19.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

वो बदनसीब कुत्ता जो अंतरिक्ष में ही मर गया, धरती नहीं हुई नसीब, बना था इतिहास का पहला स्पेस डॉग

First dog in space: रूस ने लाइका नाम की कुतिया को 1957 में अंतरिक्ष में भेजा. वह मॉस्को की सड़कों पर भटकने वाली एक मिक्स-ब्रीड स्ट्रे डॉग थी, जिसका वजन लगभग 6 किलोग्राम और उम्र करीब दो साल थी. वैज्ञानिकों ने उसे स्पेस मिशन के लिए विशेष ट्रेनिंग दी. लेकिन उसकी मौत हो गई और वह धरती पर वापस नहीं आ सकी.

First dog in space: हाल ही में चीन ने अपने अंतरिक्ष यान शेनझोउ-21 में तीन अंतरिक्ष यात्रियों के साथ चार चूहे भी प्रयोग के तौर भेजे हैं. दो नर और दो मादा चूहों को 300 अन्य चूहों में से उनकी स्पीड और सहनशक्ति का परीक्षण करने के बाद चुना गया. हालांकि यह पहली बार नहीं है कि जब इंसानों के अलावा कोई जीव अंतरिक्ष में गए हों. सबसे पहले अमेरिका द्वारा 1947 में मधुमक्खियों को स्पेस में भेजा गया, वे जिंदा लौटीं. उसके बाद अमेरिका ने ही अल्बर्ट नाम का एक रीसस बंदर 14 जून 1949 को बाह्य अंतरिक्ष में भेजा, वह वापसी के दौरान पैराशूट न खुलने की वजह से मारा गया. इसी तरह लाइका (Laika) नाम की एक आवारा कुतिया, जिसे रूस ने 1957 में अंतरिक्ष में भेजा था, वह भी धरती पर जिंदा नहीं लौट पाई.   

द्वितीय विश्व युद्ध के बाद का समय विज्ञान का क्रांति काल माना जा सकता है. उस समय सबसे ज्यादा शोध अंतरिक्ष में हो रहे थे. विशेषकर यह घातक हथियारों के डर से उपजी सुरक्षा के लिए. अमेरिका और रूस के बीच चांद पर पहुंचने की होड़ मची थी. उससे पहले अंतरिक्ष की बाधा को भी पार करना था. अमेरिका और सोवियत संघ के बीच स्पेस रेस अपने चरम पर थी, ऐसे में दोनों देश यह जानना चाहते थे कि क्या अंतरिक्ष यात्रा इंसानों के लिए सुरक्षित हो सकती है? अमेरिका अपने बंदर को वापस लाने में नाकाम रहा, तो रूस ने एक आवारा कुतिया पर इसका प्रयोग किया. 

अंतरिक्ष में पहला कुत्ता कब भेजा गया था? (When was first dog sent in space)

68 साल पहले, 3 नवंबर 1957 को दुनिया में एक ऐतिहासिक मोमेंट था, जब मॉस्को की एक आवारा कुतिया लाइका पृथ्वी की कक्षा में पहुंचने वाली पहली जीवित प्राणी बनी. सोवियत अंतरिक्ष यान स्पुतनिक-2 पर सवार लाइका का यह मिशन स्पेस रिसर्च की दिशा में एक बड़ी उपलब्धि था. लाइका एक मिश्रित नस्ल की आवारा कुतिया थी, जिसे मॉस्को की सड़कों से पकड़ा गया था. उसे इसलिए चुना गया क्योंकि उसका स्वभाव शांत था और वह कठिन परिस्थितियों को झेलने में सक्षम थी. 

कुत्ते को स्पेस में भेजने के लिए कैसी तैयारी की गई?

वह मॉस्को की सड़कों पर भटकने वाली एक मिक्स-ब्रीड स्ट्रे डॉग थी, जिसका वजन लगभग 6 किलोग्राम और उम्र करीब दो साल थी. वैज्ञानिकों ने उसे स्पेस मिशन के लिए विशेष ट्रेनिंग दी. उसे छोटे, बंद कैबिन में रहने की आदत डाली गई, वेटलेस कंडीशन (गुरुत्वाकर्षण की कमी) को झेलने और स्पेशल फूड्स खाने की ट्रेनिंग दी गई. लाइका का खाना एक जेली जैसी पदार्थ के रूप में तैयार किया गया था ताकि वह जीरो ग्रेविटी में आसानी से खा सके. 

कुत्ते को अंतरिक्ष में क्यों भेजा गया था? (Why was dog sent to space)

सोवियत वैज्ञानिकों ने लाइका को अंतरिक्ष में इसलिए भेजा था ताकि यह जांचा जा सके कि कोई जीवित प्राणी अंतरिक्ष में कितनी देर तक जीवित रह सकता है. शुरुआत में सोवियत मीडिया ने दावा किया था कि लाइका कई दिनों तक जिंदा रही, लेकिन दशकों बाद यह सच्चाई सामने आई कि लॉन्च के कुछ घंटों के भीतर ही लाइका की मौत हो गई थी. 

