US approves 93 million dollar defence sale to India: अमेरिका ने सऊदी अरब से एफ-35 लड़ाकू विमान और सिविल परमाणु समझौते के बाद अब भारत के साथ रक्षा समझौते को मंजूरी दी है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 9 करोड़ डॉलर मूल्य के दो रक्षा सौदों को मंजूरी दे दी है, इसमें भारत को एक्सकैलिबर प्रोजेक्टाइल और एंटी टैंक जैवलिन मिसाइल सिस्टम की बिक्री होगी. यह समझौता भारत-अमेरिका की रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करता है. यह भारत की प्रिसिजन स्ट्राइक (सटीक निशाना साधने की क्षमता) तथा रक्षा क्षमताओं को बढ़ाता है. दोनों देशों के बीच यह समझौता ऐसे समय हुआ है, जब दोनों देश ट्रेड डील को फाइनल करने की कोशिश में लगे हैं. भारत को अमेरिका से टैरिफ भी झेलना पड़ रहा है. हालांकि भारत को मिले इन हथियारों से क्षेत्रीय सैन्य संतुलन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा.
डिफेंस सिक्योरिटी कोऑपरेशन एजेंसी (DSCA) के अनुसार, 93 मिलियन डॉलर (822 करोड़ रुपये) मूल्य के इस सौदे में, 45.7 मिलियन डॉलर मूल्य के FGM-148 जैवलिन एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल सिस्टम और संबंधित उपकरणों की बिक्री तथा 47.1 मिलियन डॉलर मूल्य के M982A1 एक्सकैलिबर प्रिसिजन-गाइडेड आर्टिलरी प्रोजेक्टाइल शामिल हैं. DSCA के आधिकारिक बयान में कहा गया, “यह प्रस्तावित बिक्री संयुक्त राज्य अमेरिका की विदेश नीति और राष्ट्रीय सुरक्षा उद्देश्यों का समर्थन करेगी. इससे अमेरिका-भारत की रणनीतिक साझेदारी मजबूत होगी और एक प्रमुख रक्षा साझेदार की सुरक्षा में सुधार होगा, जो इंडो-पैसिफिक और दक्षिण एशिया क्षेत्र में राजनीतिक स्थिरता, शांति और आर्थिक प्रगति के लिए एक महत्वपूर्ण शक्ति बनी हुई है.”

पैकेज में क्या शामिल है?
डिफेंस सिक्योरिटी कोऑपरेशन एजेंसी (DSCA) ने अपनी अधिसूचना में घोषणा की कि अमेरिकी विदेश विभाग ने 93 मिलियन डॉलर मूल्य के सैन्य उपकरणों की इस बिक्री को मंजूरी दे दी है. इस खरीद में शामिल हैं- 100 जैवलिन मिसाइलें, एक फ्लाई-टू-बाय राउंड, 25 कमांड-लॉन्च यूनिट, ट्रेनिंग एड्स, सिमुलेशन राउंड, स्पेयर पार्ट्स और पूरे जीवनचक्र का सपोर्ट. इस पैकेज में 47.1 मिलियन डॉलर मूल्य तक के 216 एक्सकैलिबर राउंड भी शामिल हैं. भारतीय सेना इन दोनों सिस्टम का सीमित मात्रा में उपयोग कर रही थी और यह बिक्री उनके भंडार को फिर से भरने में मदद करेगी.
इससे कैसे मदद मिलेगी?
DSCA के अनुसार, यह प्रस्तावित बिक्री भारत की फर्स्ट-स्ट्राइक सटीकता क्षमता को मौजूदा और उभरती सुरक्षा चुनौतियों का सामना करने में मजबूत बनाएगी. साथ ही यह दोनों देशों के बीच रणनीतिक गठबंधन को और गहरा करेगी और इससे मौलिक क्षेत्रीय सैन्य संतुलन पर कोई असर नहीं पड़ेगा.

दोनों हथियारों की खासियत क्या है?
FGM-148 जैवेलिन मिसाइल, एक दागो और भूल जाओ वाली टेक्निक पर काम करने वाला हथियार है. इसे RTX और लॉकहीड मार्टिन ने मिलकर बनाया है. इसमें दागने से पहले लॉक-ऑन और ऑटोमेटिक सेल्फ गाइडेंस की भी सुविधा है. इसे हाथ में उठाकर चलाया जा सकता है. इसे अमेरिकी सेना में 1996 में शामिल किया गया था. यह बख्तरबंद टैंक या फिर हेलीकॉप्टर को भी निशाना बना सकती है.
वहीं M982A1 एक्सकैलिबर प्रिसिजन-गाइडेड आर्टिलरी प्रोजेक्टाइल को पारंपरिक लंबी दूरी के गोले के विकल्प के रूप में विकसित किया गया है. यह पौराणिक राजा एक्सकैलिबर के नाम पर है, जिसे अमेरिका के रैथियॉन मिसाइल एंड डिफेंस और स्वीडिश सिस्टम्स बोफोर्स द्वारा विकसित किया गया है. इसमें बेहतर सटीकता के लिए जीपीएस की भी सुविधा है. 155 मिमी वाला यह प्रोजेक्टाइल लगभग 40-57 किमी तक हमला कर सकता है. भारत को इस तरह के हथियार की जरूरत थी, हालांकि इंडियन आर्मी के पास इस तरह का हथियार पहले भी उपलब्ध रहा है, लेकिन इस नए प्रोजेक्टाइल में जीपीएस सुविधा होने से अतिरिक्त फायदा मिल सकता है.
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