कोरोना संक्रमण का पता लगाने के लिए दुनियाभर के देशों में कई तरह के टेस्ट हो रहे हैं. ऐसे में फिनलैंड यूरोप का पहला देश है, जिसने एक अलग ही रास्ता चुना है. फिनलैंड में अब स्निफर डॉग कोरोना मरीजों की पहचान कर रहे हैं. वहां की सरकार ने एयरपोर्ट पर चार ऐसे स्निफर डॉग की तैनाती की है, जो यात्रियों को सूंघ कर संक्रमितों का पता लगा रहे हैं. ये कुत्ते 10 सेकेंड में संक्रमण का पता लगा सकते है. इसकी पूरी प्रक्रिया में एक मिनट से भी कम समय लगता है. दरअसल, फिनलैंड में इन स्निफर डॉग को ऐसी ट्रेनिंग दी गयी है, जिससे वे संक्रमण को सूंघ कर पता लगा लेते हैं. अब इसका पायलट प्रोजेक्ट फिनलैंड के हेलसिंकी वैंता एयरपोर्ट पर शुरू किया गया है.
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फिनलैंड 15 कुत्तों को खास तौर पर कर रहा तैयार
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एयरपोर्ट पर हो रही तैनाती
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ये कुत्ते 10 सेकेंड में संक्रमण का पता लगा सकते है
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दावा : 100 फीसदी एक्यूरेसी के साथ कोविड-19 का पता लगाने में सक्षम
इन कुत्तों की ट्रेनिंग फिनलैंड के अलावा लंदन में भी हुई है. फिनलैंड में स्मेल डिटेक्शन एसोसिएशन ने इन कुत्तों को ट्रेन किया है. फिलहाल, संक्रमितों की पहचान के लिए फिनलैंड में 15 कुत्तों को ट्रेनिंग दी जा रही है. इस काम में 10 इंस्ट्रक्टर लगे हुए हैं. संक्रमण की पहचान करने की ट्रेनिंग पाने वालों में कोसी नाम का एक रेस्क्यू डॉ भी है, जो कई राहत और बचाव अभियान का हिस्सा रहा है. इस कुत्ते को फिनलैंड ने स्निफर डॉग की ट्रेनिंग दी है, ताकि यह सूंघ कर संक्रमण का पता लगा सके. इससे पहले इस कुत्ते को कैंसर और डायबिटीज जैसी बीमारियों को सूंघ कर पता लगाने की ट्रेनिंग मिल चुकी है.
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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, एयरपोर्ट पर आने वाले यात्रियों को एक कपड़ा दिया जायेगा. इससे वे अपना गला और चेहरा पोछेंगे. उस कपड़े को एक बॉक्स में रखा जायेगा. एक अलग बूथ में डॉग हैंडलर इस बॉक्स को कई अन्य बॉक्स के साथ रखेगा. डॉग इसमें से कोरोना वायरस वाले बॉक्स की पहचान करेगा. एक बार में एक डॉग एक बॉक्स की पहचान करेगा.
हेलसिंकी यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर और जानवरों के क्लिनिकल रिसर्च की विशेषज्ञ एन्ना हिल्म ब्जर्कमैन ने कहा कि ये कुत्ते संक्रमण का पता किसी मरीज में लक्षण दिखने से 5 दिन पहले ही लगा लेते हैं. उन्होंने दावा किया कि ये स्निफर डॉग संक्रमण का पता लगाने में 100 फीसदी सक्षम हैं. हालांकि, हेलसिंकी एयरपोर्ट के अधिकारियों ने कहा, अभी तक कोरोना मरीजों को पहचानने में इन कुत्तों की एक्यूरेसी का पता नहीं चल पाया है.
ऐसे में मरीजों का स्वैब टेस्ट भी किया जा रहा है. ये स्निफर डॉग एक घंटे में लगभग 250 लोगों में संक्रमण डिटेक्ट कर सकते हैं. वहीं, लैब में होने वाली टेस्टिंग में करीब पांच घंटे लगते हैं. स्निफर डॉग यूनिट को यूनिवर्सिटी ऑफ हेलसिंकी की देखरेख में ट्रायल के लिए एयरपोर्ट पर तैनात किया गया है. अगर नतीजे सही रहे, तो यह प्रक्रिया आगे भी जारी रहेगी.
Post by : Pritish Sahay