लाइका जिंदा क्यों नहीं बची? (Why first dog Laika died in space)

वैज्ञानिकों ने लॉन्च के दौरान लाइका की हार्ट रेट, सांस और ब्लड प्रेशर लगातार मॉनिटर किए. रॉकेट के उड़ान भरते ही लाइका बेहद डरी हुई थी, उसकी दिल की धड़कन सामान्य से तीन गुना तेज हो गई थी. सोवियत अधिकारियों ने शुरुआत में दावा किया कि लाइका 6–7 दिन तक जिंदा रही, लेकिन बाद में सच्चाई सामने आई कि वह लॉन्च के कुछ ही घंटों (5 से 7 घंटे) में हीट और तनाव के कारण मर गई थी. 

द्वितीय विश्व युद्ध के बाद अमेरिका और रूस के बीच कोल्ड वार के दौर में चल रही अंतरिक्ष दौड़ में, सोवियत संघ स्पुतनिक-1 की सफलता के बाद एक और बड़ा कदम उठाना चाहता था. वैज्ञानिकों पर राजनीतिक दबाव था कि स्पुतनिक 2 को रूसी क्रांति की 40वीं वर्षगांठ पर लॉन्च किया जाए. इस वजह से लाइफ सपोर्ट सिस्टम पूरी तरह तैयार नहीं था. इसलिए धरती की 2370 बार परिक्रमा करने के बाद स्पुतनिक 2, 14 अप्रैल 1958 को पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश करने के क्रम में भस्म हो गया. इसी के साथ लाइका की याद केवल फोटोज और इतिहास के पन्नों में रह गई.

दुर्भाग्यपूर्ण अंत के बावजूद, लाइका का मिशन मानव अंतरिक्ष यात्रा की राह खोलने वाला साबित हुआ. उसकी कुर्बानी से वैज्ञानिकों को यह समझने में अहम मदद मिली कि अंतरिक्ष यात्रा जीवित प्राणियों के शरीर पर क्या असर डालती है, जिससे भविष्य में मानव मिशनों की तैयारी संभव हुई. रिपोर्ट्स में यह भी बताया गया कि उस दौर में सोवियत वैज्ञानिकों ने एक और डॉग ‘अल्बिना’ को भी परीक्षण के लिए तैयार किया था.

रूस ने बनवाया लाइका का स्टेचू

आज लाइका को वैज्ञानिक खोज की दिशा में साहस और बलिदान के प्रतीक के रूप में याद किया जाता है. 2008 में रूस ने मॉस्को के पास एक सैन्य अनुसंधान केंद्र के बाहर लाइका की स्मृति में एक स्मारक स्थापित किया, जिसमें उसे एक रॉकेट के ऊपर खड़ा दिखाया गया है. लाइका की कहानी अंतरिक्ष इतिहास की सबसे भावुक कहानियों में से एक मानी जाती है. लाइका की मूर्ति यह याद दिलाती है कि स्पेस साइंस में उसकी कितनी अहम भूमिका है.  

लाइका के बाद कौन सा जानवर अंतरिक्ष से जीवित लौटा? (Which animal came alive from space)

लाइका के बाद कई और जानवर बंदर, खरगोश, चूहे और बाद में इंसान अंतरिक्ष में गए. 1959 में अमेरिका ने फिर से बंदरों पर प्रयोग किया. मिस एबल और मिस बेकर नाम के दोनों बंदर स्पेस में तो जीवित रहे, लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण तरीके से वे भी मृत हुए. 1960 में एक बार फिर से रूस ने अपना प्रयोग किया और बेल्का और स्ट्रेलका नाम के दो कुत्तों को अंतरिक्ष में भेजा और उनकी सुरक्षित वापसी भी करवाई. इनके साथ एक भूरा खरगोश, 40 छोटे चूहे (माइस) और 2 बड़े चूहे (रैट) के साथ मक्खियां और 15 पौधे भी भेजे गए. ये सभी जिंदा वापस लौटे. स्ट्रेलका के मिशन के बाद, उसके एक पिल्ले ‘पुशिंका’ का जन्म हुआ, जिसे 1961 में सोवियत नेता निकिता ख्रुश्चेव ने अमेरिकी राष्ट्रपति जॉन एफ. कैनेडी की बेटी कैरोलिन कैनेडी को उपहार में दिया था. दिलचस्प बात यह है कि पुशिंका की वंशावली आज भी जीवित है.

इसके बाद अंतरिक्ष में कई शोध हुए और वह बढ़ते-बढ़ते चांद तक पहुचा. पहला मानव मिशन में नील आर्मस्ट्रांग 1969 में अपोलो मिशन के तहत चांद पर कदम रखने वाले पहले इंसान बने. 

ये भी पढ़ें:-

अजूबा! बच्चे को जन्म देने वाली महिला की कांख से निकलने लगा दूध, रेयर मामले में सामने आई अनोखी जानकारी

पहले मोबाइल गिराया, फिर कॉलर पकड़कर दिया धक्का, टोरंटो में भारतीय मूल के युवक पर हुआ हमला, देखें वीडियो 

Video: राहुल गांधी के दावों पर ब्राजीलियन मॉडल का रिएक्शन, कहा- मैंने भारत में वोट डाला! यह अविश्वसनीय और भयानक है

Anant Narayan Shukla
Anant Narayan Shukla
इलाहाबाद विश्वविद्यालय से परास्नातक। वर्तमानः डिजिटल पत्रकार @ प्रभात खबर। इतिहास को समझना, समाज पर लिखना, धर्म को जीना, खेल खेलना, राजनीति देखना, संगीत सुनना और साहित्य पढ़ना, जीवन की हर विधा पसंद है। क्रिकेट से लगाव है, इसलिए खेल पत्रकारिता से जुड़ा हूँ.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel