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पाकिस्तान का थार: जहां गाय की क़ुर्बानी नहीं होती

<figure> <img alt="पकिस्तान के सूबे सिंध का थार रेगिस्तान" src="https://c.files.bbci.co.uk/1334D/production/_109996687_screenshot2019-11-28at18.03.03.png" height="549" width="976" /> <footer>BBC</footer> </figure><p><strong>न चोरी का डर</strong><strong>, </strong><strong>न ही डकैती </strong><strong>का ख़ौफ़ </strong><strong>,न पर्यावरण के दूषित होने की परेशानी और ना ही </strong><strong>परायेपन </strong><strong>का अहसास.</strong></p><p>ये है पकिस्तान के सूबा सिंध का थार रेगिस्तान, जहां संस्कृति, परंपरा और मूल्य आज भी अपनी असली शक्ल में […]

<figure> <img alt="पकिस्तान के सूबे सिंध का थार रेगिस्तान" src="https://c.files.bbci.co.uk/1334D/production/_109996687_screenshot2019-11-28at18.03.03.png" height="549" width="976" /> <footer>BBC</footer> </figure><p><strong>न चोरी का डर</strong><strong>, </strong><strong>न ही डकैती </strong><strong>का ख़ौफ़ </strong><strong>,न पर्यावरण के दूषित होने की परेशानी और ना ही </strong><strong>परायेपन </strong><strong>का अहसास.</strong></p><p>ये है पकिस्तान के सूबा सिंध का थार रेगिस्तान, जहां संस्कृति, परंपरा और मूल्य आज भी अपनी असली शक्ल में मौजूद हैं.</p><p>थार की गिनती दुनिया के बड़े रेगिस्तानों में होती है.</p><p>इसे फ्रेंडली डेज़र्ट भी कहा जाता है क्योंकि दूसरे रेगिस्तानों के मुक़ाबले यहां पहुंचना आसान है.</p><figure> <img alt="पकिस्तान के सूबे सिंध का थार रेगिस्तान" src="https://c.files.bbci.co.uk/79C1/production/_109996113_screenshot2019-11-28at18.33.55.png" height="549" width="976" /> <footer>BBC</footer> </figure><h3>कराची से मठी </h3><p>थार का ज़िला हेडक्वार्टर मठी है, ये शहर एक महिला के नाम पर बसा है.</p><p>कुछ मान्यताएं ऐसी भी हैं कि यहाँ माई मठा नाम की एक महिला का कुआं था जिसके पानी से मुसाफिर अपनी प्यास बुझाते थे.</p><p>मठी जाने के लिए उमरकोट, मीरपुर खास और बदीन से रास्ते आते हैं.</p><p>आज कल यहां कोयले से बिजली बनाने की परियोजना चल रही है, जिसकी वजह से यहाँ पहुंचना आसान हो गया है.</p><figure> <img alt="पकिस्तान के सूबे सिंध का थार रेगिस्तान" src="https://c.files.bbci.co.uk/2697/production/_109997890_screenshot2019-11-28at17.37.57.png" height="549" width="976" /> <footer>BBC</footer> </figure><p>आप राष्ट्रीय राजमार्ग पर यात्रा करते हुए मक्लि से सजावल, और वहां से बदीन और फिर वहां से थार की सीमा में दाखिल हो जाते हैं.</p><p>थार को मिलाने वाली सड़क अच्छी है और सभी छोटे बड़े शहरों को बाई पास दिए गए हैं. </p><p>इसलिए कराची से मठी पांच से छह घंटे में पहुंचा जा सकता है.</p><figure> <img alt="पकिस्तान के सूबे सिंध का थार रेगिस्तान" src="https://c.files.bbci.co.uk/FD6F/production/_109997846_screenshot2019-11-28at17.25.57.png" height="549" width="976" /> <footer>BBC</footer> </figure><p><strong>हिं</strong><strong>दू</strong><strong> मुस्लिम भाईचारा </strong></p><p>थार में हिंदू मुस्लिम सदियों से साथ रहते आए हैं. कभी यहाँ मुसलमान तो कभी हिंदुओं की सरकारें रही हैं.</p><p>ईद हो या होली का त्योहार, दशहरा हो या मुहर्रम दोनों धर्मों को मानने वाले इसमें शामिल होते हैं.</p><p>शहर में मौजूद दर्जन से ज़्यादा दरगाहों के प्रबंधक हिंदू हैं. इस शहर में गाय की क़ुर्बानी नहीं होती और न ही गाय का गोश्त बेचा जाता है.