Trump Warns Iran: मध्य-पूर्व में शांति की बातें चल रही हैं, लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बयानों में अब भी धमाके हैं. 13 अक्टूबर को, जब गाजा शांति समझौते का चरण चल रहा था तब ट्रंप ने इजराइल की संसद को संबोधित किया और यहीं से आग लगी. उन्होंने कहा कि अमेरिका ने 28 नए बी-2 बमवर्षक विमान ऑर्डर किए हैं, वही घातक मशीनें जिनका इस्तेमाल जून 2025 में ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमले के लिए किया गया था. यानी ट्रंप ने फिर से दुनिया को याद दिलाया कि अमेरिका चाहे तो किसी भी वक्त ताकत का प्रदर्शन कर सकता है.
Trump Warns Iran: जब ट्रंप ने कहा- ‘हमने हमला किया है’
जून 2025 की वो तारीख अब इतिहास बन चुकी है. पहले तो ट्रंप ने दावा किया था कि अमेरिका, ईरान और इजराइल के बीच चल रहे युद्ध में हिस्सा नहीं लेगा. लेकिन कुछ ही दिनों में उन्होंने अचानक एलान किया कि “हमने ईरान पर हवाई हमला किया है.” अमेरिका ने उस वक्त ईरान के तीन बड़े परमाणु ठिकानों फोर्डो, नतांज और इस्फहान को निशाना बनाया. ये हमला इजराइल द्वारा शुरू किए गए ईरान पर हमले के बाद अमेरिका की पहली सीधी सैन्य कार्रवाई थी. ट्रंप ने खुद सोशल मीडिया पर इस ऑपरेशन की पुष्टि करते हुए इसे “बेहद सफल सैन्य अभियान” बताया और कहा कि यह हमला अयातुल्ला अली खामेनेई के नेतृत्व वाले ईरान के खिलाफ एक स्पष्ट संदेश है.
प्रत्येक विमान में दो-दो ‘बंकर-बस्टर’ बम लगे थे
अमेरिकी रक्षा अधिकारियों के मुताबिक, इस अभियान में तीन बी-2 बमवर्षकों का इस्तेमाल हुआ. प्रत्येक विमान में दो-दो “बंकर-बस्टर” बम लगे थे, जिन्हें GBU-57 मैसिव ऑर्डनेंस पेनेट्रेटर (MOP) कहा जाता है. ये बम इतने भारी और शक्तिशाली होते हैं कि इन्हें सिर्फ बी-2 विमान ही ले जा सकता है. ईरान का फोर्डो परमाणु केंद्र इस हमले का सबसे बड़ा लक्ष्य था. यह केंद्र कोई साधारण ठिकाना नहीं है यह एक पहाड़ के नीचे करीब 300 फीट गहराई में स्थित यूरेनियम विकास केंद्र है. इसके अलावा, नतांज और इस्फहान पर भी अमेरिका ने हमला किया, लेकिन वहां पनडुब्बियों से दागी गई टॉमहॉक मिसाइलों का इस्तेमाल किया गया.
IAEA की रिपोर्ट- ‘रेडिएशन स्तर सामान्य’
हमलों के बाद संयुक्त राष्ट्र की अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) ने सोशल मीडिया पर जानकारी दी कि अमेरिकी हमलों के बाद “बाहरी रेडिएशन के स्तर में कोई वृद्धि नहीं हुई.” ईरान के परमाणु ऊर्जा संगठन ने भी अपने तीन परमाणु प्रतिष्ठानों पर हमले की पुष्टि की, लेकिन साफ कहा कि “ये हमले हमारे परमाणु कार्यक्रम को नहीं रोक सकते.” यानी कि ईरान ने भी संकेत दिया कि भले ही ठिकानों पर बम गिरे हों, लेकिन उसका कार्यक्रम अभी जिंदा है.
जब अमेरिका ने बनाया बॉम्बर ‘भूत’
अब बात उस विमान की जिसने ईरान के आसमान में तहलका मचाया. नाम है B-2 बमवर्षक. इसकी कहानी शुरू होती है 1970 के दशक के आखिरी सालों में, जब अमेरिका को डर था कि सोवियत संघ की वायु रक्षा प्रणाली उसकी ताकत को चुनौती दे सकती है. तब अमेरिका ने तय किया कि उसे ऐसा विमान चाहिए जो रडार से गायब रहकर भी परमाणु हथियार गिरा सके. एक दशक तक यह योजना गुप्त रही, और आखिरकार 1988 में कैलिफोर्निया में इसका लोकार्पण हुआ.
इसका डिजाइन देखकर दुनिया दंग रह गई. उड़ते हुए पंख जैसा आकार, जो न सिर्फ रडार से बच निकलता था बल्कि परमाणु और पारंपरिक दोनों तरह के हमले करने में सक्षम था. 1991 में सोवियत संघ टूट गया, तब आलोचकों ने सवाल उठाया कि इतना महंगा बमवर्षक अब किस काम का. लेकिन अमेरिका ने इसे रद्द नहीं किया बल्कि B-2 को सटीक पारंपरिक हमलों के लिए बदल दिया. और यही वजह है कि यह आज भी दुनिया के सबसे डरावने हथियारों में गिना जाता है.
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