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दुनिया के सबसे साफ देश, नंबर 5 जानकर कहेंगे, ‘मैं तो जानता ही था!’ भारत इसमें नहीं है

World Cleanest Countries In 2025: 2025 में दुनिया के सबसे साफ देश कौन हैं और क्यों? एस्टोनिया, लक्जमबर्ग, जर्मनी, फिनलैंड और यूनाइटेड किंगडम जैसे देश ग्रीन एनर्जी, साफ हवा और टिकाऊ जीवन के लिए अग्रणी हैं. जानिए EPI स्कोर और पर्यावरणीय नीतियों के आधार पर ये देश कैसे बन गए उदाहरण.

World Cleanest Countries In 2025: आज के समय में हम अक्सर ये बहस करते रहते हैं कि क्या एक सिंगल-यूज कॉफी कप दुनिया को नुकसान पहुंचा सकता है या नहीं. लेकिन कुछ देश हैं जो इस बहस में नहीं उलझते, बल्कि चुपचाप अपने हाथों में दस्ताने पहनकर असली काम करते हैं. धरती बचाने के लिए. 2025 में दुनिया के सबसे साफ देश वो हैं जहां सांस लेना सुरक्षित है और जहां पर्यावरण के लिए किए जाने वाले प्रयास सिर्फ नाम भर नहीं हैं. कोंडे नास्ट ट्रैवलर की रिपोर्ट के अनुसार, Environmental Performance Index (EPI) के आधार पर ये देश न केवल साफ-सुथरे हैं बल्कि पर्यावरणीय नेतृत्व में भी आगे हैं.

World Cleanest Countries In 2025: EPI क्या है?

EPI येल और कोलंबिया विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं और वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के सहयोग से विकसित एक प्रणाली है, जो देशों के पर्यावरणीय स्वास्थ्य और स्थिरता का मूल्यांकन करती है. यह 180 देशों को 58 मापदंडों के आधार पर आंकता है, जिन्हें 11 श्रेणियों में बांटा गया है. हर देश को 1 से 100 के स्कोर में रेट किया जाता है, जहां उच्च स्कोर बेहतर पर्यावरणीय प्रदर्शन और साफ-सुथरा जीवन दर्शाता है.

EPI का ढांचा तीन मुख्य स्तंभों पर आधारित है. पहला, पर्यावरणीय स्वास्थ्य, जो वायु गुणवत्ता, स्वच्छता, पीने के पानी की उपलब्धता, भारी धातु प्रदूषण और कचरा प्रबंधन जैसे पहलुओं को आंकता है. दूसरा, इकोसिस्टम जीवंतता, जो प्राकृतिक संसाधनों का प्रबंधन और जैव विविधता संरक्षण देखता है. तीसरा, जलवायु परिवर्तन प्रदर्शन, जो ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन घटाने और नवीकरणीय ऊर्जा अपनाने की नीतियों का मूल्यांकन करता है. ये तीनों स्तंभ मिलकर पर्यावरणीय नेतृत्व का व्यापक दृष्टिकोण पेश करते हैं.

1. एस्टोनिया (EPI स्कोर: 75.3)

एस्टोनिया ने आश्चर्यजनक रूप से शीर्ष स्थान हासिल किया. यह पहला पूर्वी यूरोपीय देश है जो दुनिया के सबसे साफ देशों में शामिल हुआ. पिछले दशक में इसने तेल शेल से चलने वाली बिजली से wind, solar और biomass जैसी नवीकरणीय ऊर्जा की ओर बदलाव करके 40% ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में कमी की है. डिजिटल तकनीक का इस्तेमाल कर वायु गुणवत्ता और प्राकृतिक संसाधनों की निगरानी भी उत्कृष्ट तरीके से की जा रही है. हालांकि biomass ऊर्जा उत्पादन के कारण वनों की कटाई की चुनौती बनी हुई है, जो नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्यों और वन संरक्षण के बीच संतुलन बनाए रखने की मांग करती है.

2. लक्जमबर्ग (EPI स्कोर: 75.0)

लक्जमबर्ग ने वायु गुणवत्ता, कचरा प्रबंधन और नवीकरणीय ऊर्जा अपनाने में व्यापक नीतियां लागू की हैं. देश ने 2020 से पूरे देश में मुफ्त सार्वजनिक परिवहन लागू किया, जिससे निजी वाहनों से निकलने वाला कार्बन उत्सर्जन काफी घट गया. इसके अलावा, उद्योग गतिविधियों का जिम्मेदार प्रबंधन करते हुए उच्च वायु और जल गुणवत्ता बनाए रखी गई है. ग्रीन तकनीक और सतत वित्त में निवेश ने लक्जमबर्ग को यूरोप में पर्यावरणीय नवाचार में अग्रणी बना दिया है.

3. जर्मनी (EPI स्कोर: 74.6)

जर्मनी ने अपनी कड़ी पर्यावरण नीतियों और Energiewende कार्यक्रम के माध्यम से वैश्विक नेतृत्व स्थापित किया है. देश ने पवन और सौर ऊर्जा में भारी निवेश किया है. व्यापक रीसाइक्लिंग प्रणाली और सर्कुलर इकोनॉमी के सिद्धांत जर्मनी को अन्य देशों के लिए मॉडल बनाते हैं. पर्यावरणीय शिक्षा और जागरूकता अभियानों ने देश में स्थिरता की संस्कृति को रोजमर्रा की जिंदगी में शामिल किया है.

4. फिनलैंड (EPI स्कोर: 73.7)

फिनलैंड की पर्यावरणीय उत्कृष्टता उसकी प्रकृति से गहरी जुड़ाव और सततता के दृष्टिकोण से आती है. देश का 70% क्षेत्र सावधानीपूर्वक प्रबंधित जंगलों से ढंका है, जो बड़े कार्बन सिंक का काम करते हैं. सर्कुलर इकोनॉमी पहलों ने कचरा प्रबंधन को बदल दिया है, जिसमें कचरे में कमी और रीसाइक्लिंग के महत्वाकांक्षी लक्ष्य शामिल हैं. स्वच्छ ऊर्जा के लिए बायोएनर्जी, हाइड्रोपावर और नई तकनीकों में निवेश किया गया है.

5. यूनाइटेड किंगडम (EPI स्कोर: 72.7)

यूनाइटेड किंगडम ने ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन घटाने और नवीकरणीय ऊर्जा अपनाने में महत्वपूर्ण प्रगति दिखाई है. देश ने पवन ऊर्जा उत्पादन में महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की हैं, जहां ऑफशोर विंड फार्म राष्ट्रीय ऊर्जा ग्रिड में काफी योगदान देते हैं. जलवायु परिवर्तन से निपटने के प्रयास व्यापक हैं, जिसमें कानूनी रूप से बाध्यकारी कार्बन बजट और महत्वाकांक्षी नेट-जीरो लक्ष्य शामिल हैं. पर्यावरणीय स्वास्थ्य पहल में शहरी क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता सुधार और व्यापक कचरा प्रबंधन रणनीतियां मुख्य हैं.

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Govind Jee
Govind Jee
गोविन्द जी ने पत्रकारिता की पढ़ाई माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय भोपाल से की है. वे वर्तमान में प्रभात खबर में कंटेंट राइटर (डिजिटल) के पद पर कार्यरत हैं. वे पिछले आठ महीनों से इस संस्थान से जुड़े हुए हैं. गोविंद जी को साहित्य पढ़ने और लिखने में भी रुचि है.

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