32.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Trending Tags:

Advertisement

पृथ्वी की कक्षा में शामिल हो सकता है एक छोटा चांद, वैज्ञानिकों ने जतायी यह आशंका

पृथ्वी की कक्षा (Orbit of earth) में एक नया छोटा चांद (mini Moon) शामिल होने वाला है. जो फिलहाल पृथ्वी से 27,000 मील दूर है. हालांकि यह जो नया एस्टेरोइड (Asteroid) धरती की परिक्रमा करेगा वो वास्तव में अंतरिक्ष का पुराना कबाड़ हो सकता है. जो वापस हमारे ग्रह पर वापस आ रहे हैं. नासा के सेंटर फॉर नियर अर्थ ऑब्जेक्ट स्टडीज़ के निदेशक डॉ पॉल चोडास का मानना है कि यह क्षुद्रग्रह 2020 एसओ नाम की वस्तु 1960 के दशक का एक पुराना बूस्टर रॉकेट (boster rocket) है. उन्होंने कहा कि मुझें संदेह है कि यह नया खोजा हुआ ऑबजेक्ट एक पुराना रॉकेट बुस्टर हो सकता है. क्योंकि यह सूर्य के बारे में एक कक्षा का अनुसरण कर रहा है जो पृथ्वी के समान लगभग गोलाकार है और अपने सबसे दूर बिंदु पर सूर्य से थोड़ा दूर है.

पृथ्वी की कक्षा में एक नया छोटा चांद शामिल होने वाला है. जो फिलहाल पृथ्वी से 27,000 मील दूर है. हालांकि यह जो नया एस्टेरोइड धरती की परिक्रमा करेगा वो वास्तव में अंतरिक्ष का पुराना कबाड़ हो सकता है. जो वापस हमारे ग्रह पर वापस आ रहे हैं. नासा के सेंटर फॉर नियर अर्थ ऑब्जेक्ट स्टडीज़ के निदेशक डॉ पॉल चोडास का मानना ​​है कि यह क्षुद्रग्रह 2020 एसओ नाम की वस्तु 1960 के दशक का एक पुराना बूस्टर रॉकेट है. उन्होंने कहा कि मुझें संदेह है कि यह नया खोजा हुआ ऑबजेक्ट एक पुराना रॉकेट बुस्टर हो सकता है. क्योंकि यह सूर्य के बारे में एक कक्षा का अनुसरण कर रहा है जो पृथ्वी के समान लगभग गोलाकार है और अपने सबसे दूर बिंदु पर सूर्य से थोड़ा दूर है.

डॉ पॉल चोडास ने कहा कि यह उस तरह की कक्षा है, जब रॉकेट चंद्रयान अभियान के लिए अलग होता है. एक बार यह चंद्रमा से गुजरता है और सूर्य की ऑर्बिट के तरफ चला जाता है. हालांकि यह संभावना नहीं के बराबर है कि इस तरह की सक्षा में कोई क्षुद्रग्रह विकसित हो सकता है, पर यह असंभव नहीं है.

उन्होंने इस छुद्रग्रह की स्पीड का विश्लेषण किया और उसे पुराने चंद्रयान मिशन के लॉन्च के साथ जोड़ा, तो पाया कि पाया कि यह “1966 के अंत में पृथ्वी के आसपास के क्षेत्र में था. उन्होंने बताया कि 20 सितंबर 1966 को सर्वेयर 2 के प्रक्षेपण के साथ इस रॉकेट बुस्टर का संबंध हो सकता है. कयोंकि उस मिशन को चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग के लिए डिज़ाइन किया गया था, लेकिन मिशन असफल रहा और अंतरिक्ष यान दुर्घटनाग्रस्त हो गया. इस अंतरिक्ष यान में रॉकेट बुस्टर के तौर पर सेंटूर रॉकेट का इस्तेमाल किया गया था. जो दुर्घटना के बाद सुर्य के पास वाले ओर्बिट में चला गया था. जिसे उसके बाद आज तक नहीं देखा गया था.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक नवंबर के अंत में यह ऑब्जेक्ट पृथ्वी की कक्षा में प्रवेश कर सकता है. अगर यह छुद्र ग्रह होगा तो इसे मिनी मून माना जायेगा, पर चोडास के मुताबिक यह एक बूस्टर ऱॉकेट हो सकता है.

डॉ पॉल चोडास ने कहा कि एक महीने बाद हमें इस बात का पता चल जायेगा कि वास्तव में यह छुद्रग्रह या फिर कोई बूस्टर रॉकेट का कबाड़ है. क्योंकि एक महीने में हम इस वस्तु की गति पर सूर्य के प्रकाश के दबाव के प्रभाव का पता लगाने में सक्षम होंगे.

Posted By: Pawan Singh

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें