Nuclear Weapons race: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने बयान से एक न्यूक्लियर टेस्ट की रेस शुरू कर दी है. उन्होंने रूस के पोसाइडन सबमरीन और बुरेवेस्तनिक मिसाइल का परीक्षण करने के बाद कहा कि सभी देश चोरी छिपे न्यूक्लियर टेस्ट कर रहे हैं, तो अब अमेरिका भी करेगा. बुधवार को अमेरिका ने अपने भारी-भरकम मिसाइल मिनटमैन-III का टेस्ट भी कर दिया. अमेरिका ने इस मिसाइल का टेस्ट किया है, जो न्यूक्लियर हथियार ले जा सकती है. इसके बाद रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अपने शीर्ष अधिकारियों को परमाणु हथियारों के संभावित परीक्षण की तैयारियों पर प्रस्ताव तैयार करने का आदेश दिया है. यह कदम अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के हालिया बयानों के जवाब के रूप में देखा जा रहा है.
पुतिन ने बुधवार को टेलीविजन पर प्रसारित अपने बयान में कहा, “मैं विदेश मंत्रालय, रक्षा मंत्रालय… विशेष सेवाओं और संबंधित नागरिक एजेंसियों को निर्देश देता हूं कि वे इस मुद्दे पर अतिरिक्त जानकारी एकत्र करें, सुरक्षा परिषद में इसका विश्लेषण करें और परमाणु हथियार परीक्षण की तैयारी शुरू करने की संभावनाओं पर सहमति आधारित प्रस्ताव तैयार करें.” सुरक्षा परिषद की बैठक में बोलते हुए पुतिन ने दोहराया कि मॉस्को केवल तभी परमाणु परीक्षण दोबारा शुरू करेगा जब अमेरिका पहले ऐसा करेगा. वहीं बुधवार को रूसी समाचार एजेंसी TASS ने क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव के हवाले से बताया कि पुतिन ने अधिकारियों को प्रस्ताव तैयार करने के लिए कोई विशेष समयसीमा निर्धारित नहीं की है.
रूस बनाम अमेरिका परमाणु हथियार भंडार
रूस के पास दुनिया में सबसे अधिक 5,500 से अधिक परमाणु हथियार हैं. इसके बाद अमेरिका का स्थान है, जिसके पास लगभग 5,044 परमाणु हथियार हैं. रूस ने आखिरी बार 24 अक्टूबर 1990 को, सोवियत संघ के पतन से पहले, परमाणु परीक्षण किया था. वहीं अमेरिका ने 1992 में आखिरी बार परमाणु हथियार का टेस्ट किया था.
किन देशों के पास हैं परमाणु हथियार
रूस और अमेरिका के अलावा जिन देशों के पास परमाणु हथियार हैं, वे हैं चीन, फ्रांस, ब्रिटेन, भारत, पाकिस्तान और उत्तर कोरिया. माना जाता है कि दुनिया भर में साढ़े बारह हजार से ज्यादा परमाणु हथियार हैं. वहीं स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन (सिपरी) के मुताबिक दुनिया में 17,270 न्यूक्लियर वेपन हैं, जिनमें से 4400 रूस, ब्रिटेन, फ्रांस और अमेरिका द्वारा तैनात हैं, जबकि 12865 हथियार देशों के स्टॉक में हैं. वहीं इजरायल की स्थिति अब भी अस्पष्ट बनी हुई है.
रूस के परीक्षण के बाद नॉर्थ कोरिया ने भी किया सुरंग टेस्ट
पिछले महीने रूस ने अपने नए बुरेवेस्टनिक (Burevestnik) क्रूज़ मिसाइल का परीक्षण किया, जो परमाणु ऊर्जा से संचालित है और परमाणु वारहेड ले जाने में सक्षम है. इसके अलावा रूस ने परमाणु हमले के अभ्यास (ड्रिल्स) भी किए और परमाणु-संचालित पोसाइडन सुपर-टॉरपीडो (Poseidon) का भी परीक्षण किया. इनकी देखा-देखी नॉर्थ कोरिया ने सुरंग में अपने सीक्रेट टेस्ट करने शुरू कर सकता है.
कोरिया अन्य तैयारियों में भी जुटा
न्यूज एजेंसी योनहाप की रिपोर्ट के मुताबिक, किम जोंग उन उत्तर कोरिया के पुंग्ये-री परमाणु परीक्षण स्थल की नंबर 3 सुरंग में परीक्षण करने का फैसला ले सकते हैं. यह ऐसी जगह है जहां परीक्षण बहुत कम समय में किया जा सकता है. इसके साथ ही उत्तर कोरिया रूस की तकनीकी सहायता से अतिरिक्त निगरानी उपग्रह (सर्विलांस सैटेलाइट) प्रक्षेपित करने की तैयारी कर रहा है, ताकि मौजूदा उपग्रहों की तुलना में ज्यादा उच्च-गुणवत्ता (हाई-रेजोल्यूशन) वाली निगरानी प्रणाली हासिल की जा सके. वहीं ईरान का न्यूक्लियर प्रोग्राम भी पूरी तरह नष्ट नहीं हुआ है. वह इसमें लगा हुआ है.
भारत, ब्रिटेन और फ्रांस ने बरती है सावधानी
वहीं अमेरिकी राष्ट्रपति के बयान के बाद रूस, नॉर्थ कोरिया और पाकिस्तान की ओर से प्रतिक्रिया तो आ गई हैं, लेकिन भारत, ब्रिटेन और फ्रांस की ओर से कोई बयान नहीं आया है. इन देशों ने अपने आखिरी टेस्ट के बाद से इस मुद्दे पर केवल सुरक्षित ऊर्जा के लिए ही परमाणु का उपयोग करने की बात दोहराई है.
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