वाशिंगटन : अमेरिका की पूर्व विदेश मंत्री मेडेलिन अलब्राइट का कहना है कि अमेरिका और भारत के बीच निकट संबंधों एवं सहयोग से पूरे विश्व को फायदा होता है.
अलब्राइट ने कल ‘विशेष साक्षात्कार के दौरान कहा, ‘‘ अमेरिका और भारत के बीच निकट संबंधों और सहयोग से बेशक दुनिया को लाभ होता है.’’ उन्होंने अगले सप्ताह दिल्ली में भारत और अमेरिका के बीच होने वाली चौथी सामरिक वार्ता से पहले कहा, ‘‘ हमारे लिए इस समय असैन्य परमाणु सहयोग समेत कई क्षेत्रों में आर्थिक एवं वाणिज्यिक संबंध विस्तृत और मजबूत करना महत्वपूर्ण है. इसके साथ ही हमारी सुरक्षा साझीदारी को भी मजबूत किया जाना बहुत अहम है.’’
अलब्राइट ने कहा, ‘‘ हमें साथ मिलकर अवसरों को भुनाने और चुनौतियों का सामना करने की जरुरत है. इस संदर्भ में अफगानिस्तान का भविष्य, चीन के साथ संबंध और पाकिस्तान से संबंध सुधारने के मुद्दे सूची में सबसे उपर हैं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘ इसके अलावा समाज में महिला सशक्तिकरण, खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने और पर्यावरण बदलाव पर एक आम नजरिया खोजना भी महत्वपूर्ण है.’’
हाल में भारत की यात्र करने वाली अलब्राइट ने कहा, ‘‘ मैंने हाल में भारत का दौरा किया था और इस दौरान सरकार एवं व्यापार जगत के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की थी. मैं व्यक्तिगत रुप से दोनों देशों के बीच न केवल अच्छे संबंधों का विश्वास प्रकट कर सकती हूं अपितु मेरा यह भी मानना है कि दोनों देशों के बीच निकट आर्थिक संबंधों, विस्तृत सांस्कृतिक आदान प्रदान और मजबूत राजनीतिक सहयोग के क्षेत्र में अब भी बहुत संभावनाएं है.’’
पूर्व विदेश मंत्री ने कहा, ‘‘ मैं जानती हूं कि विदेश मंत्री जॉन केरी भारत के दौरे, दोनों देशों के बीच संबंधों को मजबूत करने में अपनी भूमिका निभाने और परस्पर हित वाले कई मामलों पर चर्चा का इंतजार कर रहे हैं.’’ अलब्राइट ने कहा, ‘‘ हालांकि विदेश मंत्री के रुप में वह पहली बार भारत का दौरा करेंगे लेकिन इस महान देश में वह पहली बार नहीं जा रहे. सीनेटर के रुप में भी उन्होंने भारत में अमेरिकी कांग्रेस के व्यापार प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया था और वह उन मुद्दों के बारे में काफी कुछ जानते हैं जिनपर दोनों देशों को मिलकर काम करने की जरुरत है.’’
अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा और केरी को सांसदों और व्यापारिक संगठनों से मिलने वाले कई पत्रों के संबंध में पूछे जाने पर अमेरिकी राजनयिक ने कहा कि यह जरुरी है कि इस सामरिक वार्ता में कई पक्ष अपनी बात रखें.