</p><figure> <img alt="पकिस्तान के सूबे सिंध का थार रेगिस्तान" src="https://c.files.bbci.co.uk/25C5/production/_109996690_gopr3498.jpg" height="549" width="976" /> <footer>BBC</footer> </figure><h3>गड़ी भट </h3><p>मठी शहर टीलों के बीच स्थित है, जिसकी आबादी लगातार बढ़ती जा रही है. सबसे बड़े टीले को गड़ी भट कहा जाता है. यहाँ पर एक चबूतरा भी बना हुआ है.</p><p>यहां पर तालपुर राजाओं के दौर की एक चेकपोस्ट भी है जो समय के साथ टूट गई है.</p><p>किसी ज़माने में गुजरात और राजस्थान से विदेशी आक्रमणकारियों और डाकुओं पर नज़र रखने के लिए ये चेकपोस्ट बनाई गई थी.</p><p>जैसे ही इस टीले के पीछे सूरज छिपता है, शहर की बत्तियां जगमगाती हैं तो ऐसा महसूस होता है जैसे किसी ने पूजा या मेहंदी की थाली में मोमबत्तियां सजा दी हों.</p><p>जबकि आसमान पर तारे इस मंज़र को और भी दिलकश बना देते हैं.</p><figure> <img alt="पकिस्तान के सूबे सिंध का थार रेगिस्तान" src="https://c.files.bbci.co.uk/2F89/production/_109996121_screenshot2019-11-28at18.26.34.png" height="549" width="976" /> <footer>BBC</footer> </figure><h3>संस्कृति और संगीत के रंग </h3><p>थार की दस्तकारी कराची, इस्लामाबाद समेत देश के कई बड़े शहरों में उपलब्ध है, जिसमें परंपारिक कपड़े, गर्म शॉलें, लेटरबॉक्स, वॉल पेंटिंग वगैरह शामिल हैं.</p><p>कुछ कपड़े आज भी ब्लॉक प्रिंटिंग पर बनाए जाते हैं. इनमे से कुछ चादरें आज भी खड्डी पर बनाई जाती हैं, जो मशीन की बनी हुई चादरों से ज़्यादा मज़बूत होती हैं.</p><p>मारवाड़ी गीत ‘कुड़ी नीम के नीचे हूँ तो हेकली’ से मशहूर होने वाली माई भागी का संबंध भी रेगिस्तान से था.</p><p>उनके अलावा आरिब फ़क़ीर, सादिक़ फ़क़ीर और मौजूदा करीम फ़क़ीर गायकी की रिवायत को जारी रखे हुए हैं. </p><p>मांगणहार क़बीले के ये गायक स्थानीय भाषा ढाटकी, सिंधी और उर्दू में गाते हैं.</p><p>गीत संगीत का शौक़ रखने वाले पर्यटक इन्हे निजी महफ़िलों और गेस्ट हाउस पर बुला कर सुनते हैं.</p><figure> <img alt="पकिस्तान के सूबे सिंध का थार रेगिस्तान" src="https://c.files.bbci.co.uk/9131/production/_109996173_gopr3468.jpg" height="549" width="976" /> <footer>BBC</footer> </figure><h3>संत नेटू मराम आश्रम </h3><p>मठी से लगभग 40 किलोमीटर दूर इस्लाम कोट स्थित है. थार कोयले से बिजली की पैदावार करने की वजह से ख़ास शहर है जिसके नज़दीक एयरपोर्ट भी है.</p><p>किसी ज़माने में इस शहर को नीम के पेड़ों का शहर कहा जाता था. यहां बड़ी संख्या में नीम के पेड़ हुआ करते थे. शहर के अंदर एक ज्ञानी संत नेटू राम का आश्रम है.</p><p>कहा जाता है कि थार में जब सूखा पड़ता था और यहाँ से मुसाफिर गुज़रते थे तो ये संत सभी लोगों से चंदा जमा करके चावल बनाते थे और जिन्हें वो खुद आवाज़ लगा कर मुसाफिरों को खिलाते थे.</p><p>सेवा के इस रास्ते को अभी तक बनाए रखा गया है.</p><p>उनके आश्रम में इंसानों के अलावा पशु, पक्षियों के लिए दाने-पानी का भी इंतज़ाम है और यहां आने वाले मुसाफिरों से धर्म नहीं पूछा जाता.</p><figure> <img alt="पकिस्तान के सूबे सिंध का थार रेगिस्तान" src="https://c.files.bbci.co.uk/16F7/production/_109997850_img_8339.jpg" height="549" width="976" /> <footer>BBC</footer> </figure><h3>चुनैरे और लांढिया </h3><p>थार में ज़्यादातर लोग उगलू नुमा कच्चे कमरों में रहते हैं,इनकी छतें घास से बनी हुई होती हैं जो गर्मी में ठंडे रहते हैं. हर साल या दूसरे साल के बाद इन पर ताज़ा घास लगाई जाती है. इसके अलावा सीमेंट और मिट्टी से बने हुए कमरे भी होते हैं जिनको लांढी कहा जाता है.