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नेताओं की जासूसी कर रहा है चीन, ब्रिटेन की MI5 ने जारी किया अलर्ट, फंसाने के लिए इस ट्रिक को बनाया मोहरा

Chinese espionage MI5 issues alert: ब्रिटेन के सुरक्षा मंत्री डैन जार्विस ने बताया कि MI5 की चेतावनी के अनुसार चीनी खुफिया एजेंसियाँ सक्रिय रूप से ऐसे लोगों को सांसदों के रूप में भर्ती करने की कोशिश कर रही हैं, जो उनकी ओर से काम कर सकें. MI5 ने कम से कम दो ऑनलाइन प्रोफाइलों की पहचान की है, जो खुद को वास्तविक रिक्रूटर्स के रूप में पेश कर रही थीं. वे कथित तौर पर चीनी खुफिया एजेंसियों के लिए काम कर रही थीं और संभावित स्रोतों को फंसाने की कोशिश कर रही थीं.

Chinese espionage MI5 issues alert: चीन और उसकी जासूसी योजनाओं पर अक्सर प्रश्न चिह्न लगते रहते हैं. इस बार ब्रिटेन की खुफिया एजेंसी MI5 ने ड्रैगन पर आरोप लगाए हैं. उसने अपने संसद सदस्यों को चेतावनी दी है. MI5 ने ब्रिटेन के सांसदों और हाउस ऑफ लॉर्ड्स के सदस्यों को एक जासूसी अलर्ट जारी करते हुए कहा कि चीनी खुफिया एजेंसियां लिंक्डइन के माध्यम से लोगों को निशाना बना रही हैं. वे फर्जी हेडहंटर प्रोफाइल बनाकर सांसदों, संसदीय कर्मचारियों और संवेदनशील जानकारी तक पहुंच रखने वाले अधिकारियों से जानकारी जुटाने की कोशिश कर रही हैं.

गार्जियन की एक रिपोर्ट के अनुसार ब्रिटेन के सुरक्षा मंत्री डैन जार्विस ने बताया कि MI5 की चेतावनी के अनुसार चीनी खुफिया एजेंसियाँ सक्रिय रूप से ऐसे लोगों को सांसदों के रूप में भर्ती करने की कोशिश कर रही हैं, जो उनकी ओर से काम कर सकें. मंत्री जल्द ही हाउस ऑफ कॉमन्स में इस मामले पर आधिकारिक बयान देंगे. MI5 ने यह अलर्ट सीधे MPs और हाउस ऑफ लॉर्ड्स के सदस्यों को भेजा है, जिसमें बताया गया कि चीनी खुफिया सेवा से जुड़े दो व्यक्ति सांसदों को “हायर” करने की कोशिश कर रहे हैं. खुफिया एजेंसी ने यह जानकारी हाउस ऑफ कॉमन्स के स्पीकर लिंडसे होयल और हाउस ऑफ लॉर्ड्स के स्पीकर लॉर्ड मैकफॉल को दी, जिन्होंने इसे तुरंत सभी सांसदों और लॉर्ड्स तक पहुंचाया.

लिंक्डइन के माध्यम से फंसाने की कोशिश

सांसदों के साथ साझा की गई ब्रीफिंग्स के अनुसार, MI5 ने कम से कम दो ऑनलाइन प्रोफाइलों की पहचान की है, जो खुद को वास्तविक रिक्रूटर्स के रूप में पेश कर रही थीं. वे कथित तौर पर चीनी खुफिया एजेंसियों के लिए काम कर रही थीं और संभावित स्रोतों को फंसाने की कोशिश कर रही थीं. अधिकारियों का कहना है कि ये ऑपरेटिव कैरियर अवसरों के नाम पर अपने लक्ष्यों से संपर्क करते हैं और भरोसा बनाने की कोशिश करते हैं. बाद में धीरे-धीरे राजनीतिक या सरकारी गोपनीय जानकारी हासिल करने का प्रयास करते हैं. इसी तरह के मामले में दो ब्रिटिश नागरिकों, क्रिस्टोफर बेरी और क्रिस्टोफर कैश के खिलाफ केस चला था. हालांकि सबूतों के अभाव में वे दोनों बरी हो गए. 

सरकार पर लगा आरोप, सुरक्षा को किया नजरअंदाज

विपक्षी दलों ने प्रधानमंत्री कीयर स्टार्मर पर आरोप लगाया है कि वे राष्ट्रीय सुरक्षा से ज्यादा चीन के साथ बेहतर रिश्तों पर ध्यान दे रहे हैं, हालांकि सरकार इन आरोपों को खारिज करती है. जासूसी को लेकर सतर्कता उस समय और बढ़ गई है जब सरकार लंदन में एक बड़े नए चीनी दूतावास को मंजूरी देने पर विचार कर रही है, जिसका पहले से ही सुरक्षा जोखिमों को लेकर विरोध हो रहा है. जार्विस ने यह भी पुष्टि की कि चीन के राष्ट्रीय खुफिया कानून के अधीन आने वाली कंपनियों के निगरानी उपकरण अब सभी संवेदनशील ब्रिटिश सरकारी प्रतिष्ठानों से हटा दिए गए हैं. 

