Joe Biden govt funded 2024 Bangladesh protests: बांग्लादेश में पिछले साल शेख हसीना की सरकार को छात्र आंदोलन के बाद गिरा दिया गया. 5 अगस्त 2024 को पूर्व प्रधानमंत्री को देश छोड़कर भागना पड़ा. अचानक उपजे इस आंदोलन काफी हिंसा हुआ, जिसमें संयुक्त राष्ट्र की मानवाधिकार रिपोर्ट के मुताबिक 1400 लोग मारे गए थे. बांग्लादेश के अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण ने हसीना को मानवाता के खिलाफ इस अपराध के लिए मृत्युदंड की सजा दी है. हालांकि शेख हसीना ने इन आरोपों से हमेशा इनकार किया है. उन्होंने कहा है कि उनकी सरकार गिराने के लिए राजनीति षड्यंत्रों का प्रयोग किया है. अब उनके बेटे सजीब वाजेद ने इसके लिए खुलकर पिछले अमेरिकी प्रशासन का नाम लिया है. उन्होंने ट्रंप प्रशासन की तारीफ की और कहा कि उनके आने के बाद काफी चीजें बदली हैं.
बांग्लादेश की अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना को मौत की सज़ा सुनाए जाने के बाद उनके बेटे सजीब वाजेद ने आरोप लगाया है कि पिछले अमेरिकी प्रशासन ने उनके देश में रेजीम चेंज के लिए लाखों डॉलर खर्च किए. उन्होंने कहा, “राष्ट्रपति ट्रंप ने इस साल की शुरुआत में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में खुद घोषणा की थी कि पिछले प्रशासन ने यूएसएआईडी के माध्यम से बांग्लादेश में रेजीम चेंज के लिए लाखों डॉलर खर्च किए थे.”
उसी सरकार ने नकारात्मक बयान जारी किया था
जब उनसे पूछा गया कि क्या उस समय हसीना सरकार को अमेरिकी सरकार से कोई धमकी मिली थी, वाजेद ने कहा, “नहीं, हमें किसी तरह की धमकी नहीं मिली. एकमात्र छोटी-सी बात यह थी कि 2024 के चुनाव पर नकारात्मक बयान जारी करने वाला अमेरिका ही एकमात्र देश था, जबकि विपक्ष ने चुनाव का बहिष्कार किया था. इसके अलावा चुनाव को सभी ने शांतिपूर्ण माना. कोई सीधा दबाव नहीं था… अब अमेरिका में बिल्कुल नई सरकार है. स्थिति पूरी तरह बदल गई है…”
ट्रंप काल में बदल गई नीति
जॉय के नाम से प्रसिद्ध सजीब वाजेद ने कहा कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शासन में अमेरिका का रुख निश्चित रूप से बदल गया है. उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप बांग्लादेश में आतंकवाद के खतरे और इस्लामवाद के बढ़ते प्रभाव को लेकर पिछले प्रशासन की तुलना में अधिक चिंतित हैं. उन्होंने कहा, “हमने दृष्टिकोण में बहुत स्पष्ट परिवर्तन देखा है. राष्ट्रपति ट्रंप ने घोषणा की थी कि पिछले प्रशासन ने यूएसएआईडी के जरिए रेजीम चेंज पर लाखों डॉलर खर्च किए थे. वे पिछले साल के प्रदर्शनों का जिक्र कर रहे थे. अमेरिका का रुख बदल गया है, और वे बांग्लादेश में आतंकवाद और इस्लामवाद के उभरने को लेकर अब कहीं अधिक चिंतित हैं…”
जुलाई 2024 के प्रदर्शनों ने हटाया था हसीना को
वाजेद फिलहाल अमेरिका में रह रहे हैं. जबकि उनकी मां भारत में निर्वासन में हैं. बांग्लादेश की सबसे लंबे समय तक सेवा करने वाली प्रधानमंत्री शेख हसीना के सत्ता से हटने की शुरुआत 2024 के शुरुआती जुलाई में शुरू हुए प्रदर्शनों से हुई थी, जिन्हें “छात्र” समूहों ने नेतृत्व दिया था. प्रदर्शन तेज होने पर बड़ी संख्या में छात्रों ने ढाका में हसीना के आधिकारिक आवास पर धावा बोला. इस दौरान हिंसक झड़पें, लूटपाट और आगजनी की घटनाएं हुईं. कई हफ्तों तक चले उग्र विरोध के बाद हसीना ने 5 अगस्त को इस्तीफा दिया और भारत में शरण लेने के लिए देश छोड़ दिया. इस दौरान काफी लोगों के मारे जाने की रिपोर्ट की गई थी.
“क्राइम्स अगेंस्ट ह्यूमैनिटी” में दोषी ठहराया गया
17 नवंबर को बांग्लादेश की इंटरनेशनल क्राइम्स ट्रिब्यूनल ने 78 वर्षीय शेख हसीना को जुलाई-अगस्त 2024 के विद्रोह के दौरान “मानवता के खिलाफ अपराध” के आरोप में दोषी पाया. ट्रिब्यूनल ने हसीना और दो वरिष्ठ अधिकारियों पर प्रदर्शनकारियों के खिलाफ अत्याचारों को आदेश देने या मंज़ूरी देने का आरोप लगाया. यह फैसला अनुपस्थिति में सुनाया गया, क्योंकि हसीना पिछले साल सरकार गिरने के बाद से भारत में रह रही हैं.
अनिर्वाचित, असंवैधानिक और अवैध सरकार ने ठहराया दोषी
प्रोफेसर मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली ढाका की अंतरिम सरकार द्वारा शेख हसीना के प्रत्यर्पण की मांग की गई है. इस पर सजीब ने कहा कि बांग्लादेश की अनिर्वाचित, असंवैधानिक और अवैध सरकार ने मौत की सजा देने के दौरान कानूनी प्रक्रिया का पालन नहीं किया. उन्होंने कहा, “ उन्होंने मेरी मां को दोषी ठहराने के लिए कानूनों में संशोधन कर ट्रायल को तेज किया, ये संशोधन ही अवैध थे. मेरी मां को अपने वकील रखने की अनुमति नहीं दी गई. उनके वकीलों को अदालत में घुसने तक नहीं दिया गया…” उन्होंने यह भी आरोप लगाया, “ट्रायल से पहले 17 जजों को हटाया गया और नए जज नियुक्त किए गए, जिनमें से कुछ के पास कोई न्यायिक अनुभव नहीं था और उनका राजनीतिक संबंध था. प्रक्रिया का कोई पालन नहीं हुआ. प्रत्यर्पण के लिए उचित प्रक्रिया जरूरी है…”
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