Indian Passport vs Pakistani Passport: किसी देश की सॉफ्ट पावर उस देश के नागरिकों को दूसरे देश में मिलने वाले सम्मान से तय होती है. लोगों का प्यार और विदेश में उनकी स्वीकार्यता उस देश के तंत्र द्वारा मिलने वाली मान्यता से भी तय होती है. पासपोर्ट किसी देश के नागरिक की दूसरे देश में एंट्री के दौरान सहजता भी इसमें बड़ा महत्व रखती है. इस नजरिए को ध्यान में रखते हुए 199 देशों में भारत और पाकिस्तान के पासपोर्ट में तुलना करें, तो कौन आगे होगा? ज्यादा सोचने की जरूरत नहीं. निश्चित तौर पर भारत है आगे है, लेकिन कितना? आइए इस पर एक नजर डालते हैं.
दुनिया के पासपोर्ट्स की ताकत मापने वाले हेनले पासपोर्ट इंडेक्स 2025 में भारत ने उल्लेखनीय सुधार दर्ज किया है. भारत इस साल 77वें स्थान पर पहुंच गया है, जो पिछले साल की तुलना में आठ पायदान की छलांग है. वहीं पाकिस्तान अब भी निचले पायदानों पर बना हुआ है और केवल कुछ ही देशों में वीजा-फ्री या वीजा ऑन अराइवल की सुविधा प्रदान करता है.
भारत की रैंकिंग और पासपोर्ट की ताकत
रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय पासपोर्ट धारक अब 62 देशों में बिना पहले से वीजा लिए प्रवेश कर सकते हैं, इनमें वीजा-फ्री, वीजा ऑन अराइवल और ई-वीजा की सुविधाएँ शामिल हैं. यह भारत के वैश्विक कूटनीतिक और आर्थिक प्रभाव में बढ़ोतरी का संकेत माना जा रहा है. भारत की रैंकिंग में सुधार का यह ट्रेंड पिछले कुछ वर्षों से जारी है. 2006 में भारत 71वें स्थान पर था, जबकि पिछले कुछ वर्षों में यह 80वें पायदान के आसपास रहा. अब 2025 में यह फिर से 77वें स्थान तक पहुंच चुका है. यह भारत की बढ़ती अंतरराष्ट्रीय स्वीकार्यता और विदेशी साझेदारियों के विस्तार को दर्शाता है.
भारतीय पासपोर्ट धारकों के लिए सबसे आसान गंतव्य अफ्रीका और दक्षिण-पूर्व एशिया के देश हैं. पड़ोसी देशों नेपाल और भूटान में तो भारतीयों को अनलिमिटेड ठहराव की अनुमति है. इसके अलावा, मालदीव, थाईलैंड, मलेशिया, सेनेगल, फिलीपींस और ईरान जैसे देशों में भारतीयों को वीजा ऑन अराइवल या ई-वीजा सुविधा मिलती है. वर्तमान में भारत के पासपोर्ट से भारतीय यात्रियों के लिए किसी न किसी रूप में सरल वीजा प्रक्रिया उपलब्ध है. दक्षिण एशिया में भारत का पासपोर्ट सबसे मजबूत है. भूटान 84वें, श्रीलंका 91वें, बांग्लादेश 94वें, नेपाल 95वें स्थान पर हैं.
पाकिस्तान का पासपोर्ट अब भी सबसे कमजोर
इसके विपरीत, पाकिस्तान का पासपोर्ट अब भी दुनिया के सबसे कमजोर पासपोर्ट्स में गिना जा रहा है. हेनले इंडेक्स की रैंकिंग में पाकिस्तान 96वें स्थान पर है और उसके नागरिकों को केवल 32 देशों में वीजा-फ्री या वीजा ऑन अराइवल की सुविधा मिलती है. हालांकि पिछले साल की तुलना में इसमें हल्का सुधार हुआ है (2024 में पाकिस्तान चौथे सबसे निचले स्थान पर था), लेकिन यह अब भी सोमालिया, यमन, इराक, सीरिया और अफगानिस्तान जैसे युद्धग्रस्त देशों से ही ऊपर है.
2025 के इंडेक्स से साफ है कि एशियाई देशों की वैश्विक पासपोर्ट ताकत बढ़ रही है. भारत का पासपोर्ट अब पहले से कहीं अधिक प्रभावशाली बन गया है और भारतीय नागरिकों के लिए दुनिया के कई हिस्सों में यात्रा करना आसान हुआ है. इसके विपरीत, पाकिस्तान की स्थिति अब भी कमजोर बनी हुई है. जहां भारतीय पासपोर्ट धारक 62 देशों में आसानी से प्रवेश पा सकते हैं, वहीं पाकिस्तानियों को केवल 32 देशों में यह सुविधा है. यानी भारत का पासपोर्ट इस समय पाकिस्तान से लगभग दोगुना शक्तिशाली है.
दुनिया के सबसे ताकतवर पासपोर्ट्स
2025 की सूची में सिंगापुर शीर्ष पर है, जिसके नागरिक 193 देशों में बिना वीजा यात्रा कर सकते हैं. उसके बाद जापान और दक्षिण कोरिया (190 देश) दूसरे स्थान पर हैं. जर्मनी, फ्रांस, इटली जैसे यूरोपीय देशों ने तीसरा स्थान साझा किया है. वहीं अमेरिका और ब्रिटेन, जो कभी शीर्ष पर थे, अब क्रमशः 10वें और 6वें स्थान पर खिसक गए हैं.
स्रोत: हेनले पासपोर्ट इंडेक्स 2025,नोट- हेनले पासपोर्ट इंडेक्स की यह रैंकिंग लाइव भी चलती रहती है. वेबसाइट पर उपलब्ध डाटा बदलता रहता है. यह आंकड़े रैंकिंग जारी करने के वक्त थी.
ये भी पढ़ें:-
Viral Video: जहरीले सांपों को नूडल्स की तरह खाता है यह पक्षी, हैरान कर देगा वीडियो
PHOTOS: दुनिया के 5 सबसे पुराने देश, मिस्र ने मारी बाजी, भारत की पोजिशन जानकर रह जाएंगे हैरान!

