Seven Israeli Hostages Return Home After Two Years: गाजा की सुरंगों से लेकर इजराइल के सैन्य ठिकानों तक दो साल से ज्यादा वक्त से चल रही एक इंतजार की कहानी आखिरकार खत्म हुई. सात इजरायली बंधक, जिन्हें हमास ने 2023 में अपहरण कर लिया था, अब अपने घर लौट आए हैं. लौटे भी तो ऐसे कि पूरा देश रो पड़ा. किसी के गले लगकर मां फूट-फूटकर रोई, तो किसी पिता ने बेटे का चेहरा छूकर यकीन किया कि वो जिंदा है. ये सब संभव हुआ इजराइली रक्षा बल (IDF) और सुरक्षा एजेंसी (ISA) के उस मिशन से, जिसे नाम दिया गया ‘ऑपरेशन रिटर्निंग होम’.
Seven Israeli Hostages Return Home After Two Years: बंधकों की पहचान कर रिहा किया गया
इजराइल वॉर रूम के अनुसार, जिन सात बंधकों को रिहा कराया गया है, उनमें एतान मोर, गली बर्मन, जीव बर्मन, मटन आंगरेस्ट, ओमरी मिरन, गाइ गिलबोआ-दलाल और अलोन ओहेल शामिल हैं. जैसे ही वे गाजा से इजराइल पहुंचे, सबसे पहले उनका प्रारंभिक मेडिकल टेस्ट किया गया. इसके बाद उन्हें रेईम के पास बने एक सैन्य केंद्र में ले जाया गया, जहां परिवार उनका इंतजार कर रहे थे. और फिर जो हुआ, वो सिर्फ मुलाकात नहीं थी, वो जैसे दो साल की जुदाई का गम था. मटन आंगरेस्ट की मां इनाव जगौकर ने बेटे को गले लगाते हुए कहा कि तुम घर आ गए हो, अब कोई युद्ध नहीं है. यह खत्म हो गया. मैं तुमसे प्यार करती हूं. वहीं, अलोन ओहेल के परिवार ने कहा, “वह अपने पैरों पर खड़ा है.” इन शब्दों में एक देश की राहत थी, एक मां-बाप की उम्मीद का पुनर्जन्म था. नीचे आप वीडियो देख सकते हैं.
After 738 days, Einav Zangauker speaks to her son Matan — just minutes after his release from Hamas captivity in Gaza.
— Israel War Room (@IsraelWarRoom) October 13, 2025
“You’re coming home. There’s no war. There’s no war. It’s over. I love you.” pic.twitter.com/0xZhDq7Vqv
"He's standing on his own"
— Aviva Klompas (@AvivaKlompas) October 13, 2025
Alon Ohel's family are overflowing with joy and gratitude to have their son back pic.twitter.com/fHznrt5q4u
हमास ने दी थी ‘एक आखिरी बात’ करने की इजाजत
रिहाई से पहले, हमास ने कुछ परिवारों को अपने प्रियजनों से दो साल बाद पहली बार बात करने की इजाजत दी थी. कुछ मिनटों की वो कॉल, जिसमें एक तरफ डर था, दूसरी तरफ उम्मीद लेकिन इन कुछ शब्दों ने दोनों ओर की खामोशी तोड़ दी. यह छोटी-सी बात, बंधकों के परिवारों के लिए किसी चमत्कार से कम नहीं थी.
Hamas video called the families of several hostages who are set to be released later this morning, allowing them to speak with their loved ones for the first time in two years. pic.twitter.com/iEVSmIe0li
— Emanuel (Mannie) Fabian (@manniefabian) October 13, 2025
Seven Israeli Hostages Return Home After Two Years: ‘ऑपरेशन रिटर्निंग होम
IDF ने इस मिशन को “एक पवित्र मिशन” बताया है और कहा कि ऐसा मिशन जिसमें राजनीति नहीं, सिर्फ अपने नागरिकों को घर लाने का संकल्प था. इस ऑपरेशन की कमान IDF चीफ ऑफ स्टाफ लेफ्टिनेंट जनरल एयाल जमीर के हाथों में थी. उनके साथ मेजर जनरल (रिजर्व) नित्जन अलोन और मेजर जनरल शलोमी बिंदर भी निगरानी में शामिल रहे. जमीर ने कहा, “यह बहुत महत्वपूर्ण दिन है. हम युद्ध के मुख्य उद्देश्यों में से एक को पूरा कर रहे हैं. हमारा मिशन तब तक समाप्त नहीं होगा जब तक आखिरी बंधक वापस नहीं आ जाता.”
अभी बाकी हैं 13 बंधक
IDF के मुताबिक, अभी भी 13 जीवित बंधक गाजा में हैं, जिन्हें जल्द ही रेड क्रॉस के जरिए इजराइल को सौंपा जाएगा. हर घर में अब एक ही सवाल है कि “अगला कौन होगा जो लौटेगा?” और हर मां के होंठों पर एक ही दुआ कि “बस वो जिंदा हो.” इस रिहाई के पीछे अमेरिका की मध्यस्थता का बड़ा रोल रहा. यह कदम गाजा संघर्षविराम के बाद अब तक की सबसे अहम मानवीय उपलब्धि माना जा रहा है.
इसी क्रम में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप सोमवार को इजराइल पहुंचे हैं. वे लौटे हुए बंधकों के परिवारों से मुलाकात करेंगे और इजराइली संसद (केनेस्सेट) में संबोधन देंगे. ट्रंप की यात्रा को सिर्फ कूटनीतिक नहीं, बल्कि भावनात्मक समर्थन के रूप में देखा जा रहा है कि एक संकेत कि अमेरिका और इजराइल अब इस युद्ध को शांति की दिशा में मोड़ना चाहते हैं.
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