र की संख्या IUI3123718 है.
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एक वर्ष का कारावास और जुर्माना दोनों का प्रावधान
निर्वाची पदाधिकारी ने प्रशांत किशोर को नोटिस में कहा है कि लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 की धारा 17 के तहत एक से अधिक निर्वाचन क्षेत्र में किसी व्यक्ति का नाम पंजीकृत नहीं किया जायेगा. इसके उल्लंघन की स्थिति में जन प्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 की धारा 31 के तहत एक वर्ष का कारावास या जुर्माना या दोनों का प्रावधान है.
प्रशांत से निर्वाची पदाधिकारी ने 3 दिन में मांगा जवाब
निर्वाची पदाधिकारी ने प्रशांत किशोर को 3 दिन के अंदर अपना पक्ष रखने के लिए कहा है. निर्वाची पदाधिकारी ने अंग्रेजी समाचार पत्र इंडियन एक्सप्रेस के पश्चिम बंगाल-पटना संस्करण में छपी खबर का संज्ञान लेते हुए जन सुराज पार्टी के नेता को नोटिस जारी किया है.
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बिहार में विधानसभा चुनाव लड़ रही प्रशांत की पार्टी
चुनावी रणनीतिकार से नेता बने प्रशांत किशोर का नाम बिहार और पश्चिम बंगाल दोनों राज्यों की मतदाता सूची में है. किशोर की जन सुराज पार्टी बिहार में विधानसभा चुनाव लड़ रही है. निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि आधिकारिक रिकॉर्ड के अनुसार, पश्चिम बंगाल में मतदाता के रूप में पंजीकृत किशोर का पता 121, कालीघाट रोड के रूप में दर्ज है, जो कोलकाता के भवानीपुर विधानसभा क्षेत्र में तृणमूल कांग्रेस मुख्यालय का पता है.
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ममता बनर्जी के निर्वाचन क्षेत्र में भी मतदाता हैं प्रशांत किशोर
भवानीपुर विधानसभा क्षेत्र पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल प्रमुख ममता बनर्जी का निर्वाचन क्षेत्र है. पश्चिम बंगाल में वर्ष 2021 के विधानसभा चुनावों के दौरान प्रशांत किशोर ने तृणमूल कांग्रेस के लिए राजनीतिक सलाहकार के रूप में काम किया था. निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि किशोर का नाम बिहार में रोहतास जिले के सासाराम संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत करगहर विधानसभा क्षेत्र में पंजीकृत है.
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Bihar Election 2025: मतदाता प्रविष्टियों में दोहराव की वजह से ही एसआईआर जरूरी – आयोग
निर्वाचन आयोग ने स्वीकार किया है कि मतदाता प्रविष्टियों का दोहराव बार-बार सामने आने वाला मुद्दा है. उन्होंने इसे पूरे देश में मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) शुरू करने का एक कारण बताया है.
जिम्मेदारी चुनाव आयोग की – जन सुराज पार्टी
चुनाव आयोग के नोटिस पर जन सुराज पार्टी ने देर शाम प्रतिक्रिया दी. पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता कुमार सैयद मसीह उद्दीन ने ‘प्रभात खबर’ (prabhatkhabar.com) को बताया कि इसके लिए चुनाव आयोग जिम्मेदार है. प्रशांत किशोर की ओर से पश्चिम बंगाल की मतदाता सूची से उनका नाम हटाने का आवेदन दिया गया है. अब तक यदि नाम नहीं हटाया गया है, तो गलती प्रशांत किशोर की नहीं, चुनाव आयोग और निर्वाचन विभाग के अधिकारियों की है.
नोटिस क्यों भेजे? हमको अरेस्ट करवाइए, देख लेंगे
प्रशांत किशोर ने भी इस पर प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि SIR (मतदाता गहन पुनरीक्षण अभियान) चलाकर ये लोग पूरे बिहार के लोगों को नहीं डरा पाये. उन्होंने कहा कि इलेक्शन कमीशन से पूछिए कि हमारा नाम इलेक्शन कमीशन ने क्यों नहीं काटा? यदि 2 जगह हमारा नाम था, तो उन्हें हमारा नाम काटना चाहिए था. यह जबरदस्ती की भूमिका बना रहे हैं. हम अपने गांव करगहर के वोटर हैं. 2 साल कोलकाता रहे, तो वहां के वोटर हो गये. जब SIR करायी, तो हमको नोटिस क्यों भेजे? अरे हमको अरेस्ट करवाइए, देख लेंगे.
एक मतदाता कितनी जगह कर सकता है वोट?
भारत में एक मतदाता एक जगह ही वोट कर सकता है. जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 17 के तहत कोई भी व्यक्ति एक से अधिक निर्वाचन क्षेत्र में मतदाता के रूप में पंजीकृत नहीं हो सकता है.
मतदाता अगर निवास बदलता है, तो उसे क्या करना चाहिए?
जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 18 एक ही निर्वाचन क्षेत्र में एक से अधिक प्रविष्टियों पर रोक लगाती है. मतदाताओं को निवास बदलने पर अपना नामांकन स्थानांतरित करने के लिए फॉर्म-8 भरना जरूरी है.
एक साथ 2 जगह का वोटर होने की क्या सजा है?
जन प्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 की धारा 31 के तहत इस नियम का उल्लंघन करने वाले को एक वर्ष का कारावास या जुर्माना या दोनों का प्रावधान है.
क्या प्रशांत किशोर को जेल जाना होगा?
जन प्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 की धारा 31 के तहत इस नियम का उल्लंघन करने वाले को एक वर्ष का कारावास या जुर्माना या दोनों का प्रावधान है. प्रशांत किशोर को इस मामले में जवाब देने के लिए 3 दिन का समय दिया गया है. अगर उनके जवाब से चुनाव आयोग संतुष्ट हो जाता है, तो उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होगी. अगर वह आयोग को संतुष्ट नहीं कर पाये, तो उनके खिलाफ कार्रवाई करने के बारे में चुनाव आयोग सोच सकता है.
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