BNP Chief Tarique Rahman: बांग्लादेश में 2024 में हुए शेख हसीना के सत्ता परिवर्तन के बाद राजनीतिक परिस्थिति अब एक नई करवट ले रही है. पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया की बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) के कार्यवाहक अध्यक्ष और उनके सबसे बड़े बेटे ने सोमवार को घोषणा की कि वह जल्द ही लौटेंगे और फरवरी में होने वाले आम चुनाव में भाग लेने के लिए लंदन में 17 साल के अपने आत्म-निर्वासन को समाप्त करेंगे. 59 वर्षीय रहमान, जो बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया के पुत्र और लंबे समय तक देश की सत्ता में रही जिया परिवार की राजनीतिक विरासत के उत्तराधिकारी हैं, बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) के कार्यकारी अध्यक्ष हैं. उन्हें आने वाले चुनावों में प्रमुख दावेदारों में से एक माना जा रहा है.
फरवरी 2026 में प्रस्तावित यह चुनाव पिछले साल हुए जनविद्रोह के बाद पहला राष्ट्रीय चुनाव होगा, जिसमें पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को सत्ता से हटाया गया था. हसीना का 15 साल लंबा सत्ताकाल एक सख्त शासन रहा, जिसके दौरान बीएनपी लगभग समाप्त हो गई थी. तारिक रहमान ने 6 अक्टूबर को ‘बीबीसी बांग्ला’ को दिए एक साक्षात्कार में कहा, “कुछ तर्कसंगत कारणों से मेरी वापसी नहीं हो पाई है… लेकिन समय आ गया है, और मैं जल्द ही वापस आऊंगा.” परोक्ष रूप से पार्टी की कमान संभाल रहे बीएनपी के 58 वर्षीय नेता ने कहा, “मैं भी चुनाव लड़ रहा हूं.” बीएनपी की सरकार बनने पर प्रधानमंत्री पद संभालने की संभावना के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, “जनता फैसला करेगी”.
रहमान बांग्लादेश छोड़कर क्यों गए
तारिक रहमान, जिन्हें बांग्लादेश में “तारिक जिया” के नाम से भी जाना जाता है, 2008 से लंदन में रह रहे हैं. उनका कहना है कि वे राजनीतिक प्रताड़ना से बचने के लिए देश छोड़कर गए थे. तत्कालीन सेना समर्थित कार्यवाहक सरकार ने 2008 में उन्हें चिकित्सा उपचार के लिए लंदन भेज दिया था, जबकि उनके खिलाफ कई आपराधिक और भ्रष्टाचार के मामलों में कानूनी प्रक्रियाएं चल रही थीं. हसीना के पतन के बाद रहमान को उनके खिलाफ दर्ज सबसे गंभीर मामलों से बरी कर दिया गया था. 2004 में हसीना की रैली पर हुए ग्रेनेड हमले में दी गई गैरहाजिरी में उन्हें उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी. ऐसे ही एक मामले में उन पर 2004 में तत्कालीन विपक्षी नेता हसीना और उनकी पार्टी के नेताओं पर हथगोले से हमले की साजिश रचने का आरोप लगाया गया था. हालांकि उन्होंने हमेशा इस आरोपों से इनकार किया था. अब रहमान सोशल मीडिया पर एक मुखर राजनीतिक चेहरा बन चुके हैं और BNP समर्थकों के बीच एकजुटता का प्रतीक माने जाते हैं.
खालिदा जिया के चुनाव लड़ने पर किया स्पष्ट
यह अब भी स्पष्ट नहीं है कि उनकी मां, 80 वर्षीय खालिदा जिया, जो हसीना शासनकाल में जेल में रही हैं और अब अस्वस्थ हैं, खुद चुनाव लड़ेंगी या अपने बेटे का मार्गदर्शन करेंगी. रहमान ने कहा, “वह जेल में स्वस्थ अवस्था में गई थीं, लेकिन लौटने के बाद बीमार रहीं. उन्हें उचित इलाज का अधिकार नहीं दिया गया. लेकिन अगर उनकी तबीयत ने अनुमति दी, तो वह निश्चित रूप से चुनाव में योगदान देंगी.”
हसीना पर लगे थे गंभीर आरोप
उन्होंने मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार द्वारा लगाए गए हसीना की पार्टी ‘आवामी लीग’ पर प्रतिबंध पर भी टिप्पणी की. 78 वर्षीय हसीना, जो पिछले साल भारत आ गई थीं, अदालत के आदेशों के बावजूद अब तक वापस नहीं लौटी हैं. उन पर जनविद्रोह के दौरान हुए दमनकारी अभियान का आदेश देने के आरोप में मानवता विरोधी अपराधों के मुकदमे चल रहे हैं. हसीना ने अदालत के अधिकार को मानने से इनकार कर दिया है.
रहमान की यह टिप्पणी उन अटकलों के बीच आई है, जिनमें कहा जा रहा था कि उनकी पार्टी ने रातों-रात अपने पहले के रुख से हटते हुए अंतरिम सरकार के प्रमुख मुहम्मद यूनुस द्वारा संविधान का हिस्सा बनाने के लिए की गई “जुलाई घोषणा” पर जनता की राय जानने के लिए जनमत संग्रह को स्वीकार करने पर सहमति व्यक्त की है.
ये भी पढ़ें:-
Viral Video: जहरीले सांपों को नूडल्स की तरह खाता है यह पक्षी, हैरान कर देगा वीडियो
PHOTOS: दुनिया के 5 सबसे पुराने देश, मिस्र ने मारी बाजी, भारत की पोजिशन जानकर रह जाएंगे हैरान!

