German Nurse who killed 10 People: द लेडी विथ लैंप. यह उपाधि दी गई थी फ्लोरेंस नाइटिंगेल को, जिन्होंने 1854 में युद्ध में भी खुद की परवाह ने करते हुए हजारों सैनिकों के लिए दिन रात एक करते हुए सेवा की. उन्होंने नर्सिंग की दुनिया में जन्मदाता और पथ प्रदर्शक की भूमिका निभाई. वर्तमान के सभी नर्स उनके नाम की शपथ लेते हैं. लेकिन इसी पेशे के एक नर्स ने ऐसा क्रूर काम किया, जिसकी कोई कल्पना भी नहीं कर सकता. जर्मनी की एक अदालत ने एक पैलिएटिव केयर नर्स को 10 मरीजों की हत्या और 27 अन्य की हत्या के प्रयास के मामले में दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई.
इस व्यक्ति का नाम सार्वजनिक नहीं किया गया है. प्रासेक्यूटर्स का कहना है कि उसने ज्यादातर बुजुर्ग मरीजों को दर्दनाशक या नींद की दवाओं के इंजेक्शन दिए ताकि रात की ड्यूटी के दौरान वह अपना काम कम कर सके. ये अपराध दिसंबर 2023 से मई 2024 के बीच पश्चिमी जर्मनी के वूर्सेलन स्थित एक अस्पताल में किए गए थे. रिपोर्ट्स के मुताबिक, जांचकर्ता उसके करियर के दौरान हुई कई अन्य संदिग्ध मौतों की भी जांच कर रहे हैं. अभियोजकों ने बताया कि संभावित अतिरिक्त पीड़ितों की पहचान के लिए कब्रें खोली जा रही हैं और अगर नए सबूत मिलते हैं तो इस नर्स पर फिर से मुकदमा चलाया जा सकता है. उसे 2024 की गर्मियों में गिरफ्तार किया गया था.
फ्लोरेंस नाइटिंगेल के बारे में और जानने के लिए यहां क्लिक करें.
बना था जीवन और मौत का स्वामी
बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक 44 वर्षीय इस व्यक्ति ने 2007 में नर्सिंग की ट्रेनिंग पूरी करने के बाद 2020 में वूर्सेलन के अस्पताल में नौकरी शुरू की थी. वहीं आचेन की अदालत में अभियोजकों ने बताया कि वह उन मरीजों के प्रति झुंझलाहट और संवेदनहीनता दिखाता था जिन्हें ज्यादा देखभाल की जरूरत होती थी. उस पर जीवन और मौत का स्वामी बनने का आरोप लगाया गया है. अदालत को बताया गया कि उसने मॉर्फीन और मिडाजोलम (Midazolam) जैसी दवाओं की बड़ी खुराकें मरीजों को दीं ताकि रात की शिफ्ट में काम का बोझ कम हो सके.
15 साल बाद भी रिहा होने की उम्मीद नहीं
अदालत ने कहा कि आरोपी के अपराधों में अत्यधिक अपराधबोध की गंभीरता शामिल है. उसे पर्सनालिटी डिसआर्डर का शिकार बताया गया. साथ ही उसने उसने मरीजों के प्रति कोई संवेदना या पछतावा नहीं दिखाया और पूरे मुकदमे के दौरान किसी तरह का पश्चाताप व्यक्त नहीं किया. आचेन की अदालत ने इन अपराधों को विशेष रूप से गंभीर बताया, जिसका अर्थ है कि जर्मनी में उम्रकैद की न्यूनतम 15 साल की सजा पूरी करने के बाद भी उस नर्स के रिहा होने की संभावना बहुत कम है. हालांकि अदालत का यह फैसला अपील के लिए खुला है.
जर्मनी में पहले भी हुए ऐसे कांड
यह मामला जर्मनी की द्वितीय विश्व युद्ध के बाद की सबसे घातक चिकित्सकीय हत्या श्रृंखला की याद दिलाता है. पूर्व नर्स नील्स हॉगेल के मामले से काफी हद तक मिलता-जुलता है, जिसे 2019 में उम्रकैद की सजा दी गई थी. उसे नॉर्थ जर्मनी के दो अस्पतालों में 85 मरीजों की हत्या का दोषी पाया गया था. अदालत ने पाया था कि हॉगेल ने 1999 से 2005 के बीच अपनी देखरेख में रहने वाले मरीजों को दिल की दवाओं की घातक मात्रा दी थी. वह जर्मनी के आधुनिक इतिहास का सबसे कुख्यात सीरियल किलर माना जाता है.
इसी तरह, जुलाई 2025 में 40 वर्षीय पैलिएटिव केयर विशेषज्ञ जोहान्स एम. पर बर्लिन में मुकदमा शुरू हुआ था. उस पर 2021 से 2024 के बीच 15 मरीजों की घातक इंजेक्शन से हत्या का आरोप है. उसने कम से कम 5 मामलों में अपने पीड़ितों के घरों में आग लगाकर सबूत मिटाने की कोशिश की थी.
ये भी पढ़ें:-
यूरोप में मिला दुनिया का सबसे बड़ा मकड़ी जाल, एक ही जगह 111000 से ज्यादा मकड़ियां!
बेकहम बने ‘सर डेविड बेकहम’, किंग चार्ल्स ने नाइटहुड से किया सम्मानित, घुटने पर बैठकर स्वीकारा
वो बदनसीब कुत्ता जो अंतरिक्ष में ही मर गया, धरती नहीं हुई नसीब, बना था इतिहास का पहला स्पेस डॉग

