French Farmers Protest: फ्रांस में जुलाई से लकेर अब तक 3 हजार से भी ज्यादा गायों की मौत हो चुकी हैं. कोरोना जैसे लक्षण वाली ये बिमारी तेजी से गायों में फैल रही है ओर इनकी मौत का कारण बनी है. इस बीमारी को नियंत्रित करने के लिए सरकार ने फ्रांस के दक्षिण पश्चिम इलाके में एनिमल लॉकडाउन लागू कर दिया है. इस फैसले से किसान नाराज हैं और अब सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतर आए हैं. किसानों का कहना है कि इसे कंट्रोल या जड़ से खत्म करने के लिए सरकार कोई बड़ा कदम नहीं उठा रही है. वहीं राष्ट्रपति इनैनुएल मैक्रों ने क्रिसमस को ध्यान में रखते हुए किसानों की मांग पर जल्द ही सुनवाई करने की घोषणा की है.
लंपी स्किन डिजीज क्या है? (Lumpy Skin Disease)
लंपी स्किन डिजीज (Lumpy Skin Disease) एक वायरल इन्फेक्शन है जो लंपी वायरस की वजह से फैलती है. यह वायरस तेजी से जानवरों खासतौर पर गायों में फैलता है जिसमें शरीर पर गांठे बन जाती है और बुखार आता है. हालांकि इससे जानवर कमजोर हो जाते हैं जिससे दूध उत्पादन भी बुरी तरह प्रभावित होता है. यह बीमारी न तो संपर्क से और न ही मांस या डेयरी उत्पादों से मनुष्यों को संक्रमित करती है लेकिन इससे कैटल बिजनेस को प्रभावित होता है.
आयात निर्यात पर भी खतरा ( Farmers Protest against Mercosur Trade deal)
रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक अगर इस बीमारी को समय पर कंट्रोल नहीं किया गया तो यह फ्रांस में 15 लाख मवेशियों को खत्म कर सकती है जो कि पूरे देश का 10% है. इस कारण से डेयरी और गोमांस के आयात निर्यात पर भी खतरा हो सकता है और कीमतों में भी दबाव पड़ सकता है.
किसान क्यो कर रहे हैं विरोध प्रदर्शन ? (Why are Farmers Protesting in France)
फ्रांस सरकार ने इस बीमारी को रोकने के लिए एनिमल लॉकडाउन (Animal Lockdown) की घोषणा कर दी है, जिसके तहत अगर कहीं एक भी गाय में यह बीमारी पाई गई तो वहां रहने वाले सभी गायों को एक साथ मार दिया जाएगा. सरकार ने इसे इच्छामृत्यु का नाम भी दिया है. इस वायरस को रोकने के लिए सरकार ने पशुधन की आवाजाही पर रोक लगा दी है, जिसके कारण किसान इसे बेच या खरीद नहीं सकते हैं. यह बीमारी ऐसे समय में आई है जब किसान यूरोपीय संघ के जरूरत से ज्यादा नियम कायदों और मर्कोसुर व्यापार समझौते को लेकर शिकायत कर रहे हैं. यूरोपीय संघ इस समझौते को साल खत्म होने से पहले दक्षिण अमेरिकी देशों के साथ पूरा करना चाहता है. किसानों को इस बात का डर है कि इस समझौते से सस्ता आयात बढ़ेगा जिससे यूरोप के उत्पादकों और किसानों को भारी नुकसान होगा.
किसानों की रोजी रोटी दांव पर (Farmers Protest Against Animal Lockdown In France)
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक प्रमुख किसान संघ एफएनएसआई (FNSEA) सरकार की इस नीति का समर्थन करता है लेकिन छोटे किसान संघों का कहना है कि इस कारण ज्यादातर स्वस्थ पशु भी मारे जार रहे हैं, जिससे किसानों की रोजी रोटी भी खत्म हो रही है. इस फैसले के विरोध में किसान सड़कों पर आ गए हैं, जहां उन्होंने ट्रैक्टर और भूषों की गांठ से हाईवे जाम कर दिया है.
इस बीमारी को फैलने से कैसे रोक सकते हैं? (How To Control Lumpy Skin Disease)
फ्रांसीसी सरकार ने इस बीमारी से प्रभावित क्षेत्रों में दस लाख से ज्यादा मवेशियों को टीका लगाने का अभियान शुरू किया है. यहां पहले भी दस लाख से ज्यादा मवेशियों को टीका लगाया जा चुका है. लेकिन जिन गोशालाओं से ज्यादातर मामले सामने आए हैं वहां टीकाकारण देरी से हुआ.
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