</p><figure> <img alt="थार में अधिकांश लोग उगलू नुमा कच्चे कमरों में रहते हैं,इनकी छतें घास से बनी होती हैं." src="https://c.files.bbci.co.uk/14B8F/production/_109997848_screenshot2019-11-28at17.28.29.png" height="549" width="976" /> <footer>BBC</footer> </figure><p>यहाँ पानी आम तौर पर कुंए से लिया जाता है जिसके लिए गधे, ऊँट या बैल का प्रयोग किया जाता है. कुंओं से पानी निकलने की ज़िम्मेदारी पुरुषों की है जबकि घरों तक पानी महिलाएँ ले जाती हैं. बदलते समय के साथ देहातों में अब ट्यूबवेल आ गए हैं इस लिए सिरों पर पकानी के दो से तीन मटके रख कर चलने वाली महिलाऐं बहुत काम नज़र आती हैं.</p><figure> <img alt="थार" src="https://c.files.bbci.co.uk/E721/production/_109996195_screenshot2019-11-28at18.04.24.png" height="549" width="976" /> <footer>BBC</footer> </figure><h3>थार की नवाज़ी </h3><p>थार में सूखा हो या बरसात के बाद की खुशहाली यहाँ के लोग मेहमान नवाज़ हैं. अगर आप कहीं गांव के क़रीब रुक गए हैं तो मुसाफिरों की मदद करना और उनकी मेहमान नवाज़ी स्थानीय लोगों की परंपरा में शामिल हैं.</p><figure> <img alt="थार" src="https://c.files.bbci.co.uk/4CD5/production/_109996691_screenshot2019-11-28at17.37.09.png" height="549" width="976" /> <footer>BBC</footer> </figure><p>पुरुष क़मीज़ सलवार या लुंगी जबकि मुस्लिम महिलाएं क़मीज़ ,सलवार और हिंदू महिलाएँ घाघरा या कुछ साड़ी पहनती हैं. महिलाओं के कपड़े ज़्यादातर शोख रंगों के होते हैं, जिनमें से कुछ पर कढ़ाई भी होती है. </p><figure> <img alt="थार" src="https://c.files.bbci.co.uk/81F5/production/_109996233_screenshot2019-11-28at17.43.12.png" height="549" width="976" /> <footer>BBC</footer> </figure><h3>थार का मौसम </h3><p>पकिस्तान के सरकारी टीवी चैनल के लिए थार रेगिस्तान पर असगर नदीम सैयद के लिखे ड्रामे ‘आख़िरी गीत’ के एक डायलॉग में आबिद अली रूही बानों को संबोधित करते हुए कहते हैं ‘थार की हवा आदमी को आशिक़ बना देती है’.</p><p>वास्तव में जैसे ही सूरज ढलता है तो रन ऑफ़ कच्छ से आने वाली हवाएं मौसम को खुशगवार कर देती हैं और आसमान पर टिमटिमाते तारे इस नज़ारे की खूबसूरती को और बढ़ने की वजह बन जाते हैं.</p><figure> <img alt="थार" src="https://c.files.bbci.co.uk/73E5/production/_109996692_screenshot2019-11-28at17.58.34.png" height="549" width="976" /> <footer>BBC</footer> </figure><h3>मोर और हिरन </h3><p>थार के ज़्यादातर गांवों में मोर घूमते फिरते नज़र आएंगे जो सुबह को घरों में दाना चुगने आते हैं और फिर जंगलों में चले जाते हैं और शाम को फिर लौटते हैं. जहाँ हिंदू आबादी है वहां इन मोरोन की तादाद ज़्यादा है क्योंकि इसे श्री कृष्णा और सरस्वती देवी से जोड़ा जाता है.</p><p>कुछ देहातों की पंचायतों ने मोर पकड़ने या बेचने पर जुर्माना भी लगाया हुआ है.</p><figure> <img alt="थार" src="https://c.files.bbci.co.uk/FB0D/production/_109996246_screenshot2019-11-28at17.26.37.png" height="549" width="976" /> <footer>BBC</footer> </figure><p>थार में हिरन और नील गायें भी पाई जाती है जो भारत के सीमाई इलाक़ों, रन ऑफ़ कच्छ के नज़दीक देखी जा सकती हैं. इनके शिकार पर पाबंदी है और सीमाई फौज रेंजर्स इसकी निगरानी करते हैं.