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31 अगस्त को जापान यात्रा पर जाएंगे प्रधानमंत्री

नयी दिल्‍ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 31 अगस्त को जापान की चार दिवसीय यात्रा पर जाएंगे. इस यात्रा के दौरान असैन्य परमाणु सहयोग, सुरक्षा, रक्षा और व्यापार जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग को मजबूती प्रदान की जाएगी. 31 अगस्त से तीन सितंबर की अपनी जापान यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री जापान सम्राट अकीहितो से मुलाकात करेंगे […]

नयी दिल्‍ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 31 अगस्त को जापान की चार दिवसीय यात्रा पर जाएंगे. इस यात्रा के दौरान असैन्य परमाणु सहयोग, सुरक्षा, रक्षा और व्यापार जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग को मजबूती प्रदान की जाएगी. 31 अगस्त से तीन सितंबर की अपनी जापान यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री जापान सम्राट अकीहितो से मुलाकात करेंगे और साथ ही अपने समकक्ष शिंजो ऐबे के साथ शिखर वार्ता में भाग लेंगे.

विदेश मंत्रालय ने उनकी यात्रा की घोषणा करते हुए बताया, ‘भारत और जापान की सामरिक तथा वैश्विक भागीदारी है. प्रधानमंत्री की जापान यात्रा से भारत और जापान के बीच दोस्ती का रिश्ता मजबूत होगा.’ जापान सरकार ने एक बयान में तोक्यो में कहा कि वह सच्ची निष्ठा से भारतीय प्रधानमंत्री की यात्रा का स्वागत करता है जिससे दोनों देशों के बीच दोस्ती का रिश्ता और मजबूत होगा.

प्रधानमंत्री ऐबे के घर पर रात्रिभोज करेंगे मोदी

जापानी प्रधानमंत्री ऐबे भारतीय प्रधानमंत्री मोदी के सम्मान में रात्रिभोज का भी आयोजन करेंगे. मोदी को जुलाई में जापान की यात्रा पर जाना था लेकिन संसद के बजट सत्र के कारण इस यात्रा को स्थगित कर दिया गया. विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और उनके जापानी समकक्ष फुमिओ किशिदा की इस सप्ताह के शुरुआत में म्यांमा की राजधानी ने पी ता में पूर्वी एशिया शिखर बैठक से इतर मुलाकात हुई थी जिसमें मोदी की यात्रा से ‘बहुत-बहुत ठोस परिणाम’ हासिल करने के लिए जमीनी तैयारी की गयी.

इस बैठक में सुषमा ने किशिदा को संदेश दिया था कि भारत असैन्य परमाणु उर्जा करार पर बातचीत को जल्द से जल्द उसके तार्किक परिणाम पर लाने का इच्छुक है. असैन्य परमाणु उर्जा पर करार से भारतीय बाजार जापानी कंपनियों के लिए खुल जाएगा.

जापान ने भारत-अमेरिका परमाणु करार तथा अंतरराष्ट्रीय तकनीकी प्रतिबंधों से भारत को दी गयी छूट का समर्थन किया था लेकिन तोक्यो में उसके बाद आयी सरकारें वहां अप्रसार लॉबी के कडे प्रतिरोध के कारण राजनीतिक समर्थन हासिल करने में मुश्किलों का सामना कर रही हैं. इसके अलावा मार्च 2011 में जापान के फुकुशिमा परमाणु आपदा से पीडित होने के कारण भी असैन्य परमाणु सहयोग समझौते को लेकर बातचीत की रफ्तार धीमी हो गयी.

पूर्व प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह भी गये थे जापान

लेकिन इन सब के बावजूद भारत और जापान के रिश्ते आगे बढ रहे हैं. ऐबे ने 65वें गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रुप में शामिल होने के लिए भारत की यात्रा की थी. उस समय उन्होंने तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के साथ ‘समग्र’ शिखर बैठक की थी. सिंह भी पिछले साल मई में जापान की यात्रा पर गए थे जिस दौरान दोनों पक्षों ने विभिन्न क्षेत्रों, विशेषकर कारोबार और निवेश में सहयोग को आगे बढाने पर सहमति जतायी थी.

जापान के सम्राट अकीहितो और साम्राज्ञी मिचिको ने पिछले वर्ष 30 नवंबर को भारत की छह दिवसीय यात्रा की थी. 53 साल पहले दोनों युवराज और युवराज्ञी के रुप में भारत यात्रा पर आए थे. भारत, जापान को मुख्य रुप से पेट्रोलियम उत्पादों, लौह अयस्कों, जवाहरातों, समुद्री उत्पादों तथा रसायनों का निर्यात करता रहा है.

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