ढाकाः बांग्लादेश की एक अदालत ने मंगलवार रात अंतिम घड़ी में कट्टरपंथी राजनीतिक संगठन जमात-ए-इस्लामी के नेता अब्दुल कादिर मुल्ला को राहत दे दी और उसे फांसी पर चढ़ाये जाने पर स्थगन लगा दिया. मुल्ला को 1971 के मुक्ति संग्राम के दौरान नरसंहार और बलात्कार को लेकर फांसी पर चढ़ाया जाना था.
सुप्रीम कोर्ट के रजिस्ट्रार ए के एम शम्सुल इस्लाम ने संवाददाताओं से कहा, ‘(सुप्रीम कोर्ट की) अपीलीय खंड के चैम्बर न्यायाधीश न्यायमूर्ति सैयद महमूद हुसैन ने बुधवार सुबह साढ़े दस बजे तक उसकी मौत की सजा स्थगित रखने का आदेश दिया.’’ स्थगन आदेश ऐसे समय में आया जब जेल अधिकारी मुल्ला (65) को आधी रात को फांसी पर चढ़ाने ही जा रहे थे. उसके परिवार के सदस्यों ने उससे पहले शाम को अंतिम बार उससे मुलाकात की थी.
खबरिया चैनलों ने खबर दी कि मुल्ला के वकील स्थगन अदेश लेकर ढाका केंद्रीय जेल पहुंचे. यह आदेश रात सवा दस बजे जारी हुआ. मुल्ला के वकीलों ने शीर्ष अदालत के उस फैसले की समीक्षा के लिए उनकी याचिका पर सुनवाई की गुजारिश की की थी जिसमें जमात नेता को मृत्युदंड सुनाया गया था.