30.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Trending Tags:

Advertisement

श्रीलंका में संवैधानिक संकट बरकरार : संसद में स्थगित जा सकती है 22वें संविधान संशोधन विधेयक पर चर्चा

विधेयक पर छह और सात अक्टूबर को चर्चा होनी है. कैबिनेट 22वें संविधान संशोधन से संबंधित मसौदा विधेयक को मंजूरी दे चुकी है और अगस्त में इस संबंध में एक राजपत्र जारी किया गया था.

कोलंबो : श्रीलंका में आर्थिक और राजनीतिक के साथ संवैधानिक संकट भी बना हुआ है. कोरोना महामारी के दौरान देश के विदेशी मुद्रा भंडार में भारी गिरावट आने के बाद महंगाई चरम पर पहुंच गई थी. इसके बाद श्रीलंका में आर्थिक और राजनीतिक संकट पैदा हो गया. इसका नतीजा यह रहा कि पूर्व राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे को अपने पद से जबरन इस्तीफा देना पड़ा. उनके इस्तीफ के बाद से श्रीलंका के संविधान में संशोधन करने की मांग की जा रही है, ताकि राष्ट्रपति की शक्तियों को कम करके संसद की शक्ति बढ़ाई जा सके. लेकिन, सूत्रों के हवाले से मीडिया में आ रही खबरों के अनुसार, श्रीलंका में राष्ट्रपति के मुकाबले संसद को अधिक शक्तियां प्रदान करने से संबंधित 22वें संविधान संशोधन विधेयक पर चर्चा एसएलपीपी पार्टी के भीतर असहमति के कारण स्थगित होने की संभावना है.

6-7 अक्टूबर को होनी है चर्चा

सूत्रों ने मंगलवार को यह जानकारी दी कि विधेयक पर छह और सात अक्टूबर को चर्चा होनी है. कैबिनेट 22वें संविधान संशोधन से संबंधित मसौदा विधेयक को मंजूरी दे चुकी है और अगस्त में इस संबंध में एक राजपत्र जारी किया गया था. 22वें संशोधन को मूल रूप से 21ए नाम दिया गया है और यह 20A की जगह लेगा. देश में चल रही आर्थिक उथल-पुथल के बीच यह संशोधन तैयार किया गया है, जिसके चलते राजनीतिक संकट भी पैदा हो गया है. इससे पहले साल 2020 में 19वें संशोधन को समाप्त करके 20ए पारित किया गया था, जिसके बाद पूर्व राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे को बेतहाशा अधिकार मिल गए थे.

सत्तारूढ़ एसएलपीपी में ही असहमति

सूत्रों ने कहा कि अब सत्तारूढ़ श्रीलंका पोदुजाना पेरामुना (एसएलपीपी) पार्टी के भीतर असहमति के कारण विधेयक पर चर्चा स्थगित की जा सकती है. एक सांसद ने नाम सार्वजनिक नहीं करने की शर्त पर मीडिया को बताया कि बुधवार को संसदीय समूह की बैठक में इससे संबंधित चिंताओं पर चर्चा की गई. अधिकांश सदस्यों ने महसूस किया कि आर्थिक संकट और सुरक्षा स्थिति को देखते हुए इस समय इसे स्थगित करना सही है.

Also Read: श्रीलंका के पूर्व दिग्गज ने विराट कोहली की जमकर की तारीफ, रवींद्र जडेजा को लेकर कह दी बड़ी बात
दो दिवसीय चर्चा अभी जारी

न्याय और संवैधानिक मामलों के मंत्री विजयदासा राजपक्षे ने बताया कि तीन या चार सदस्यों ने कुछ प्रावधानों के बारे में असहमति व्यक्त की थी. चिंताओं पर चर्चा के लिए उन्होंने बुधवार को संसदीय समूह के साथ फिर से बैठक करने का फैसला किया है. राजपक्षे ने कहा कि दो दिवसीय चर्चा अभी भी जारी है. उल्लेखनीय है कि देश की अर्थव्यवस्था को गलत तरीके से संभालने के लिए जुलाई के मध्य में राजपक्षे के खिलाफ व्यापक विरोध प्रदर्शन हुए थे, जिसके बाद वह देश छोड़कर भाग गए थे.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें