Pakistan Khyber Pakhtunkhwa: पाकिस्तान को इस वर्ष मौतों का भारी प्रकोप झेलना पड़ा है. आतंकवाद को पनाह देने वाले इस देश में प्रकृति का क्रूर रूप देखने को मिला है. पाकिस्तान इस वर्ष भयंकर वर्षा और बाढ़ के प्रकोप से गम्भीर रूप से प्रभावित हुआ है. विशेष रूप से खैबर पख्तूनख्वा (KPK) प्रांत में हालात बेहद खराब रहे. ARY न्यूज ने प्रांतीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (PDMA) की रिपोर्ट का हवाला देते हुए बताया कि वर्ष 2025 के पहले नौ महीनों में केवल इस प्रांत में बारिश से जुड़े हादसों में 631 लोगों की जान चली गई, जबकि 429 लोग घायल हुए.
PDMA द्वारा जारी विस्तृत रिपोर्ट के अनुसार, जनवरी से सितंबर 2025 के बीच होने वाली मूसलाधार बारिश, बादल फटने की घटनाओं और अचानक आई बाढ़ ने पूरे प्रांत को तबाही की ओर धकेल दिया. बारिश से होने वाली मौतों में 202 पुरुष, 190 महिलाएँ और 239 बच्चे शामिल हैं. यह आँकड़ा बताता है कि मौसम की मार सबसे अधिक उन क्षेत्रों पर पड़ी जो पहले से ही कमजोर संरचनाओं और सीमित संसाधनों पर निर्भर हैं.
घायलों की बात करें तो भारी बारिश और बाढ़ की वजह से 207 पुरुष, 86 महिलाएँ और 145 बच्चे जख्मी हुए. इन घटनाओं का असर केवल मानव जीवन पर ही नहीं पड़ा, बल्कि पशुधन और संपत्ति को भी बड़ा नुकसान हुआ.

घर और मवेशियों का भी हुआ ढेरों नुकसान
PDMA रिपोर्ट के अनुसार, खैबर पख्न्तूख्वा के विभिन्न इलाकों में बारिश और बाढ़ से 7,153 मवेशियों की मौत हुई, जो उन हजारों परिवारों के लिए बड़ा आर्थिक झटका है जिनकी आजीविका पशुपालन पर निर्भर है. इसके साथ ही, वर्षा से संबंधित हादसों में पूरे प्रांत में 3,798 घर क्षतिग्रस्त हुए. इनमें से 1,089 घर पूरी तरह नष्ट हो गए, जबकि 2,700 घर आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए.
सबसे चिंताजनक पहलू यह है कि आपदा ने शिक्षा व्यवस्था को भी व्यापक रूप से प्रभावित किया. रिपोर्ट में बताया गया है कि 796 स्कूल भवन बारिश और बाढ़ के कारण क्षतिग्रस्त हुए. इनमें से 166 स्कूल पूरी तरह ढह गए, जबकि 593 स्कूलों को आंशिक नुकसान पहुँचा. इससे हजारों स्कूल जाने वाले बच्चों की पढ़ाई पर गहरा असर पड़ेगा.
रिपोर्ट में कहा गया है कि इस साल के मानसून सीजन के दौरान लगातार बारिश, बादल फटने की घटनाओं और अचानक आई बाढ़ ने खैबर पख्तूनख्वा के अधिकांश जिलों में कहर बरपाया. कई जगहों पर पूरा बुनियादी ढाँचा अस्त-व्यस्त हो गया और स्थानीय प्रशासन को राहत और बचाव कार्यों में भारी चुनौतियों का सामना करना पड़ा.
पूरे पाकिस्तान में केवल मानसून ने ले ली 835 लोगों की जान
वहीं इस प्राकृतिक आपदा ने पूरे पाकिस्तान में भी खूब बवंडर मचाया. पाकिस्तान की राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) के आँकड़ों के अनुसार, 25 जून से शुरू हुए मानसून के बाद से अब तक पूरे देश में 853 लोगों की मौत हुई है और 1,000 से अधिक लोग घायल हुए हैं. ये घटनाएँ मुख्यतः तेज बारिश, भूस्खलन, नदियों में उफान और अचानक आई बाढ़ की वजह से हुईं.
हर साल जून से सितंबर के बीच आने वाली मानसूनी बारिश इस बार और भी घातक साबित हुई है. डॉन अखबार के अनुसार, जून के अंत से भारी वर्षा ने पाकिस्तान के कई हिस्सों में व्यापक विनाश किया है. खराब जल निकासी, घनी आबादी वाले क्षेत्र और कमजोर बुनियादी ढाँचा इस तबाही को और बढ़ाने में सहायक रहे. नतीजतन, हजारों लोग विस्थापित हुए, सैकड़ों गाँव डूब गए और कई क्षेत्रों में जीवन सामान्य होने में लंबा समय लग सकता है.
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