इस्लामाबाद : तालिबान के साथ शांति वार्ता का माहौल बनाने के मकसद से पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत की सरकार ने खूबसूरत मलकंद प्रखंड से सेना को चरणबद्ध तरीके से हटाने को ‘‘सिद्धांतत: मंजूरी’’ प्रदान कर दी है. इस इलाके पर कभी प्रतिबंधित उग्रवादियों का कब्जा था.
शुरुआती चरण में बुनेर और शांगला जिलों से सुरक्षा बलों को हटाया जाएगा और यह काम मध्य अक्तूबर से शुरु होगा.मुख्यमंत्री आवास से जारी एक सरकारी बयान में कहा गया है कि प्रांतीय मुख्यमंत्री परवेज खटक ने नौशेरा के मलकंद प्रखंड से सेना को हटाने की घोषणा की है. खटक ने कहा कि इन दोनों जिलों से सेना को हटाए जाने के बाद अपर दीर , लोअर दीर और स्वात से चरणबद्ध तरीके से सेना को हटाया जाएगा.
संघीय सरकार द्वारा तहरीक ए तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के साथ शांति वार्ता शुरु करने की तैयारियों की पृष्ठभूमि में यह घोषणा हुई है. शांति वार्ता संबंधी फैसला एक सर्वदलीय बैठक में लिया गया था.पहाड़ी क्षेत्र में आतंकवाद को कुचलने के लिए तत्कालीन सरकार ने 2007 में मलकंद प्रखंड के कुछ हिस्सों में प्रशासन की मदद के लिए सेना को बुलाया था. इस प्रखंड में स्वात, बुनेर, शांगला, अपर दीर , लोअर दीर , चित्रल और मलकंड जिले शामिल हैं.
‘‘बाद में कुछ और सबूत मिलते हैं तो हम पूरक आरोप पत्र दायर करेंगे.’’पुलिस की ओर से यह कदम मामले की सुनवाई में तेजी के लिए मांग उठने की पृष्ठभूमि में उठाया जा रहा है. बीते 22 अगस्त को दक्षिण मुंबई के शक्ति मिल परिसर में फोटो पत्रकार के साथ कथित तौर पर सामूहिक बलात्कार किया गया था. इस मामले में पांच लोग आरोपी हैं.पिछले 10 सितंबर को महाराष्ट्र के गृह मंत्री आर आर पाटिल ने मुंबई पुलिस से कहा था कि एक सप्ताह के भीतर आरोप पत्र दाखिल किया जाए. पुलिस ने सलीम अंसारी, विजय जाधव, मोहम्मद कासिम हफीज शेख उर्फ कासिम बंगाली तथा सिरजा रहमान खान को गिरफ्तार किया है. मामले का एक अन्य आरोपी नाबालिग है.