लाहौर : पाकिस्तान की एक अदालत ने लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक हाफिज मोहम्मद सईद की याचिका पर सुनवाई करीब चार महीने के लिए स्थगित कर दी है.
सईद ने याचिका दायर करके 2008 के मुंबई हमलों के मामले में अमेरिका में चल रहे मुकदमे में खुद के बचाव के लिए सरकार से कानूनी सहायता की मांग की है.
एक उप महाधिवक्ता ने लाहौर उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश उमर अता बांदियाल को कल बताया कि अमेरिका के विदेश एवं न्याय विभागों ने पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के पूर्व प्रमुख अहमद शुजा पाशा और अन्य पाकिस्तानी अधिकारियों को मुंबई हमलों के मामले में समन जारी करने पर अमेरिकी अदालत के अधिकार क्षेत्र को चुनौती दी है.
उप महाधिवक्ता ने कहा कि लाहौर उच्च न्यायालय को सईद की याचिका पर सुनवाई से पहले अमेरिकी अदालत के अधिकार क्षेत्र को चुनौती देने के मामले पर फैसले का इंतजार करना चाहिए.
इसके बाद मुख्य न्यायाधीश ने मामले की सुनवाई 24 सितंबर के लिए स्थगित कर दी.
मुंबई हमलों में अपनी जान गंवाने वाले दो अमेरिकी यहूदियों के संबंधियों ने अमेरिका में मामला दर्ज कराया था। इस हमले में नवंबर 2008 में 166 लोग मारे गए थे.
अमेरिकी नागरिक रब्बी गैब्रियल नोयाह होल्ट्जबर्ग और उनकी पत्नी रिवका की मुंबई हमलों में मौत हो गई थी। उनके संबंधियों ने तैयबा के सदस्यों और कई आईएसआई अधिकारियों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। उन पर हमलावरों को सामान मुहैया कराने का आरोप है.
अमेरिकी अदालत ने हाफिज सईद, पूर्व आईएसआई प्रमुख पाशा और नदीम ताज और अन्य पाकिस्तानी नागरिकों को समन जारी किए थे.
इससे पूर्व पाकिस्तानी सरकार ने लाहौर उच्च न्यायालय को सूचना दी थी कि वह केवल सेवारत और पूर्व सरकारी अधिकारियों को कानूनी सहायता मुहैया कराएगी और सईद जैसे गैर सरकारी लोगों को मदद मुहैया नहीं कराएगी.