</p><figure> <img alt="थार" src="https://c.files.bbci.co.uk/1495/production/_109996250_screenshot2019-11-28at17.36.00.png" height="549" width="976" /> <footer>BBC</footer> </figure><h3>नंगर पारकर और जैन मंदिर </h3><p>मठी से लगभग 130 किलोमीटर दूर पुराना शहर नंगर पारकर स्थित है, कारोनझर पहाड़ी ने इस शहर को जैसे गोद में ले रखा है. लाल ग्रेनाइट पत्थर के इस पहाड़ का रंग सूरज की रौशनी के साथ बदलता नज़र आता है.</p><figure> <img alt="थार" src="https://c.files.bbci.co.uk/1823F/production/_109997889_img_7019.jpg" height="549" width="976" /> <footer>BBC</footer> </figure><p>यहां धर्म के कई पवित्र स्थान भी हैं जिनमें एक को साधडु धाम कहा जाता है जहां हिंदू मरने वालों के अवशेष जलाते हैं.</p><figure> <img alt="थार" src="https://c.files.bbci.co.uk/1341F/production/_109997887_screenshot2019-11-28at18.33.12.png" height="549" width="976" /> <footer>BBC</footer> </figure><p>कुछ मान्यताओं के अनुसार महाभारत में जब कौरवों ने पांडवो को 13 साल के लिए ज़िलावतन किया, तो पांच पांडव इस पहाड़ पर आकर बस गए थे. उनके नाम से पानी मौजूद हैं. नंगर पारकर पहाड़ से शहद और जड़ी बूटियों समेत लकड़ियां लाई जाती हैं. एक कहावत है कि कारोनझर रोज़ सवा सेर सोना पैदा. </p><figure> <img alt="थार" src="https://c.files.bbci.co.uk/669D/production/_109996262_img_7670.jpg" height="549" width="549" /> <footer>BBC</footer> </figure><p>नंगर पारकर शहर और इसके आसपास में जैन धर्म के मंदिर भी स्थित हैं जो बारहवीं सदी में बनाए गए थे. शहर में मौजूद मंदिर की दोबारा से मरम्मत की जा रही है.जबकि शहर से बहार मंदिर खस्ता हाल हैं.</p><p>इनके साथ एक क़दीम मस्जिद वहीं स्थित है. विभिन्न मान्यताओं के अनुसार इस मस्जिद का निर्माण गुजरात के मुस्लिम हुक्मरान ने कराया था. कुछ इतिहासकार इसको दिल्ली के हुक्मरानों के साथ जोड़ते हैं.</p><p>नामोर आर्केलॉजिस्ट डॉक्टर कलीमुल्लाह लशारी का कहना है के ये इलाक़ा जैन धर्म का गढ़ है.</p><figure> <img alt="थार" src="https://c.files.bbci.co.uk/10AAD/production/_109996286_img_0982.jpg" height="549" width="549" /> <footer>BBC</footer> </figure><p>वो बताते हैं तेहरवीं सदी तक जैन धर्म ने व्यापार में तरक़्क़ी की और जब इनकी आर्थिक स्थिति मज़बूत हुई, तो इन्होने इन मंदिरों का निर्माण कराया. मौजूदा मंदिर बारहवीं और तेहरवीं सदी के बने हुए हैं.</p><p><a href="https://www.bbc.com/hindi/vert-fut-50575915?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">बालूः जिसके लिए लोग ख़ून बहाने को तैयार</a></p><p><a href="https://www.bbc.com/hindi/international-49799472?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">सिंध के घोटकी में क्यों भड़की हिंसा?</a></p><p><strong>(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप </strong><a href="https://play.google.com/store/apps/details?id=uk.co.bbc.hindi">यहां क्लिक</a><strong> कर सकते हैं. आप हमें </strong><a href="https://www.facebook.com/bbchindi">फ़ेसबुक</a><strong>, </strong><a href="https://twitter.com/BBCHindi">ट्विटर</a><strong>, </strong><a href="https://www.instagram.com/bbchindi/">इंस्टाग्राम</a><strong> और </strong><a href="https://www.youtube.com/bbchindi/">यूट्यूब</a><strong> पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)</strong>۔</p>

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