India Israel zero tolerance against Terrorism: विदेश मंत्री एस जयशंकर इजरायल की दो दिवसीय यात्रा के तहत मंगलवार को तेल अवीव पहुंचे. उन्होंने अपने इजरायली समकक्ष गिदोन मोशे सार के साथ संवाददाताओं से बातचीत की. इस दौरान विदेश मंत्री ने ऑस्ट्रेलिया के बॉन्डी बीच पर पिछले सप्ताहांत यहूदी पर्व हनुक्का का जश्न मना रहे लोगों पर हुए आतंकवादी हमले की मंगलवार को कड़ी निंदा की. उन्होंने कहा कि भारत और इजरायल, दोनों की आतंकवाद को “कतई बर्दाश्त न करने” की नीति है. इस यात्रा के दौरान विदेश मंत्री ने दोनों देशों के बीच आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई को आगे ले जाने पर चर्चा की. जयशंकर ने गाजा में शांति योजना पर भारत का समर्थन दोहराया.
जयशंकर ने कहा, “सबसे पहले, मैं बॉन्डी बीच पर हनुक्का उत्सव के दौरान हुए आतंकवादी हमले में जानमाल के नुकसान पर हार्दिक संवेदना व्यक्त करना चाहता हूं. मैं कहना चाहता हूं कि हम इस हमले की कड़ी निंदा करते हैं.” सिडनी के बॉन्डी बीच पर पिछले सप्ताहांत यहूदी पर्व हनुक्का का जश्न मना रही भीड़ पर दो हमलावरों की ओर से की गई गोलीबारी में 15 लोग मारे गए थे और 40 अन्य घायल हो गए थे.
आतंकवाद के खिलाफ भारत के सहयोग के लिए इजरायल का आभार- जयशंकर
जयशंकर ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत के सहयोग के लिए इजरायल का आभार जताया. उन्होंने कहा, “भारत और इजरायल, हम दोनों ऐसे देश हैं, जिनकी आतंकवाद को कतई बर्दाश्त न करने की नीति है. हम आतंकवाद के सभी स्वरूपों और अभिव्यक्तियों के खिलाफ हमारी लड़ाई में निरंतर समर्थन के लिए आपके आभारी हैं.” विदेश मंत्री ने कहा कि वह और गिदोन दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी पर चर्चा करेंगे, “जो पिछले दशक में वास्तव में बहुत मजबूत हुई है.” उन्होंने कहा कि भारत और इजरायल “एक-दूसरे के परस्पर साझेदार हैं और हमें इसका भरपूर फायदा उठाना चाहिए.”
गाजा के प्रति भारत का समर्थन दोहराया
जयशंकर ने गाजा शांति योजना के लिए भारत का समर्थन दोहराया. उन्होंने उम्मीद जताई कि इससे एक स्थायी और टिकाऊ समाधान निकलेगा. बाद में जयशंकर ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि उन्होंने हनुक्का उत्सव के दौरान हुए आतंकवादी हमले को लेकर अपने इजरायली समकक्ष के समक्ष गहरी संवेदना व्यक्त की और आतंकवाद की साझा चुनौती से निपटने के हमारे दृढ़ संकल्प को दोहराया. विदेश मंत्री ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, “हमने अपनी रणनीतिक साझेदारी और विभिन्न क्षेत्रों में इसमें हुई प्रगति पर सार्थक चर्चा की. क्षेत्रीय घटनाक्रम, गाजा शांति योजना और स्थायी एवं टिकाऊ शांति प्राप्त करने के प्रयासों पर भी विचारों का आदान-प्रदान किया.”
राष्ट्रपति इसाक हर्जोग से भी मिले विदेश मंत्री
इजरायल यात्रा के दौरान जयशंकर ने राष्ट्रपति इसहाक हर्जोग से भी मुलाकात की. हर्जोग से मुलाकात का जिक्र करते हुए जयशंकर ने कहा, ‘‘राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की हार्दिक शुभकामनाएं व्यक्त कीं. हमने अपनी रणनीतिक साझेदारी तथा इसे और अधिक मजबूत बनाने पर चर्चा की. हमने क्षेत्र में स्थायी शांति के लिए भारत के अटूट समर्थन की पुष्टि की.’’ यरूशलम में एक सूत्र ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, “दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी को और प्रगाढ़ करने के मकसद से चर्चा द्विपक्षीय और क्षेत्रीय मुद्दों पर केंद्रित होगी.”
जयशंकर की यह यात्रा ऐसे समय में हो रही है, जब इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के भारत के प्रस्तावित दौरे की तैयारियां की जा रही हैं. नेतन्याहू ने हाल में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ फोन पर बातचीत की थी, जिसके बाद इजरायली प्रधानमंत्री ने कहा था कि वह अपने भारतीय समकक्ष से “जल्द मुलाकात करेंगे.”
पीएम नेतन्याहू से मुलाकात में रणनीतिक साझेदारी बढ़ाने पर जोर
विदेश मंत्री ने इस दौरान यरुशलम में इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से मुलाकात की. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से हार्दिक शुभकामनाएं प्रेषित कीं. साथ ही प्रौद्योगिकी, अर्थव्यवस्था, कौशल एवं प्रतिभा, संपर्क और सुरक्षा के क्षेत्रों में सहयोग को और गहरा करने पर चर्चा की. उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय और वैश्विक घटनाक्रमों पर उनके विचार बेहद मूल्यवान रहे. उन्होंने कहा कि पूरा विश्वास है कि हमारी रणनीतिक साझेदारी निरंतर और अधिक मजबूती के साथ आगे बढ़ती रहेगी.
विदेश मंत्री ने इस यात्रा के दौरान यरुशलम में इजरायल के अर्थव्यवस्था और उद्योग मंत्री नीर बरकत से भी एक शानदार मुलाकात हुई. दोनों नेताओं ने निवेश और नवाचार सहयोग को आगे बढ़ाने पर चर्चा की. उन्होंने कहा कि भारत-इजरायल मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) को शीघ्र अंतिम रूप दिए जाने को लेकर विश्वास व्यक्त किया, जिससे हमारी आर्थिक साझेदारी को और मजबूती मिलेगी.
जयशंकर अबू धाबी से तेल अवीव पहुंचे, जहां उन्होंने प्रतिष्ठित सर बानी यस फोरम में हिस्सा लिया था. अबू धाबी में वह 15 दिसंबर को आयोजित भारत-यूएई संयुक्त आयोग की 16वीं बैठक और भारत-यूएई रणनीतिक संवाद के 5वें दौर में भी शामिल हुए थे. नेतन्याहू की बहुप्रतीक्षित भारत यात्रा से दोनों पक्षों के बीच उच्च स्तरीय आदान-प्रदान की एक शृंखला शुरू होने की उम्मीद है.
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