मैक्सिको सिटी : वर्ष 2009 में एक अग्निकांड में मारे गए 49 बच्चों के अभिभावकों ने आरोप लगाया है कि समीप स्थित एक गोदाम में रखे सरकारी दस्तावेज नष्ट करने के लिए आग लगाई गई थी.
पूर्व में कहा गया था कि आग दुर्घटनावश लग गई थी. लेकिन अभिभावकों को जो सबूत मिले हैं उनसे जाहिर होता है कि यह आग दुर्घटनावश नहीं लगी थी.
पीड़ित परिवारों के वकील ने कल फेडरल अटॉर्नी जनरल के कार्यालय में एक शिकायत दर्ज कराई है. शिकायत में अभिभावकों ने आरोप लगाया है कि यह आग सोनोरा राज्य सरकार के वित्त विभाग द्वारा किराए पर लिए गए एक गोदाम में रखे दस्तावेज नष्ट करने के लिए जानबूझकर लगाई गई थी.
वकील गैबरियल अल्वारादो ने बताया कि यह दस्तावेज राज्य के 80 करोड़ डालर के कर्ज के बारे में थे.
गोदाम की आग समीपवर्ती एबीसी डे केयर सेंटर तक पहुंच गई जहां अंदर 141 बच्चे थे. सेंटर में दो ही आपात निकास द्वार थे जो बंद थे जिसकी वजह से 49 बच्चों की मौत हो गई और 70 अन्य घायल हो गए.
यह सेंटर ‘मैक्सिकन सोशल सिक्योरिटी इन्स्टीट्यूट’ के अंतर्गत आता है.
इस अग्निकांड में अपने चार साल के बच्चे जर्मन पॉल को गंवाने वाली ओफेलिया वाजक्वेज ने रोते हुए कहा, ‘‘हम शुरु से ही सच जानते थे. लेकिन जांचकर्ताओं को यह समझाना हमारे लिए बहुत मुश्किल था कि आग इरादतन लगाई गई थी. यह बहुत पीड़ादायक है.’’ सरकारी जांच में कहा गया था कि कागजों से भरे गोदाम में वातानुकूलित संयंत्र के गर्म हो जाने की वजह से आग लगी थी.
अभिभावकों का आरोप है कि तत्कालीन गवर्नर एडुआडरे बौर्स के एक सहायक के अंगरक्षक सहित तीन संदिग्धों ने दस्तावेज नष्ट करने के लिए आग लगाई थी.
गैबरियल ने कहा कि अंगरक्षक अग्निकांड के दो माह बाद मृत पाया गया था और उसके शरीर में नौ गोलियां लगी थीं.