MI5 की एंटी-एस्पियोनेज रणनीति में क्या है?

इस खतरे को देखते हुए, सुरक्षा मंत्री डैन जार्विस ने राजनीतिक हस्तक्षेप और जासूसी गतिविधियों का मुकाबला करने के लिए एक नया राजनीतिक हस्तक्षेप और जासूसी विरोधी कार्य योजना (Counter Political Interference and Espionage Action Plan) शुरू किया है, जिसमें विशेष रूप से चीन से आने वाले खतरे पर ध्यान केंद्रित किया गया है.

इस योजना के तहत, खुफिया एजेंसियां राजनीतिक दलों को सुरक्षा ब्रीफिंग देंगी और चुनावी उम्मीदवारों को संदिग्ध संपर्कों की पहचान और रिपोर्टिंग से संबंधित अपडेटेड दिशानिर्देश भेजेंगी. सरकार प्रोफेशनल नेटवर्किंग प्लेटफॉर्म्स जैसे LinkedIn के साथ भी काम करेगी, ताकि शत्रुतापूर्ण एजेंटों के लिए फर्जी रिक्रूटर प्रोफाइल बनाना या गुमनाम रूप से काम करना कठिन हो सके. रणनीति में राजनीतिक चंदों पर नियमों को कड़ा करना भी शामिल है. इन बदलावों को आने वाले Elections Bill में लाया जाएगा ताकि विदेशी प्रभाव के गुप्त प्रयासों पर रोक लगाई जा सके. 

इस योजना के साथ, सरकार ने सुरक्षा क्षमताओं को मजबूत करने के लिए बड़े वित्तीय निवेश की भी घोषणा की है, जिसमें सिविल सेवकों द्वारा उपयोग की जाने वाली एन्क्रिप्टेड टेक्नोलॉजी के आधुनिकीकरण के लिए £170 मिलियन. नेशनल सिक्योरिटी एक्ट के प्रवर्तन और काउंटर टेररिज्म पुलिसिंग को मजबूत करने के लिए £130 मिलियन, जबकि नेशनल साइबर सिक्योरिटी सेंटर और नेशनल प्रोटेक्टिव सिक्योरिटी अथॉरिटी के लिए अतिरिक्त फंड, ताकि ब्रिटिश उद्योगों को बौद्धिक संपदा की सुरक्षा में मदद मिले.

चीन ने क्या दी प्रतिक्रिया?

इस पूरे विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए बीजिंग ने ब्रिटिश खुफिया एजेंसी पर आरोप लगाया कि उसने इस मामले को बिना आधार के बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया है. चीन का कहना है कि उसे ब्रिटिश संसद से मिलने वाली कथित खुफिया जानकारी में कोई दिलचस्पी नहीं है. चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने बुधवार को प्रेस ब्रीफिंग में कहा, “चीन कभी किसी अन्य देश के आंतरिक मामलों में दखल नहीं देता, और न ही उसे ब्रिटिश संसद से किसी तरह की खुफिया जानकारी जुटाने का कोई उद्देश्य है.”

चीन को चुनौती देता रहेगा ब्रिटेन

जार्विस ने कहा, ब्रिटेन ने चीन के राष्ट्रीय खुफिया कानून के अधीन आने वाली कंपनियों के निगरानी उपकरण अब सभी संवेदनशील ब्रिटिश सरकारी प्रतिष्ठानों से हटा दिए गए हैं. भले ही यह मामला विवादों से भरा हो, लेकिन कीयर स्टार्मर की सरकार चीन के साथ आर्थिक सहयोग जारी रखेगी जहाँ लाभदायक हो. लेकिन जब भी चीन ब्रिटेन की लोकतांत्रिक प्रणाली या राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बनेगा, उसे चुनौती दी जाएगी.

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Anant Narayan Shukla
Anant Narayan Shukla
इलाहाबाद विश्वविद्यालय से परास्नातक। वर्तमानः डिजिटल पत्रकार @ प्रभात खबर। इतिहास को समझना, समाज पर लिखना, धर्म को जीना, खेल खेलना, राजनीति देखना, संगीत सुनना और साहित्य पढ़ना, जीवन की हर विधा पसंद है। क्रिकेट से लगाव है, इसलिए खेल पत्रकारिता से जुड़ा हूँ.

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